चलेगा उम्र भर प्यार का सिलसिला...
तुमसे जुदा होने की तमन्ना तो नहीं
पर तुमसे जुदा होना पड़ रहा है।।
याद रखना अपने प्यार को सदा
हमें तो अब दूर जाना पड़ रहा है।।
मगर ये दूरियां कुछ दिनों की होगी
एक दिन तुम हमारी बाहों में होगी।।
एक दिन तुम हमारी बाहों में होगी।।
तुम्हें दूल्हन बनाकर लाएंगे हम
सारी दुनिया को अपना प्यार दिखाएंगे हम।।
सारी दुनिया को अपना प्यार दिखाएंगे हम।।
फिर आएगी वो हसीन रात
कहते हैं जिसे सुहागरात।।
कहते हैं जिसे सुहागरात।।
रहेगा न फिर हमारे बीच फासला
चलेगा उम्र भर प्यार का सिलसिला।।
चलेगा उम्र भर प्यार का सिलसिला।।
(नोट: यह कविता हमारी 20 साल पुरानी डायरी की है)
3 टिप्पणियाँ:
umra bhar mushqil hai ji budhaape me sabki sunni padegi koi aisi vaisi harkat ki to..
वसंत पंचमी की शुभकामनायें
जय हिंद...
रहेगा न फिर हमारे बीच फासला
चलेगा उम्र भर प्यार का सिलसिला।।
basant panchami ki hardik shubhkamanayen.
बहुत अच्छी रचना ..प्यार चलता रहेगा...और दिल धड़कते रहेंगे ... ....बसंत पंचमी की शुभकामनाये और बधाई.
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