कैसा है हमारे राजतंत्र का नया चोला
कल जब हम रात को करीब 12.15 बजे घर पहुंचे तो हमारी धर्मपत्नी ने घर में घुसते साथ एक खुशखबरी सुनाई कि आपके राजतंत्र का चोला बदल दिया है। हमें नींद तो बहुत आ रही थी, पर राजतंत्र के नए चोले को देखने का मोह त्याग नहीं सके और बैठ गए कम्प्यूटर पर। राजतंत्र खोलते ही हमारे सामने इसका जो नया रूप आया, वह बहुत पसंद आया।
हम काफी दिनों से राजतंत्र का चोला बदलने के बारे में सोच रहे थे। हमारे कई मित्रों को शिकायत थी कि राजतंत्र खुलने में काफी समय लगता है। ऐसे में सोच रहे थे कि इसका चोला बदल दिया जाए। लेकिन हम क्या करते, एक तो हमें यह सब आता नहीं है, और दूसरा यह कि हमारे पास समय भी नहीं है। वैसे भी हमारे राजतंत्र का सारा लेआउट तय करने का काम हमारी धर्मपत्नी ही करती हैं, हम तकनीकी मामले में अनाड़ी ही हैं। हमें तो बस लिखना ही आता है, बाकी सब हम नहीं जानते हैं। हमने काफी समय से पत्नी जी से कह रखा था कि राजतंत्र का गेटअप बदलना है, पर उनका भी क्या कसूर, घर के काम से समय मिले तब तो राजतंत्र का चोला बदला जाता।
अचानक उन्होंने कल समय निकाला और बैठ गईं हमारी बिटिया स्वप्निल के साथ राजतंत्र को एक नया रूप देने के लिए। मां-बेटी ने मिलकर राजतंत्र का जो चोला बदला है, वह आप सबके सामने है। अब यह तो आप लोगों को बताना है कि यह चोला कैसा है। इसी के साथ हम ब्लाग बिरादरी के मित्रों के साथ अपने पाठकों से यह भी जानना चाहते हैं कि अब राजतंत्र खुलने में परेशानी तो नहीं हो रही है। आपके विचारों का स्वागत है।
8 टिप्पणियाँ:
चोला पसंद आया
भाभी जी को बधाई
आपको पका पकाया मिल गया
इसके हेडर को 978x200 पिक्सल मे रखे, फ़िर फ़िट हो जाएगा। बाकी सब सही है
आपको भी बधाई
अब पहुंच रहे हैं आज, पार्टी लेने के लिए
ठंडे मौसम के कंपकंपाता मन गुलाबी गुलाबी हुआ .. सपरिवार आपको बहुत बधाई .. सचमुच अच्छा लगा !!
बहुत सुन्दर चोला, बधाई.
आपके मित्र ने भी बिगुल बजाई है.
क्षमा करें बिगुल का लिंक ठीक से लग नहीं पाया.
यूआरएल से देखें
http://www.sonirajkumar.blogspot.com
पहले पोस्ट से नीचे आपका ब्लाग काफी देर से खुलता था, हम आपके ब्लागपर क्लिक करके ब्लागवाणी से दूसरे ब्लाग देखते थे और बाद में आपके ब्लाग पर आते थे.
आज यह ब्लाग तुरन्त पूरा खुल गया और पहले से बेहतर भी है.
रवि जी,
यह जानकारी देने के लिए धन्यवाद कि अब हमारा ब्लाग ठीक से खुल रहा है और पहले से बेहतर है। हम यही तो अपने ब्लाग बिरादरी के मित्रों से जानना चाहते हैं, अगर कोई कमी दिखे तो हमारे मित्र जरूर बताएं ताकि उसको दूर किया जा सके।
बधाई हो राजकुमार्।
अनिल जी,
स्वागत है आपका इस नए साल में। बहुत दिनों बाद नजर आएं हैं। काफी दिनों से आपका लिखा कुछ पढऩे को भी नहीं मिला है, जल्दी कलम चलाएं और कुछ नए ताजा बताएं।
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