छत्तीसगढ़ में ब्लागरों का स्नेह मिलन
उस दिन हम हमेशा की तरह शाम को करीब 5 बजे प्रेस जाने के लिए घर से निकले ही थे कि अचानक बीएस पाबला जी का फोन आया और उन्होंने काफी प्यार से कहा कि कोई नाराजगी है क्या?
हमने कहा नहीं ऐसी तो कोई बात नहीं है।
उन्होंने कहा- फिर आपके दर्शन क्यों नहीं हो रहे हैं?
हमने कहा कि अभी भिलाई आना नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने कहा हम तो प्रेस क्लब रायपुर की बात कर रहे हैं क्या आपको मालूम नहीं है कि यहा अलबेला खत्री जी आए हुए हैं।
लीजिए पहले आप अनिज जी ही बात कीजिए और उन्होंने सीधे फोन थमा दिया हमारे प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिल पुसदकर जी को।
उन्होंने हमेशा की तरह अधिकार परक आवाज में डांटते हुए कहा अबे कहां है? अब तक पहुंचा क्यों नहीं है?
हमने कहा भईया हमें जानकारी नहीं थी।
उन्होंने कहा कि अबे प्रेस में तो सूचना भिजवाई थी।
हमने कहा हम बस पांच मिनट में पहुंच रहे हैं।
और अपने अपनी बाइक का रास्ता प्रेस की बजाए प्रेस क्लब की तरफ मोड़ दिया और पहुंच गए महज पांच मिनट में ही प्रेस क्लब।
वहां अलबेला जी से परिचय हुआ और उन्होंने गले लगाकर मुलाकात की। उनके साथ ही अपने दुर्ग के शरद कोकास जी थे। उनसे भी हमारी यह पहली मुलाकात थी। उनसे भी गले लगकर मिलना हुआ।
इसके बाद अपने अभनपुर के ललित शर्मा से गले मिलने का मौका मिला। फिर पाबला जी और अनिल जी से हाथ मिलाया।
हमने कहा नहीं ऐसी तो कोई बात नहीं है।
उन्होंने कहा- फिर आपके दर्शन क्यों नहीं हो रहे हैं?
हमने कहा कि अभी भिलाई आना नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने कहा हम तो प्रेस क्लब रायपुर की बात कर रहे हैं क्या आपको मालूम नहीं है कि यहा अलबेला खत्री जी आए हुए हैं।
लीजिए पहले आप अनिज जी ही बात कीजिए और उन्होंने सीधे फोन थमा दिया हमारे प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिल पुसदकर जी को।
उन्होंने हमेशा की तरह अधिकार परक आवाज में डांटते हुए कहा अबे कहां है? अब तक पहुंचा क्यों नहीं है?
हमने कहा भईया हमें जानकारी नहीं थी।
उन्होंने कहा कि अबे प्रेस में तो सूचना भिजवाई थी।
हमने कहा हम बस पांच मिनट में पहुंच रहे हैं।
और अपने अपनी बाइक का रास्ता प्रेस की बजाए प्रेस क्लब की तरफ मोड़ दिया और पहुंच गए महज पांच मिनट में ही प्रेस क्लब।
वहां अलबेला जी से परिचय हुआ और उन्होंने गले लगाकर मुलाकात की। उनके साथ ही अपने दुर्ग के शरद कोकास जी थे। उनसे भी हमारी यह पहली मुलाकात थी। उनसे भी गले लगकर मिलना हुआ।
इसके बाद अपने अभनपुर के ललित शर्मा से गले मिलने का मौका मिला। फिर पाबला जी और अनिल जी से हाथ मिलाया।
अभी हम लोग बैठे बातें कर ही रहे थे कि तभी गिरीश पंकज जी आ गए। इसके थोड़ी देर बात बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष शशिकांत कोन्हेर जी भी आ गए। इसके बाद हम लोगों के बीच चला बातों का दौर। सारी बातें ब्लाग बिरादरी में चल रही वर्तमान परिस्थितियों पर केन्द्रित रहीं।
