कल मिलेंगे दिल से दिल-सजेंगी रायपुर में ब्लागरों की महफिल
इंतजार की घडिय़ां अब समाप्त होने वाली हैं। कल प्रेस क्लब रायपुर में करीब तीन बजे छत्तीसगढ़ के करीब दो दर्जन से भी ज्यादा ब्लागरों की महफिल सजने वाली है। इस महफिल की सारी तैयारी इस बार पूरी है और इस बार इस पर किसी भी तरह से शंका के बादल नहीं छाए हैं।
छत्तीसगढ़ के ब्लागरों की एक महफिल सजाने की योजना करीब 10 दिनों से पहले बनी थी। पिछले रविवार को प्रेस क्लब में मजमा लगने वाला था, लेकिन अचानक शनिवार को रविवार का कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। छत्तीसगढ़ के ब्लागरों के चहेते और आदरणीय भाई अनिल पुसदकर जी उस दिन प्रेस क्लब की बैठक के साथ कुछ और कार्यक्रमों में बहुत ज्यादा व्यस्त थे। ऐसे में उनका महफिल में शामिल होना मुश्किल था। उन्होंने जब अपनी यह व्यथा हमें बताई तो हमने ब्लागर मित्रों से चर्चा की। सभी का एक स्वर में यही मानना था कि अनिल जी के बिना बैठक कदापि नहीं। वैसे भी बहुमत का जमाना है। जब बहुमत यही रहा कि अनिल जी के बिना महफिल नहीं सजेगी, मतलब नहीं सजेगी। सो महफिल स्थगित कर दी गई। इस स्थगन की सूचना यूं तो सबको दे दी गई, पर बिलासपुर के एक ब्लागर मित्र भाई अरविंद कुमार झा को संभवत: यह सूचना नहीं मिल सकी थी और वे रायपुर आ गए थे।
बहरहाल इस बार तो भाई अनिल जी ने खुद भी यह जिम्मा लिया है कि उनको आने वाले सूचना दें साथ ही उन्होंने भाई डॉ. महेश सिंहा जी का भी मोबाइल नंबर अपने ब्लाग में दिया है कि आने वाले ब्लागर उनको सूचना दे दें। हम यहां एक बार फिर से अपने मोबाइन नंबर 98267-11852, 94255-11983, 9093180189 (राजकुमार ग्वालानी) के साथ भाई अनिल पुसदकर जी का नंबर 98271-38888, 94252-03182, और डॉ. महेश सिंहा जी का नंबर 98930-98332 दे रहे हैं। अपने छत्तीसगढ़ के ब्लागर मित्र इन नंबरों पर अपने आने की सूचना दे सकते हैं। वैसे ज्यादातर ब्लागर एक-दूसरे को जानते हैं और सबको सूचना भेजी जा रही है, लेकिन जिनके नंबर किसी के पास नहीं हैं, उन तक सूचना पहुंचाना संभव नहीं है। ऐसे में ऐसे ब्लागर मित्र इसी को सूचना समझे। वैसे भी यह एक पारिवारिक मिलन है इसमें सूचना मिलने न मिलने जैसे बातों का कोई मतलब नहीं है। अपने परिवार में अगर कोई कार्यक्रम हो और उसकी सूचना किसी कारणवश कहीं और से भी मिल जाए तो उस कार्यक्रम में जाना अपना फर्ज बनता है। आशा है कल की ब्लागर महफिल में कई नए मित्रों से मुलाकात होगी।
अंत में पेश है ये चंद लाइनें...
कल की मुलाकात का है सबको इंतजार
हर ब्लागर का दिल है बेकरार
सबके दिल में है असीम प्यार
तो महफिल में आओ और लूटा दो अपना प्यार
फिलहाल हम तो है बेकार
5 टिप्पणियाँ:
अब सजेगी महफिल फिर मिलेंगे ये दिल
स्वागत है सबका
अनिल भाऊ को कल शुभकामनाएं पहुंचा दी गई हैं… फ़ूलों के नीचे दब गई हों तो निकाल लें… :) :)
अग्रिम शुभकामनाएं.
रामराम.
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