छत्तीसगढ़ का खौफ पूरे देश में
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह ने प्रदेश के खिलाडिय़ों की तारीफ करते हुए कहा कि हमें गर्व है कि दूसरे राज्यों की तुलना में काफी कम सुविधाएं होने के बाद भी हमारे खिलाडिय़ों में इतना दम है कि देश के बाकी राज्यों के खिलाडिय़ों में छत्तीसगढ़ के नाम से खौफ है।
श्री सिंह ने ये बातें यहां पर उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को दिए गए प्रमाणपत्र के समारोह में कहीं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का हर क्षेत्र में लगातार विकास हो रहा है, ऐसे में खेलों के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ ने काफी कम समय में बहुत ज्यादा नाम कर लिया है। उन्होंने स्वीकारा की प्रदेश में खिलाडिय़ों को दूसरे राज्यों की तुलना में बहुत कम सुविधाएं मिल रही हैं इसके बाद भी हमारे खिलाड़ी चाहे वह मुक्केबाजी हो या फिर कबड्डी, बास्केटबॉल, हैंडबॉल, कराते, भारोत्तोलन, नेटबॉल या कोई भी खेल सभी खेलों में हमारे खिलाड़ी दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ जैसे दिग्गज राज्यों का पसीना निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने खेलों में जो प्रतिष्ठा अर्जित की है उससे हर छत्तीसगढ़वासी गौरव का अनुभव करता है। उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे आदिवासी क्षेत्र में खेलों की सुविधाएं देने की जरूरत है। हम वहां पर सुविधाएं देने का काम कर भी रहे हैं।
ओलंपिक के पदक विजेता को मैं ही नकद पुरस्कार दूंगा
मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणा की याद दिलाते हुए कहा कि मैंने अपने पहले कार्यकाल में यह घोषणा की थी कि ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले को दो करोड़, रजत जीतने पर एक करोड़ पचास लाख और कांस्य जीतने पर एक करोड़ की राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि लगता है कि यह पुरस्कार राशि मेरे हाथों ही छत्तीसगढ़ के किसी खिलाड़ी को देना नसीब है, तभी तो मैं फिर से मुख्यमंत्री बना हूं। उन्होंने कहा कि वह दिन सबसे सुखद होगा जब छत्तीसगढ़ का कोई खिलाड़ी ओलंपिक में पदक लेकर आएगा। तब मुझे भी उसके साथ फोटो खींचवाते हुए गर्व होगा कि मैंने ओलंपिक के पदक विजेता के साथ फोटो खींचवाई है। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि वह दिन जरूर आएगा।
ओलंपिक में पदक का इंतजार है: लता
खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी ने इस अवसर पर कहा कि जिस तरह से राज्य बनने के बाद ९ साल तक प्रदेश के खिलाडिय़ों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित होने का इंतजार था, उसी तरह से प्रदेश का कोई खिलाड़ी ओलंपिक में पदक लेकर आए इसका हम सबको इंतजार है। उन्होंने कहा कि खिलाडिय़ों को ओलंपिक के पदक तक जाने का रास्ता दिखाने के लिए हमारी सरकार हर तरह की मदद करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि हमारा विभाग ग्रामीण खिलाडिय़ों को भी निखराने की योजना पर काम कर रहा है।
गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने इस अवसर पर कहा कि अपना राज्य हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, ऐसे में खेल कैसे पीछे रह सकता है। खेलों में भी विकास करने का काम सरकार कर रही है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि राज्य में खेलों का अनोखा माहौल है। नक्सल प्रभावित बस्तर में भी खेल विभाग ने युवाओं को खेलों से जोडऩे का काम किया है। उन्होंने बताया कि जिनको उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किया गया है, उनमें जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेले हैं उनको पांच विभागों जिनमें वन, आबकारी, पुलिस और जेल विभाग शामिल हैं द्वितीय Ÿोणी में नौकरी दी जाएगी। इसी के साथ राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वालों को तृतीय और चतुर्थ Ÿोणी में रखा जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में ७० उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को अतिथियों ने प्रमाणपत्र दिए। कार्यक्रम में खाद्य मंत्री पुन्नुराम मोहले, विधायक नंद कुमार साहू, महिला आयोग की हेमलता चन्द्राकर और भाजयुमो के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव के साथ खेल विभाग के पूर्व आयुक्त राजीव श्रीवास्तव, सभी खेल संघों के पदाधिकारी और राज्य के पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ी बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यक्रम का आगाज वंदेमातरम् से किया गया था।
सीनियर चैंपियनशिप भी खेल विभाग के हवाले
गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने इस अवसर पर कहा कि अपना राज्य हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, ऐसे में खेल कैसे पीछे रह सकता है। खेलों में भी विकास करने का काम सरकार कर रही है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि राज्य में खेलों का अनोखा माहौल है। नक्सल प्रभावित बस्तर में भी खेल विभाग ने युवाओं को खेलों से जोडऩे का काम किया है। उन्होंने बताया कि जिनको उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किया गया है, उनमें जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेले हैं उनको पांच विभागों जिनमें वन, आबकारी, पुलिस और जेल विभाग शामिल हैं द्वितीय Ÿोणी में नौकरी दी जाएगी। इसी के साथ राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वालों को तृतीय और चतुर्थ Ÿोणी में रखा जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में ७० उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को अतिथियों ने प्रमाणपत्र दिए। कार्यक्रम में खाद्य मंत्री पुन्नुराम मोहले, विधायक नंद कुमार साहू, महिला आयोग की हेमलता चन्द्राकर और भाजयुमो के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव के साथ खेल विभाग के पूर्व आयुक्त राजीव श्रीवास्तव, सभी खेल संघों के पदाधिकारी और राज्य के पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ी बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यक्रम का आगाज वंदेमातरम् से किया गया था।
सीनियर चैंपियनशिप भी खेल विभाग के हवाले
मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह ने कार्यक्रम में खेल मंत्री लता उसेंडी की मांग पर खेल विभाग को ही राज्य की सीनियर चैंपियनशिप करवाने की जिम्मेदारी दे दी और इसके लिए अलग से बजट देने की भी घोषणा की। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि खेल विभाग राज्य की सब जूनियर और जूनियर चैंपियनशिप का आयोजन करता है और खेल संघ लंबे समय से सीनियर चैंपियनशिप भी खेल विभाग द्वारा करवाए जाने की मांग कर रहे थे। इस मांग के पूर्ण होने पर सभी खेल संघों में हर्ष है और सभी ने मुख्यमंत्री के साथ खेल मंत्री का आभार माना है।
2 टिप्पणियाँ:
अरे भाई!
इतने शानदार समाचार से अवगत करा रहे हो,
इस खतरनाक हेड़िंग से सबको क्यों डरा रहे हो,
वैसे ही लोग डरे हुए हैं।
छत्तीसगढ़ का डंका तो पूरे देश में बजता है। हर खेल में पदक बरस रहे हैं। अच्छी खबर के लिए बधाई
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