ब्लागरों को आने लगी एक-दूजे की याद- जल्द होगी मुलाकात
छत्तीसगढ़ के ब्लागरों में एक दूसरे के प्रति कितना लगाव है इसका पता इसी बात से चलता है कि एक-दो दिन फोन पर बातें नहीं होती हैं तो ऐसा लगता है कि कुछ छूट सा गया है। इसी के साथ मिलने की कशिश भी रहती है। कल सुबह जब हमने बीएस पाबला जी का फोन खटखटाया तो उन्होंने कहा कि भई बहुत दिन हो गए अगले संडे को बैठा जाए और कुछ बतियाया जाए। हमने फौरन कहा कि जरूर बैठ जाएंगे। इसके बाद हमने ललित शर्मा जी और अनिल पुसदकर जी का भी फोन खटखटाया और उनको बताया कि अगले संडे बैठना है। अब अगले संडे को मुलाकात होगी और इस बार यह मुलाकात रायपुर में होगी।
ब्लाग बिरादरी में इस समय प्यार और स्नेह की ऐसी गंगा बह रही है जिसमें हर कोई नहाना चाहता है। अपने राज्य छत्तीसगढ़ के ब्लागरों में कुछ ज्यादा ही प्यार और स्नेह है कहा जाए तो गलत नहीं होगा। छत्तीसगढ़ के ब्लागरों का प्यार और स्नेह अपने दिनेश राय द्विवेदी जी के साथ रवि रतलामी और अलबेला खत्री देख और महसूस कर चुके हैं। वैसे हमें श्री द्विवेदी जी से मिलने का मौका तो नहीं मिला है, पर उनके बारे में अपने ब्लागर मित्रों से जरूर सुना है। जब श्री द्विवेदी जी का छत्तीसगढ़ आना हुआ था तब हम ब्लाग जगत में नहीं आए थे। लेकिन हमें रवि रतलामी के साथ अलबेला खत्री जी से जरूर मिलने का मौका मिला है।
बहरहाल यहां हम बात कर रहे हैं अपने राज्य के ब्लागरों की। अपने राज्य के ब्लागरों में ज्यादातर ब्लागरों की एक-दूसरे से बात होते रहती है। यदा-कदा कभी भी कार्यक्रम बन जाता है और चार-छह ब्लागरों की एक महफिल कभी भिलाई में तो कभी रायपुर में जम जाती है। काफी समय से कोई बैठक नहीं हो पाई है। दिसंबर में भिलाई की चितंन बैठक के बाद लंबा समय हो गया है ऐसा लगता है। ऐसे में जबकि कल सुबह को हमें पाबला जी की याद आई तो हमने खटखटा दिया उनका फोन। उधर से फोन उठाते साथ पाबला जी अपने अंदाज में कहते हैं नमस्कार राजकुमार जी। नमस्कार के बाद बातों का सिलसिला चलता है तो हम उनसे पूछते हैं कि हमारे राजतंत्र का नया चोला कैसा लगा। पाबला जी बताते हैं कि अभी वे राजतंत्र को ठीक से नहीं देख पाए हैं।
बातों ही बातों में वे कहते हैं कि अगले रविवार को बैठना है। हम हामी भर देते हैं। वे कहते हैं कि इस बार रायपुर में बैठने की योजना है। हम कहते हैं ठीक है। वे बताते हैं कि ललित शर्मा जी से भी बात हो गई है। हम कहते हैं ठीक है आप लोग भिलाई-दुर्ग के जितने भी ब्लागर आना चाहें आ जाएं फिर प्रेस क्लब या फिर कहीं भी महफिल जम जाएगी।
पाबला जी से बात करने के बाद हम ललित शर्मा का भी फोन खटखटा देते हैं। उनसे करीब १० मिनट बात होती है। वे भी बताते हैं कि पाबला जी से बात हुई है अगले रविवार को बैठना है। वे कहते हैं कि हम उस दिन रायपुर आ जाएंगे। हमने कहा ठीक है। शाम को हमने अनिल पुसदकर जी का भी फोन खटखटाया और सबसे पहले उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा कि क्या हाल है। उन्होंने बताया कि अभी तो स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है। इसके बाद हमने उनको बताया कि अगले रविवार को पाबला जी अपने भिलाई के ब्लागर साथियों के साथ आने वाले हैं। अनिल जी ने भी कहा कि ठीक है।
अब सबको अगले रविवार का इंतजार है ताकि सब एक-दूसरे को गले लगाकर जादू की झप्पी ले सके। वैसे अपने छत्तीसगढ़ के सभी ब्लागर उडऩ तश्तरी यानी समीर लाल और अजय कुमार झा जी का भी इंतजार कर हैं कि वे भी जल्द आएं तो उनसे जादू की ङाप्पी लेने का मौका मिले।
13 टिप्पणियाँ:
देर आयद,
दुरुस्त आयद!
