पाक में हिन्दुओं पर हुए अत्याचार का जवाब है किसी के पास
कुछ समय पहले हमने एक ब्लाग में एक लेख पढ़ा था जिसमें लिखा गया था कि भारत-पाक के विभाजन का नुकसान तो मुसलमानों को उठाना पड़ा है। यह बात कम से कम हमारे गले तो उतरने वाली नहीं है। कारण यह कि हमने बचपन से यही सुना है कि पाकिस्तान में जितना अत्याचार हिन्दुओं पर किया गया वैसा अत्याचार कभी भारत में मुसलमानों पर नहीं हुआ है। अगर किसी मुसलमान पर हिन्दुओं ने अत्याचार किया है, तो कोई बताएं। हम यहां बताना चाहेंगे कि हमें हमारे पुर्वज बचपन से बताते रहे हैं कि पाकिस्तान में हिन्दुओं पर जो अत्याचार किए गए उसी के कारण उनको पाक से भारत आना पड़ा। हमें गर्व है हमारे पुर्वजों पर जिन्होंने हमें कभी मुसलमानों से नफरत करने की सीख नहीं दी।
हमने जिस दिन से एक ब्लाग में विभाजन का नुकसान मुसलमानों को उठाना पड़ा है, पढ़ा था, तभी से इस मुद्दे पर लिखना चाह रहे थे, पर समय नहीं मिल रहा था। आज सोचा कि चलों इस मुद्दे पर लिखने में विलंब करना ठीक नहीं है। हमें इस मुद्दे पर इसलिए लिखना पड़ रहा है क्योंकि पाकिस्तान में हमारे पुर्वजों पर भी अत्याचार हुए हैं जिसके बारे में हमने बचपन से सुना है। हमारे पुर्वज बताते थे कि किस तरह से पाकिस्तान में विभाजन के बाद हिन्दुओं पर अत्याचार किए गए और उनको मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया। हमें जो जानकारी मिली थी उसके मुताबिक हिन्दुओं की बहू-बेटियों के साथ जोर-जबरदस्ती भी की गई। कई हिन्दुओं ने वहां समझौता कर लिया और पाक में रह गए और जिन लोगों ने समझौता नहीं किया वे अपनी सारी जमीन-जायजाद छोड़कर भारत आ गए और वो भी खाली हाथ। यहां पर आने के बाद नए सिरे से मेहनत करके अपना आशियाना बनाया। हमारे पुर्वज भी पाक छोड़कर भारत आए। हमारा जन्म तो भारत में ही हुआ है, पर जन्म से पाक में हिन्दुओं पर हुए अत्याचार की बातें सुनते रहे हैं।
हम नहीं जानते हैं कि पाकिस्तान में हिन्दुओं पर हुए अत्याचार में कितनी सच्चाई है, पर इतना जरूर है कि कोई भी परिवार अपने बच्चों को गलत जानकारी नहीं देता है। हमें इस बात पर गर्व है कि हमारे पुर्वजों ने यह तो जरूर बताया कि किस तरह से हिन्दु परिवारों पर मुसलमानों ने कहर बरपाया था, पर यह कभी नहीं कहा कि इसके बदले में हमें भी उनके साथ ऐसा करना चाहिए। शायद यह अपने हिन्दु धर्म की अच्छाई है जो अत्याचार करने वालों पर भी प्यार लुटाने की बात की जाती है। अगर ऐसा नहीं होता तो भारत में मुसलमानों पर भी ऐसे ही अत्याचार होते। हमें नहीं लगता है कि कभी किसी मुसलमान पर हिन्दु बनने के लिए किसी ने अत्याचार किए होंगे। भारत में ऐसे कई उदाहरण हैं जब मुसलमान देश के सर्वोच्च पदों पर रहे हैं। अपने देश के राष्ट्रपति के पद भी एक मुसलमान अब्दुल कलाम रहे हैं। फिर हम जानना चाहते हैं उन जनाब से कि कैसे विभाजन का नुकसान मुसलमानों को हुआ है। क्या किसी ने मुसलमानों को भारत छोडऩे के लिए मजबूर किया है। मुसलमानों के पास भी अपने देश में वो सारे अधिकार हैं जो एक नागरिक के होने चाहिए। फिर कैसे कहां जाता है कि विभाजन का नुकसान मुसलमानों को हुआ है।
हम पूछते हैं कि क्या किसी के पास इस बात का जवाब है कि क्यों कर हिन्दुओं के साथ पाक में अत्याचार किया गया था? क्यों उनको अपना धर्म छोडऩे के लिए मजबूर किया गया था? क्यों हिन्दुओं की बहू-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया गया था? क्या पाक में रहने वाले हर नागरिक का मुसलमान होना जरूरी है? है किसी के पास इस बातों का जवाब तो जरूर दें।
13 टिप्पणियाँ:
आपका हिन्दी में लिखने का प्रयास आने वाली पीढ़ी के लिए अनुकरणीय उदाहरण है. आपके इस प्रयास के लिए आप साधुवाद के हकदार हैं.
