मृतकों का जन्म दिनों क्यों मनाते हैं?
हमारे एक मित्र ने अचानक एक सवाल किया कि यार यह बात समझ नहीं आती है कि लोग मृतकों का जन्म दिन क्यों मनाते हैं। उनके इस सवाल के बाद हम भी सोचने पर मजबूर हो गए हैं, कि वास्तव में जहां अपने देश में आधी से ज्यादा आबादी भूखी और नंगी है और लोगों के पास न तो खाने के लिए पैसे हैं और न तन ढ़कने के लिए कपड़े हैं, उस देश में बड़े-बड़े लोगों के जन्मदिन मरने के बाद भी क्यों मनाए जाते हैं। कुछ बड़े लोगों के जन्म दिन का जरूर यह फायदा हो जाता है, कि उस दिन गरीबों को कपड़े बांटे जाते हैं और खाना खिलाया जाता है, पर कितने लोग ऐसा करते हैं।
देश के नेताओं के साथ बड़े लोगों का जन्म दिन मनाने की परंपरा आखिर क्यों है? यही हम भी अपने ब्लाग बिरादरी से जानना चाहते हैं। मृतकों का जन्म दिन मनाने से क्या फायदा है?
2 टिप्पणियाँ:
शायद यह अपना प्यार जताने का एक तरीका है कि हम उन्हें नही भूले....बहुत सी बाते ऐसी होती है जो फायदा या नुकसान देख कर नही की जाती.....शायद यह भी उन मे से एक है......
यह जरूर याद रखने की बात है कि हम उन्ही मृतको का जन्म दिन मनाते है जिन्होने किसी न किसी रूप मे अपने व्यक्तित्व से हमे; हमारे समाज को; हमारे परिवेश को प्रभावित किया है.
उनका जन्मदिन मनाकर हम उनके आदर्शो को फिर से याद करते है.
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