बहुत बढ़िया.. मिलते रहने से प्यार बढ़ता है
अच्छी खबरों के बीच अनिल जी के स्वास्थ संबंधी समाचार ने दुखी किया।
बहुत बढ़िया.. मिलते रहने से प्यार बढ़ता है....
चलिये खबर और फैलाते हैं "पाँचवा खम्बा" में
अनेक शुभकामनाएँ...हमें तो तस्वीरों और विवरण का इन्तजार लग गया.
हाँ---हाँ--मिलिए-मिलिए....!!
टांग खिंचाई की दुनिया में यह पढ़ कर बहुत अच्छा लगा.
रविवार तक़ तो टनाटन हो जाऊंगा राजकुमार।
धन्यवाद हमें ना बुलाने का ।
नवीन प्रकाश ने आपकी पोस्ट " रायपुर में छुपे तीन ब्लॉगर पकड़ाये " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:
क्या आप रविवार के ब्लॉगर मीट के कार्यक्रम के विषय में कुछ बता सकते है संभव हुआ तो मैं भी शामिल होने की कोशिश करूँगा .
ईमेल पता है
hinditechblog @gmail .com
@ नवीन प्रकाश जी,
जहाँ तक न बुलाने का प्रश्न है, बुलाया तो मुझे भी नहीं गया है कभी, कहीं। मुझे ही क्या, कोई किसी को बुलाता नही॥ सभी ब्लॉगर स्वत:स्फुर्त हो कर आपस में मिलते हैं। ये तो आपसी स्नेह है जो स्वत: पनपता है।
जैसा कि राजकुमार जी ने लिखा भी है, लगभग सभी सक्रिय ब्लॉगर्स का आपस में संवाद बना रहता है।
कथित रूप से न बुलाए जाने की टिप्पणी की बजाए यदि आप किसी ब्लॉगर से सम्पर्क कर खुद ही पूछ लेते, जैसे सभी ब्लॉगर आपस में जानकारी ले चुके हैं तो कितना अच्छा होता।
मेरा मोबाईल नम्बर भी तो है आपके पास
आपका स्वागत है, 17 जनवरी को रायपुर में। स्थान व समय आपको ईमेल में बता चुका हूँ
बी एस पाबला
नवीन प्रकाश, Tue Jan 12, 11:56:00 AM 2010
धन्यवाद हमें ना बुलाने का ।
इसमे बुलाने और नही बुलाने वाली
कौन सी बात हो गई,
वैसे भी तुम अभी तक हममे से
किसी से मिले नही हो,
अगर मिलने की इच्छा होतो आ जाना,
मिलने पर ही पता चलेगा
कौन-कौन हैं हमारे ब्लागर भाई,
आपको तो पावला जी ने मेल किया है
फ़ोन नम्बर दिया है। उसका उपयोग
करो और बात करके जान लो
हमे तो अभी तक किसी ने मेल नही किया।
फ़िर भी मित्रों से मिलने की उत्कट आकांक्षा है।
ये क्या बात हुई "हमे ना बुलाना"
छत्तिसगढी मे हाना हवे
"जब तक पहाड़ नई चढै तब तक
भरवा नई टुटै।" ता बैठकी मा पहुँचके
जम्मो झन से परचा कर, कौन मना करे हे।
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