नापसंद के चटके वाला बाक्स बैर ही पैदा करेगा
ब्लागवाणी वालों ने ऐलान किया है कि अब पसंद के साथ नापसंद के चटके वाला भी एक बाक्स बनाया जाएगा। एक तो सोचने वाली बात यह है कि इस बक्से की जरूरत क्या है? अगर ऐसा किया जाता है तो यह बात तय है कि इस बक्से से फायदा तो नहीं होगा बल्कि उल्टे ब्लागरों के बीच बैर जरूर पैदा हो जाएगा। अगर हमें कोई ब्लागर पसंद नहीं है तो हम बार-बार उसके ब्लाग में जाकर नापसंद वाले बाक्स में चटका लगा देंगे। ऐसे में क्या ब्लागरों में आपस में दुश्मनी नहीं होगी। हमारा ऐसा मानना है कि ऐसे किसी भी बाक्स को प्रारंभ करने से ब्लागवाणी को गंभीरता से इस दिशा में सोच लेना चाहिए कि इसका नतीजा कितना घातक हो सकता है। अगर हमें किसी का लिखा पसंद ही नहीं है तो यही काफी है कि हम उसे पढ़ेंगे ही नहीं, फिर अलग से नापसंद का चटका लगाने की क्या जरूरत है।
इस बारे में ब्लाग बिरादरी के मित्र क्या सोचते हैं जरूर बताएं ताकि ब्लागवाणी वालों को भी मदद मिल सके और सोचना पड़े कि उनको नापसंद के चटके वाला बाक्स लगाना चाहिए या नहीं?
इस बारे में ब्लाग बिरादरी के मित्र क्या सोचते हैं जरूर बताएं ताकि ब्लागवाणी वालों को भी मदद मिल सके और सोचना पड़े कि उनको नापसंद के चटके वाला बाक्स लगाना चाहिए या नहीं?
10 टिप्पणियाँ:
ठीक कहते है आप
जितने खुलासे हुए हैं उस के बाद पसंद का ही क्या महत्व रह गया है? फिर नापसंद?
राजकुमार जी !!
वैसे किसी को पता नहीं चलेगा कि किसने नापसंद का चटका लगाया ?
बाकी पसंद - नापसंद को माया समझिये और काम पर चलिए!!
<"मिड डे मील ....... पढ़ाई-लिखाई सब साढ़े बाइस !!"
राजकुमार जी, आपकी चिंता सही है, यही मुद्दा मैंने कल आपकी पोस्ट पर अपनी टिप्पणी में एक प्रश्न के ज़रिए पूछा था...
पसंद ने क्या कम दुश्मनियाँ की है , राजकुमार जी? जो आप कह रहे हैं कि नापसंद के चटके वाला बॉक्स बैर ही पैदा करेगा!!
बी एस पाबला
आपके विचार से मैं भी सहमत। पसंद बटन होना चाहिए पर नापसंद नहीं।
राज भाई ..हमारे विचार से तो सारे बटन तोड डाले जायें..और शर्ट को खुला कर दिया जाये..लहराने के लिये..या सिर्फ़ कुरता ही दिया जाये पहनने के लिये...वो भी बिना बटन वाला ही हो.....
अगर लिखे में दम होगा तो वह अपनी जगह और अपने पाठक अपने आप ढूंढ लेगा....रही बात उपयोग दुरूपयोग की ..दोनो ही पहलू साथ साथ चलते हैं..सो चलेंगे ही..वैसे इस बटन का औचित्य तो मुझे भी कुछ खास समझ में नहीं आया..
पसंद....नापसंद...हू केयर्स:)
ये सब चोचले हैं।
नापसंद का चटका लगाने की जरूरत है। nice
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