ब्लागवाणी वापस आई-खुशियां मनाओ भाई
ब्लागवाणी ने ब्लाग बिरादरी की भावनाओं की कदर करते हुए वापस आने का जो फैसला किया है, उसके लिए हमारे पास आभार के शब्द ही नहीं हंै। हमें लगता है कि इस फैसले से ब्लाग बिरादरी का असली दशहरा तो आज मनेगा। आज ही ब्लाग बिरादरी के लिए विजयदशमी है तो फिर देर किस बात की है मित्रों।
जलाएं खुशियों के दीए और बांटे मिठाई
और दें उन सबको बधाई
जिनके कारण ब्लागवाणी लौटकर आई
खुश हो जाओ सभी भाई
और मजे से चटके लगाओ भाई
चटके लगाओ जरूर भाई
पर फिर से न झटके लगाना भाई
मुश्किल से ब्लागवाणी लौट कर आई
अब न देना किसी गलती की दुहाई
अब अगर हो गई जुदाई
तो फिर रोते रहोगे भाई
12 टिप्पणियाँ:
ब्लागवाणी को बंद करने का निर्णय गलत था। आपत्तियों का अब जवाब दिया गया वह पहले भी दिया जा सकता था। ब्लागवाणी के प्रेमी समुदाय को इस निर्णय ने बहुत गहराई तक आहत किया है। इस पर रहीम साहब का दोहा स्मरण हो रहा है।
रहिमन धागा प्रेम का,मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना जुरै, जुरै गांठ परि जाय।।
कहीं ऐसा हुआ तो!
जय हो
एक दिन में ही बवाल मच गया था, ब्लागवाणी के बंद होने से। चलो अच्छा है कि एक दिन में ही ब्लागवाणी को उनकी अहमियत समझाने में सफलता मिल गई
जी बिलकुल -आईये मिल कर खुशी मनाएँ
सबकी मेहनत ने रंग दिखाया है गुरु
बधाई हो।
गम छोड़ के मनाओ रंगरेली ...
देर आयद दुरुस्त आयद।
धन्यवाद ब्लॉगवाणी!!!
ब्लागवाणी को वापस आने का फैसला करने पर बधाई
कल दशहरा गया
रावण संग ले गया
आ गई आज दीवाली है
ब्लॉगवाणी वाली है
पोस्ट लगाओ और
टिप्पणियां बांटो।
बधाइयां
घर घर कलश सजाओ री,
मंगल गाओ री,
दीप जलाओ री ,
चौक पुराओ री ,
कोयल कूके मधुर वाणी
झूमे गाएँ सकल नर नारी
मनाओ दीवाली कि घर आई ब्लॉगवाणी...
अभिनन्दन ब्लॉगवाणी
स्वागतयोग्य कदम
सोना आग में तप कर और खरा होगा
बी एस पाबला
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