खेलगढ़ में 400 पोस्ट पूरी
ब्लाग बिरादरी में हमने अपने एक और ब्लाग खेलगढ़ में आज पोस्ट में 400 का आंकड़ा पर कर लिया है। हमने खेलगढ़ से ही फरवरी 2009 में ब्लाग जगत में कदम रखा था। इसके बाद हमने इसी माह राजतंत्र में भी पारी का आगाज किया था, पर राजतंत्र में हमने नियमित रूप से लिखना अप्रैल से प्रारंभ किया। राजतंत्र में तो हम रोज एक ही लेख लिख पाते हैं, लेकिन खेलगढ़ में हम रोज छत्तीसगढ़ से जुड़ी तीन से चार खबरें देते हैं।
इस ब्लाग का प्रारंभ करने का हमारा मकसद छत्तीसगढ़ के खेलों को एक नया आयाम देना रहा है। हमारा ऐसा मानना है कि छत्तीसगढ़ में खेलों की जो भी गतिविधियों हो रही हैं, उनको विश्व के किसी भी कोने में बैठा हुआ आदमी जान लें। इस मसकद में हमें लगता है अभी उतनी कामयाबी नहीं मिल पाई है, कारण साफ है कि खेलों को पढऩा आज भी कम लोग पसंद करते हैं। अपने देश में खेलों का मतलब महज क्रिकेट रह गया है। हमें क्रिकेट से परहेज नहीं है, पर क्या क्रिकेट के आगे सब बेमानी है। भले ऐसा माना जाए लेकिन हमने अपने ब्लाग खेलगढ़ में सभी खेलों को समान रूप से स्थान देने का काम किया है और यह काम निरंतर जारी रहेगा, चाहे इस ब्लाग को कम लोग पसंद करें, इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है।
हमें विश्वास है एक दिन ऐसा आएगा, जब खेल का यह ब्लाग भी अपना विशेष स्थान बनाने में सफल होगा। हम इस ब्लाग से कभी किनारा नहीं करने वाले हैं। हमारे इस ब्लाग में 400 पोस्ट पूरी हो चुकी है, लेकिन इसमें पाठकों की संख्या काफी कम रही है। बहरहाल आज नहीं तो कल जरूर छत्तीसगढ़ के खेलों के प्रति लोगों का लगाव बढ़ेगा तब जरूर इस ब्लाग की पूछ परख बढ़ेगी। इसी उम्मीद के साथ अब कल तक के लिए विदा लेते हैं। कल हम राजतंत्र में फिर से एक नए लेख के साथ आएंगे।
15 टिप्पणियाँ:
क्रिकेट से हटकर दूसरे खेलों में आप जान डालने का काम कर रहे हैं, साधुवाद
इतने कम समय में इतना ज्यादा लिखना आसान नहीं है, बधाई
छत्तीसगढ़ के खेलों के लिए आपका प्रयास सराहनीय है
यूं ही लिखते रहे पाठक जरूर मिलेंगे
बधाई हो राजकुमार्।
बहुत-बहुत बधाइयाँ
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Carbon Nanotube As Ideal Solar Cell
आपकी मेहनत जरूर साकार होगी
बहुत-बहुत बधाई
खेलगढ़ भी निरंतर सफलता प्राप्त करे यही शुभकामनाएं हैं
खेलों को बढ़ाने की आपकी इस मुहिम के लिए धन्यवाद
हमारी भी बधाई है मित्र
बहुत-बहुत बधाइयाँ
बहुत-बहुत बधाइयाँ
हमारी भी बधाई
वाह राज भाई...खेल गढ के चार सौ खंभे ठोक दिये आपने..लगे रहिये...बधाई..
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