कौन है बीबी नंबर वन?
पढ़ी-लिखी हो बीबी काम कुछ करती नहीं
सास-ससुर की बात क्या पति से भी डरती नहीं।।
सुबह दस बजे तक आराम से सोती रहती हैं
उठते साथ पति को बेड-टी का आर्डर देती हैं।।
फिर पति को हो चाहे दफ्तर के लिए देर
बनाने पड़ते हैं पत्नी के लिए तीतर-बटेर।।
शाम को जब श्रीमान दफ्तर से आते हैं
घर में जमी हुई किटी पार्टी पाते हैं।।
सबके लिए करना पड़ता है नाश्ता तैयार
कर्ज लेकर चाहे क्यों न होना पड़े कंगाल ।।
मगर फिर भी श्रीमती जी को समझ नहीं आती है
रोज नई-नई फरमाईशें पूरी करवाती हैं।।
जिस दिन कोई फरमाईश पूरी नहीं हो पाती
घर से साथ पति देव की भी है सामत आती।।
दर्पण, सोफे, कुर्सियां बहुत कुछ टूटते हैं
इतना ही नहीं पति देव भी बेलन से कुटते हैं।।
इन सबके बाद श्रीमती का सिर दुखने लगता है
फिर पति देव को उनका सर भी दबाना पड़ता है।।
पढ़ी-लिखी से शादी करने का यही अंजाम होता है
पति को बीबी का गुलाम बनना पड़ता है।।
इसलिए पढ़ी-लिखी से अनपढ़ बीबी अच्छी होती है
सास-ससुर को मां-बाप पति को परमेश्वर समझती है।।
घर की चार दीवारी को ही अपना स्वर्ग समझती है
कभी घर में कोई किटी पार्टी जैसे काम नहीं करती है।।
पति की सेवा को ही अपना धर्म समझती है
सास-ससुर का सम्मान अपना कर्तव्य समझती है।।
मुसीबत में अपने पति को हौसला भी देती हंै
गम को गले लगातर खुशियां सबको देती हैं।।
घर की आन की खातिर जान निछावर करती हैं
सबके दुखों को अपने आंचल में समेट लेती हैं।।
भले दुनिया इसे अनपढ़ और गंवार कहती है
मगर पढ़ी-लिखी से यह लाख अच्छी होती हैं।।
अब आप ही बताएं जनाब कौन सी
बीबी नंबर वन होती है।।
नोट: यह एक कविता है जो हमने 20 साल पुरानी डायरी के से ली है। इसकी रचना दो दशक पहले ही की गई थी।
3 टिप्पणियाँ:
दूसरी वाली.... बीबी नंबर वन है।।
भाई बहुत सुन्दर कविता . बीबी पहली हो या दूसरी हो ख़ूबसूरत हो घर चलने वाली हो ....
भाई जी मैं इसी बात पर लिखने की सोच रहा हूँ
पहली बात ये कि पहले बीवी कि संज्ञा "सावित्री" होती थी''
और उसकी ताकत पति को मौत के मुंह से बचा लेने की थी.
और अब की बीवी ????????????????????
अच्छा एक बात और "बीवी" के लिए ही "सावित्री" क्यों
पति को भी तो एक पत्निव्रता होना चाहिए
अतएव सोच लीजिये कौन होनी चाहिए बीवी नम्बर वन?
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