इस करीब डेढ़ घंटे के स्नेह मिलन में काफी अच्छा लगा। अलबेला जी से साथ बाकी साथी ब्लागरों से मुलाकात काफी सुखद और यादगार रही। अलबेला जी से मिलकर लगा ही नहीं कि उनसे पहली बार मिल रहे हैं। उनके साथ और साथियों के साथ कैसे डेढ़ घंटे का समय कटा पता ही नहीं चला। फिर सब लोग वहां से निकले। हम लोग जब चलने के लिए हुए तो हमने अपनी खेल पत्रिका खेलगढ़ सबको भेंट की। इस बीच अपने पाबला जी का कैमरा तैयार था, तस्वीरें लेने के लिए। ऐसे में जबकि तस्वीरों का दौर चल रहा था तो मजाक-मजाक में ही सबने हमारी पत्रिका खेलगढ़ को ऐसे सामने कर दिया मानो उसका विमोचन हो रहा हो। वास्तव में यह स्नेह मिलन इतना सुखद रहा कि लग रहा था कि यह दौर चलता रहे। लेकिन इसका क्या कि जाए कि सबको जाना था। ऐसे में हम तो चल दिए प्रेस की तरफ और बाकी अनिल जी के साथ निकल गए।
इस करीब डेढ़ घंटे के स्नेह मिलन में काफी अच्छा लगा। अलबेला जी से साथ बाकी साथी ब्लागरों से मुलाकात काफी सुखद और यादगार रही। अलबेला जी से मिलकर लगा ही नहीं कि उनसे पहली बार मिल रहे हैं। उनके साथ और साथियों के साथ कैसे डेढ़ घंटे का समय कटा पता ही नहीं चला। फिर सब लोग वहां से निकले। हम लोग जब चलने के लिए हुए तो हमने अपनी खेल पत्रिका खेलगढ़ सबको भेंट की। इस बीच अपने पाबला जी का कैमरा तैयार था, तस्वीरें लेने के लिए। ऐसे में जबकि तस्वीरों का दौर चल रहा था तो मजाक-मजाक में ही सबने हमारी पत्रिका खेलगढ़ को ऐसे सामने कर दिया मानो उसका विमोचन हो रहा हो। वास्तव में यह स्नेह मिलन इतना सुखद रहा कि लग रहा था कि यह दौर चलता रहे। लेकिन इसका क्या कि जाए कि सबको जाना था। ऐसे में हम तो चल दिए प्रेस की तरफ और बाकी अनिल जी के साथ निकल गए।
12 टिप्पणियाँ:
बढ़िया रही मिलन रिपोर्ट. अच्छा लगा तस्वीरें देखकर.
वाह जी, अलबेला जी रायपुर पहुँचे तो मौसम तो अलबेला होना ही है और अलबेली ब्लॉगर मीट.
चित्र देखकर बहुत अच्छा लगा.
साई राम-राम,ब्लागर स्नेह मिलन पर बधाई कबुल करो,आपकी रिपोर्ट से मजा आ गया,धन्यवाद,
ऐसी मुलाकातें होती रहें! खेलगढञ पत्रिका भी है यह आज पता लगा।
nice
राजकुमार जी, बधाई ब्लॉगर सम्मेलन के लिए!
बहुत ही अच्छी खबर ब्लागरों का स्नेह मिलन चित्रों के माध्यम से देखकर अच्छा लगा, आभार
अच्छी पोस्ट राजकुमार,चित्र भी अच्छे लगाये।
बहुत खूब
इस मिलन समारोह में
मौजूद मैं भी रहा
पर मेरा चित्र नहीं आया
कोई मुझे क्यों नहीं पहचान पाया।
कोई बतलाएगा मैं वहां कहां पर हूं ?
वाह ....आप सब जंच खूब रहे हैं....मज़ा आ गया.....छतीसगढ में खेल गढ....और आप सब....बहुत सुंदर ....फ़ोटूयें हैं....मेरा मतलब खाली फ़ोटो नहीं जी आप सब भी....
badhiya, hame afsos hai k ham nahi pahuch sake
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