साई सेंटर में नहीं चलेंगे ओवरएज खिलाड़ी
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के छत्तीसगढ़ और मप्र के निदेशक आरके नायडु ने साफ तौर पर चेताया है कि राजधानी रायपुर के साथ राजनांदगांव सहित छत्तीसगढ़ में प्रारंभ होने वाले किसी भी सेंटर में ओवरएज खिलाडिय़ों का चयन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी जाएगी। साई सेंटर में खाने से लेकर सामानों में भी स्तर का ख्याल रखा जाता है, इसका ख्याल न रखने वाले किसी भी अधिकारी को शिकायत पर तत्काल हटा दिया जाएगा। साई का मसकद देश की सही प्रतिभाओं को सामने लाने का है। छत्तीसगढ़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, इनको साई विश्व स्तर पर जाने का रास्ता दिखाने के लिए ही यहां पर अपनी योजनाएं ला रहा है। इन योजनाओं का लाभ खिलाडिय़ों को मिलेगा और यहां के खिलाड़ी विश्व में छत्तीसगढ़ के साथ देश का नाम रौशन करने का काम करेंगे।
ये बातें उन्होंने यहां पर चर्चा करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि साई के भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय में काम संभालने के बाद मैं तीन माह बाद ही पहली बार छत्तीसगढ़ आया था। यहां आने के बाद मालूम हुआ कि यहां के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी और खेल संचालक जीपी सिंह की प्रदेश में खेलों के विकास में विशेष रूचि है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के लिए एक्शन प्लान बनाया गया जिसे साई के दिल्ली के मुख्यालय से पास करवाने के बाद अब साई की कई योजनाओं को छत्तीसगढ़ में लागू करने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि राजनांदगांव में साई का ४० करोड़ की लागत वाला खेल परिसर जल्द प्रारंभ होगा। इस समय हमारा पहला मकसद राजधानी के स्पोट्र्स काम्पलेक्स में साई का सेंटर प्रारंभ करना है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा बिलासपुर में भी साई का सेंटर प्रारंभ किया जाएगा।
श्री नायडु ने कहा कि मैं एक बात साफ तौर पर कह देना चाहता हूं कि साई के सेंटरों के लिए खिलाडिय़ों के चयन में किसी भी तरह का पक्षपात और गलत बात बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि देश में खेलों को ओवरएज के कारण बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है, ऐसे में यह बात कताई बर्दाश्त नहीं होगी कि साई के किसी भी सेंटर में ओवरएज खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा। सरकार हर खिलाड़ी के पीछे साल भर में २५ से २८ हजार का खर्च करती है, ऐसे में यह देखना हमारा काम है कि ये पैसे सही खिलाडिय़ों के पीछे खर्च हो रहे हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि सेंटर के लिए किसी भी खेल के चयन ट्रायल के समय मैं खुद उपस्थित रहता हूं। मैं सारे सही प्रमाणपत्र देखने के बाद ही किसी भी खिलाड़ी को सेंटर में प्रवेश देने की मंजूरी दूंगा। किसी भी तरह की एप्रोच के दम पर खिलाडिय़ों का चयन नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ओवरएज के कारण ही भोपाल में साई ने हॉकी का प्रशिक्षण सेंटर बंद कर दिया गया था, बाद में सही खिलाडिय़ों के आने के बाद ही इसको प्रारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि साई के सेंटरों में १४ साल से २१ साल तक के खिलाडिय़ों को रखा जाता है।
राजधानी के सेंटर में होंगे ११ खेल
श्री नायडू ने बताया कि राजधानी रायपुर के साई सेंटर में प्रारंभिक रूप से ११ खेलों को रखा जाएगा। इसके बाद इन खेलों की संख्या बढ़ाई जाएगी। डे बोर्डिंग के लिए १५० और बोर्डिंग के लिए १०० खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शुरू में आउटडोर में खेलों का प्रारंभ होगा इसके बाद इंडोर स्टेडियम मिलते ही वहां पर जो इंडोर खेलों को प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी खेलों के लिए साई की तरफ से आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाईं जाएगीं। वालीबॉल का कोर्ट २५ लाख और हैंडबॉल का कोर्ट ३० लाख में बनेगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि निगम के साथ एमओयू होते ही १५ दिनों में आउटडोर के खेलों के लिए खिलाडिय़ों का चयन कर लिया जाएगा। उन्होंने एक बार फिर से दोहराया कि साई के सेंटरों के लिए प्रशिक्षक स्थानीय ही रखे जाएंगे।
छत्तीसगढ़ की खेल नीति को सराहा
श्री नायडु जो कि खुद हैंडबॉल के अंतरराष्ट्र्रीय खिलाड़ी रहे हैं, उन्होंने छत्तीसगढ़ की खेल नीति की तारीफ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की खेल नीति की मिसाल पूरे देश में दी जाती है, यहां पर खेल और खिलाडिय़ों के लिए जैसा किया जा रहा है, वैसा और किसी राज्य में नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बात का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि मप्र पुराना राज्य होने के बाद भी वहां की ११ खेलों की टीमों को राष्ट्रीय खेलों में खेलने की पात्रता मिली है, जबकि छत्तीसगढ़ की १५ खेलों की टीमों को पात्रता मिली है। उन्होंने कहा कि अभी अगर १५ खेलों में पात्रता मिली है तो आगे इसकी संख्या बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में जबकि छत्तीसगढ़ २०१३ के राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने वाला है तो यहां पर २०१३ तक सभी खेलों खेलने की पात्रता पाने का लक्ष्य रखना चाहिए।
एमओयू जल्द होगा
राजधानी के स्पोट्र्स काम्पलेक्स के लिए आज एमओयू होना था, पर नगर निगम के आयुक्त अमित कटारिया के देश से बाहर होने के कारण यह एमओयू नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त आयुक्त को कुछ बातों को लेकर संदेह है उनका संदेह दूर करके एमओयू जल्द पूरा किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि एमओयू के लिए सारी बड़ी बातें तय हो चुकी हैं और कहीं कोई परेशानी नहीं है।
4 टिप्पणियाँ:
छत्तीसगढ़ की खेल नीति से अगर देश का भला हो जाए तो इससे अच्छी बात कोई और हो ही नहीं सकती है
एक खिलाड़ी ही खिलाड़ी की व्यथा समझ सकता है, नायडु जी खिलाड़ी रहे हैं इसलिए उनको मालूम है कि खिलाड़ी की परेशानियां क्या होती हैं।
छत्तीसगढ़ में खेलों का विकास हो इसके लिए शुभकामनाएँ हैं।
चलो किसी को तो ओवरएज खिलाडिय़ों को बाहर करने का ख्याल आया।
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