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शुक्रवार, अक्तूबर 16, 2009

ईमानदार एएसपी ने मारा मंत्री के मुंह पर इस्तीफा



छत्तीसगढ़ में एक तरफ जहां भ्रष्ट मंत्री और अफसर बेसुमार हैं तो ईमानदार अफसरों की भी कमी नहीं है। पुलिस जैसे विभाग के एक ईमानदार एएसपी शशिमोहन सिंह ने इस्तीफा सीधे तौर पर मंत्री के मुंह पर मारा है। अभी उनके इस्तीफे के एक दिन पहले ही नगर निगम के ईमानदार आयुक्त अमित कटारिया को राजनीति के खेल में हटाया गया था। अब इससे पहले की शशिमोहन सिंह का भी हश्र ऐसा ही होता उन्होंने इस्तीफा देने में भला समझा और सीधे इस्तीफा देकर चर्चा में आ गए है।

वास्तव में यह अपने देश का दुर्भाग्य है कि यहां पर ईमानदार लोगों को न तो काम करने दिया जाता है और न ही चैन से जीने दिया जाता है। ईमानदारी किस चिडिय़ां का नाम है यह तो कम से कम अपने देश के मंत्री और नेताओं के साथ 90 प्रतिशत अफसरों को मालूम ही नहीं है। मालूम भी है तो इससे हासिल कुछ नहीं हो सकता है, यह बात वे जानते हैं ऐसे में इससे कोई नाता नहीं जोडऩा चाहता है। बेईमानी की रोटी खाने की जिनकी आदत पड़ चुकी है वे भला कैसे ईमानदारों की कद्र कर सकते हैं।
अपने राज्य छत्तीसगढ़ में इस समय दो अधिकारी ईमानदारी की वजह से बहुत ज्यादा चर्चा में हैं। नगर निगम रायपुर के आयुक्त अमित कटारिया को ईमानदारी का यह इनाम मिला कि उनको निगम के आयुक्त पद से हटा दिया गया। हम अभी इस पर कुछ नहीं लिखना चाह रहे हैं क्योंकि इस पर पहले ही अनिल पुसदकर लिख चुके हैं। हम तो यहां पर चर्चा कर रहे हैं पुलिस विभाग के उन ईमानदार अधिकारी शशिमोहन सिंह की जिनको नकली खोवे के आरोपियों को छोडऩे के दबाव के कारण इस्तीफा देना पड़ा।

छत्तीसगढ़ में दीपावली के कारण लगातार नकली खोवा पकड़ में आ रहा है। ऐसे में एक मामले में एएसपी शशिमोहन सिंह ने तेलीबांधा इलाके में 25 बोरी खोवा जब्त किया। इस मामले के बाद मालूम हुआ कि खोवे का यह कारोबार करने वाले एक मंत्री के करीबी हैं। ऐसे में आने लगा दबाव मामले को रफा-दफा करने के लिए। इस मामले को लेकर एएसपी को अपने आला अफसरों की फटकार भी खानी पड़ी। इस फटकार के बाद शशिमोहन सिंह इतने ज्यादा विचलित हुए कि उन्होंने इस्तीफा ही दे दिया। यह कदम उनका एक अच्छा कदम है। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया होता तो जरूर उनको ईमानदारी के तोहफे के रूप में तबादला आदेश ठीक उसी तरह से थमा दिया जाता जिस तरह से अमित कटारिया को थमाया गया था।

अमित कटारिया और शशिमोहन सिंह के मामले ऐसे हैं जो अपने देश के राजनीति के गंदे चेहरे को एक बार फिर उजागर करते हैं। यह कोई नई बात नहीं है हमेशा से ही राजनीति में ईमानदार अफसरों की बलि ली जाती है। यही कारण है कि अपने देश में ईमानदार अफसरों की फसल उगनी ही बंद हो गई है। भूले भटके कोई ईमानदार अफसर सामने आता है तो उनका भी ऐसा ही हश्र होता है, ऐसे में या तो ईमानदार अफसर नौकरी छोड़ देते हैं या फिर वे काम ही नहीं करते हैं।

देश में ईमानदार अफसरों को भ्रष्ट बनाने का काम तो अपने नेता और मंत्री ही करते हैं। कोई भी अफसर यही सोचता है कि जब मंत्री को पैसे लेकर ही मामले को समाप्त करना है तो मैं ही क्यों न पैसे लेकर किसी भी मामले को समाप्त कर दूं। यही एक मानसिकता ईमानदारों को भी भ्रष्ट बना देती है। यह बात हर क्षेत्र में लागू होती है। यही बात आज मीडिया में भी लागू है। मीडिया में भी कम भ्रष्टाचार नहीं है।

