100 रुपए में ले 50 हजार के पटाखों का मजा
दीपावली के पटाखे तो दशहरे से ही फूटने लगे हैं। ऐसे में जबकि अब दीपावली बस आने ही वाली है, ऐसे में हमें बरसों पुराना का जोक याद आ रहा है जो हम अपने ब्लाग बिरादरी के मित्रों के लिए पेश कर रहे हैं। यह जोक जाने-माने हांस्य अभिनेता जानी लीवर का है जो उन्होंने काफी पहले सुनाया था। वैसे इस जोक को उनके अंदाज में सुनने में मजा आता है फिर भी हम बता रहे हैं कि कैसे आप भी 100 रुपए खर्च करके 50 हजार के पटाखों का मजा ले सकते हैं।
एक मद्रासी भाई के घर के पास में एक कंजूस सिंधी भाई रहते हैं। दीपावली के समय में उनके घर से दे दना दना पटाखों की आवाजें लगातार आती हैं। मद्रासी भाई हैरान हो जाते है और सोचते हैं कि यार ये सिंधी भाई तो बहुत ज्यादा कंजूस हैं फिर उनके घर में इतने पटाखे आखिर फूट कैसे रहे हैं आखिर बात क्या है? कम से कम 50 हजार के पटाखे तो फोड़ दी दिए होंगे? क्या अपने सिंधी भाई की लाटरी लग गई है?
मद्रासी भाई से रहा नहीं जाता है और वे पहुंच जाते हैं कि जानने के लिए कि आखिर माजरा क्या है।
मद्रासी भाई सिंधी भाई से पूछते हैं- चेला रामानी जी आखिर बात क्या है इतने ज्यादा पटाखे फोड़ रहे हैं कम से कम 50 हजार के पटाखे तो फोड़ ही दिए होंगे। क्या बात है क्या कोई लाटरी वाटरी लग गई है क्या?
सिंधी भाई- अना तू चरया (पागल) हो गया है, क्या बात करता है यार हम भेड़ा 50 हजार का फटाखा फोड़ेगा। अरे बाबा साई हम 100 रुपए का पटाखा लाया और उसको फोड़ा और टेप में रिकॉर्ड कर लिया। अरे बाबा अब हम उसी टेप का कैसेट बजाता है नी। समझा की नहीं।
13 टिप्पणियाँ:
बहुत मजेदार !!
मज़ेदार
बहुत सुन्दर -- मजा आ गया
समझ गया// :) वाह रे सिंधी भाई..तेरी जय हो!!!
बहुत मजेदार
लाजवाब
:)
अच्छा हो गया बता दिया, नही तो फ़टाकों के चक्कर में मद्रासी की जरुर वाट लग जाती, बहुत ही बढिया,
राम-राम सांई
हरे राम साईं!
bahut mazedaar
बट ये सिन्धी भाइयों के साथ कंजूस और बनिया मेंटालिटी का स्टीरियोटाइप क्यों है? मैंने भी थोड़े से सिन्धी ऐसे देखे हैं पर हर सिन्धी ऐसा नहीं होता.
वैसे आईडिया बुरा नहीं है :)
bahut khoob..........muskurahat bikher di aapne
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