आपको हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.
पाकिस्तान में तो हिन्दुओं के साथ मुसलमानों ने घारे अत्याचार किया था। उनके नंगे नाचे को पाक से भागकर किसी भी हिन्दु से पूछा जा सकता है। उनकी आंखों में आज भी उस मंजर का खौफ नजर आता है।
हिन्दु धर्म किसी पर थोप नहीं गया है जिस तरह से लोगों को मुसलमान बनने के लिए मजबूर किया गया है, उस तरह से हिन्दु कभी ऐसा नहीं करते हैं।
श्रीमान, हिन्दुओ पर हुए अत्याचार का भी कोई जबाब होता है क्या ? मै तो सोचता था की सिर्फ मुसलमानों और इसाइयों पर हुए अत्याचार का ही जबाब माँगा जाता है !
पाकिस्तान के नाम की माला जपने वाले मुसलमानों का क्या भारत में रहने का हक है, इस बारे में मुसलमान खुद अपने गिरेबा में झांक कर देख ले तो ज्यादा बेहतर होगा, उनको तो खुद से भारत छोड़कर पाकिस्तान चले जाना चाहिए।
आपने विभाजन के समय हिन्दुओं पर हुए अत्याचार के विषय में सिर्फ सुना है। यदि इस विषय में पढ़ना चाहें तो श्री गुरुदत्त जी की पुस्तकों को पढ़ लीजिए। कुछ ही पुस्तकों को पढ़ कर इस विषय में बहुत सारी जानकारी मिल जाएगी। आश्रम लाइब्रेरी में अवश्य ही मिल जाएँगी गुरुदत्त जी के लिखे उपन्यास।
और यदि मैं यहाँ पर नथूराम गोडसे की लिखी पुस्तक (जो कि लिखने के बाद तत्काल बैन कर दी गई थी, वर्षों तक बैन रही और पता नहीं आज कहीं उपलब्ध है या नहीं) का नाम जोड़ दूँगा तो शायद मेरी गणना मुस्लिम विरोधी और गांधी विरोधी में होने लगेगी।
सेकुलर तो कह रहे हैं की हिन्दुओं पे अत्याचार हुआ ही नहीं | ये सब बातें धीरे से कान मैं कहो ... सेकुलर आके आपको संघी और साम्प्रदायिक का ठप्पा लगा जाएगा |
विभाजन का नुकसान मुसलमानों की नहीं हिन्दुओं को हुआ है जिनको पाक के हिस्से से मुसलमानों से खदेड़ दिया।
हे कट्टरपंथी हिन्दू, गंगा जमुना संस्कृति के दुश्मन, पाकिस्तान बनाने के लिए जिम्मेदार आदमी....हिन्दु भी कहीं इंसान होता है भला? खबरदार हमारे माई-बाप मुगलों के संतानों के बारे में प्रश्न उठाया. देखा नहीं गुजरात में कितना अत्याचार हो रहा है अल्पसंख्यको पर और तुम्हे हिन्दुओं की पड़ी है. पता नहीं क्यों पूरी दुनिया मासूमों के पीछे पड़ी है. कितने ही झूठे एनकाउंटर करते है. बताओ ऐसा कुछ भी हिन्दुओं के साथ हुआ है? उन्हे समझा बुझा कर मुसलमान या ईसाई बनाया जा रहा है, बस. वह भी सहन नहीं होता आप जैसे लोगों से?
संजय जी से सहमत
क्या किसी के पास इस बात का जवाब है कि क्यों कर हिन्दुओं के साथ पाक में अत्याचार किया गया था? क्यों उनको अपना धर्म छोडऩे के लिए मजबूर किया गया था? क्यों हिन्दुओं की बहू-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया गया था? क्या पाक में रहने वाले हर नागरिक का मुसलमान होना जरूरी है? है किसी के पास इस बातों का जवाब तो जरूर दें।
सही सवाल है
इन सब सवालों का जबाब बहुत आसान है
1. हिदु डरपोक हैं
2. अपने हक के लिये लड़ना नहीं आता
3. हिंदुओं को बस पैसे कमाने से मतलब है
4. हिन्दु इतिहास से कुछ नहीं सीखता
5. हिन्दु बदला लेना नहीं जानता
अगर लाखों हिन्दु भागने के बजाये हथियार उठा लें तो सब ठीक हो जाये। मुझे आज तक समझ में नहीं आया कि कश्मीर से भागने के बजाये हिन्दुओं ने हथियारों से मुकाबला क्यों नहीं किया? क्यों केवल अपने बाल कटाकर विरोध दर्जा रहे हैं।
अभी भी अगर लाखों कश्मीरी हिन्दु एक साथ हथियारों के साथ अपने घरों मे चले जायें तो कोई आतंकवादी कुछ नहीं कर पायेगा।
लेकिन अहिंसावादी हिन्दु ऐसा कभी करेंगे?
आप पकिस्तान की बात कर रहे है मैं तो पूछता हूँ हिन्दुस्तान में हिन्दूओ पर अत्याचार का जबाब है किसी के पास .
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