15 टिप्पणियाँ:

निर्मला कपिला शुक्र अक्तू॰ 16, 09:05:00 am 2009  

चलो शुरुआत तो हुई सलाम है उसां अफसर को । दीपावली की शुभकामनायें

Unknown शुक्र अक्तू॰ 16, 09:13:00 am 2009  

छत्तीसगढ़ से ईमानदारी का अलख निकल कर पूरे देश में क्रांति लाए यही आशा करते हैं। दीपावली की बधाई

guru शुक्र अक्तू॰ 16, 09:17:00 am 2009  

ईमानदार अफसर को मैं भी नमन करता हूं गुरु

sanjay varma,  शुक्र अक्तू॰ 16, 10:00:00 am 2009  

मंत्रियों के मुंह पर ऐसे ही इस्तीफे मारने वाले अफसरों की जरूरत है अपने देश को

बेनामी,  शुक्र अक्तू॰ 16, 11:06:00 am 2009  

एक इमानदार अफसर का नौकरी छोड़ देना अच्छा कदम है? और उस बेईमान, चोरों के बाप नेता का कुर्सी पर बना रहना?

कम से कम उस चोर का नाम तो जाहिर किया होता!

दीपक 'मशाल' शुक्र अक्तू॰ 16, 11:28:00 am 2009  

achchha laga sun aur dekh ke, ek achchchi pahal lekin ek hissa is tantra ka aap bhi ban gaye jinhone dar ke ya kisi aur karan us mantri aur afsar ka naam chhipa liya.
khair maine bhi kuchh-kuchh aisi hi shuruaat ki hai dekhiye http://swarnimpal.blogspot.com/ pe.

Anil Pusadkar शुक्र अक्तू॰ 16, 12:18:00 pm 2009  

जय हो शशिमोहन की ,जय अमित कटारिया की,जय हो ईमानदारी की,जय हो छत्तीसगढ की,जय हिंद्।लेकिन उस चोर का मान भी बता दो और उसे बचाने वाले मत्री-संत्री का।

ब्लॉ.ललित शर्मा शुक्र अक्तू॰ 16, 01:25:00 pm 2009  

जय हो, अनील भैया के सवाल का जवाब दे दो, उस हमाम का पता बता दो।

राज भाटिय़ा शुक्र अक्तू॰ 16, 04:58:00 pm 2009  

बहुत सुंदर,शशिमोहन जेसे लोगो को ओर शशिमोहन जी को सलाम, अच्छा होता आप इस हरामी नेता का नाम भी बता देते.... अब जनता को आगे आना चाहिये ओर उस कुते मिलावती मेवा बेचने ओर ओर उस मत्री को जेल मे डलवा कर च्क्की पिस्वानी चाहिये, या फ़िर जनता को ही इन्हे पकड कर सजा दे देनी चाहिये, अब वक्त आ गया है जनता के जागने का.
धन्यवाद इस खबर के लिये


आपको और आपके परिवार को भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !

दिनेशराय द्विवेदी शुक्र अक्तू॰ 16, 05:04:00 pm 2009  

राजनीति के इस गंदे चेहरे को सब जानते हैं और पहचानते हैं। काजल की कोठरी में रह कर अपने को पाकसाफ बनाए रखते हुए जनहित में काम करने वाले लोगों को मेरा नमन!
मंत्रीमंडल से ले कर नौकरशाही तक फैला यह भ्रष्टतंत्र ही समस्याओं की जड़ है। इसी के कारण नक्सलवाद जैसी बीमारियाँ पनपती हैं और व्यवस्था उस से मुकाबला नहीं कर पाती।

इष्ट देव सांकृत्यायन शुक्र अक्तू॰ 16, 05:37:00 pm 2009  

आगे-आगे देखिए होता है क्या.........

Udan Tashtari शुक्र अक्तू॰ 16, 06:44:00 pm 2009  

सलाम बहादुर को!!

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

-समीर लाल ’समीर’

बेनामी,  शुक्र अक्तू॰ 16, 10:50:00 pm 2009  

मीडिया में भी भ्रष्टाचार है यह बात आपने ठीक लिखी है

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