ये हैं एक ऐसे इंसान जो हिन्दु के साथ हैं मुसलमान
अपने देश में आजादी के बाद से हिन्दु और मुसलमान को लेकर विवाद होता रहा है। हर कोई बस अपने धर्म को ही बेहतर बताने की कोशिश में बरसों से लगा है। ऐसे में अपने देश में ही ऐसी कर्इं मिसालें सामने आती रहतीं हैं जो सर्वधर्म सद्भाव के लिए एक मील का पत्थर होती हैं। ऐसी ही एक मिसाल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी देखने का मिलती है। ये मिसाल है एक ऐसे इंसान जीवन लाल साहू की जो पैदा तो हिन्दु धर्म में हुए हैं और हिन्दु हैं भी। लेकिन इनको जितना प्यार अपने हिन्दु धर्म से है उतना ही मुस्लिम धर्म ही नहीं बल्कि ईसाई और सिख धर्म से भी है। जीवन लाल जहां नवरात्रि में 9 दिनों तक उपवास रखते हैं, वहीं तीस दिनों का न सिर्फ रोजा रखते हैं बल्कि नमाज अदा करने के साथ-साथ ईद भी मनाते हैं। अभी बकरीद पड़ी तो वे अपने फिल्म सी शूटिंग छोड़कर बकरीद मनाने अपने घर रायपुर आए गए।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जब 28 नवंबर को ईद का त्यौहार मनाया गया तो इस बार इस त्यौहार में एक बात यह सामने आई कि इस त्यौहार को मनाने वाले अपने शहर में एक ऐसे इंसान भी हैं जो हिन्दु हैं। वैसे तो जीवन लाल बरसों से ईद मनाते आ रहे हैं और तीस दिनों का रोजा भी रखते हैं, लेकिन इनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इस बार बकरीद पर जीवन लाल के बारे में मीडिया को जानकारी हुई तो इस बात का खुलासा सबके सामने हुआ कि कैसे एक इंसान सभी धर्मों को मानकर एक मिसाल पेश कर सकते हैं। यह सब तो अपने हिन्दुस्तान में ही संभव हो सकता है।
जीवन लाल साहू जो कि एक कलाकार भी हैं, वे खुद खुलासा करते हैं कि उनका परिवार प्रारंभ से ही मुस्लिमों के मोहल्ले मौदहापारा में रहता है। ऐसे में उनको मुस्लिम रीति रिवाजों ने बचपन में बी प्रभावित किया और उन्होंने फैसला किया कि वे इस धर्म को भी मानेंगे। इसके बाद जब वे पढ़ाई करने के लिए होलीक्रास स्कूल बैरनबाजार गए तो उन्होंने वहां चर्च भी जाना प्रारंभ कर दिया। यहां से उनके मन में ख्याल आया कि क्यों न अपने धर्म के साथ मुस्लिम, ईसाई और दूसरे धर्मों को भी माना जाए। बस फिर क्या था जब मन में हो विश्वास और पूरा हो विश्वास तो कैसे कोई कामयाब नहीं होगा। आज जीवन लाल सभी धर्मों को मानते हैं और उनके इस सर्वधर्म सद्भाव के कारण उनको मित्रों ने गोल्डन यानी सोने का नाम दे दिया है। सच में जीवन लाल आज के जमाने में जब लोग धर्म के नाम पर लडऩे का काम कर रहे हैं तो वे खरे सोने से कम नहीं हैं जो हर धर्म को अपने अंदर समाए हुए हैं।
जीवन लाल जहां नवरात्रि पर 9 दिनों का निर्जल उपवास रखते हैं वहीं रमजान में 30 दिनों तक रोजा भी रखते हैं और नमाज भी अदा करते हैं। बकरीद में उनके घर का माहौल ऐसा था कि कोई यह नहीं कह सकता था कि वह किसी हिन्दु के घर में आया है। हर तरफ मुस्लिम रीति रिवाज का नजारा था। खुद जीवन लाल का पहनावा ऐसा था कि अगर किसी को मालूम न हो कि यह इंसान हिन्दु हैं तो कोई भी यही समझता कि यह कोई मुस्लिम इंसान हैं। जीवन लाल ने बाइबिल के साथ गुरुनानक देव के साहित्यों का भी गहन अध्ययन किया है।
जीवन लाल एक कलाकार हैं और उन्होंने बकरीद मनाने के लिए अपनी फिल्म भांवर की शूटिंग छोड़ दी और त्यौहार मनाया। अब वे क्रिसमस की तैयारी कर रहे हैं। उनके घर में क्रिसमस भी किसी ईसाई परिवार के घर जैसे ही मनाई जाती है। फिल्मी सितारे जितेन्द्र को अपना आर्दश मानने वाले इस कलाकार की इच्छा नामी कलाकार बनने की है। जिनके दिल में हर धर्म के लिए प्यार हो उनकी इच्छा पूरी न हो यह तो हो नहीं सकता है। जरूर उनकी इच्छा को भगवान, अल्लाह, ईसा मसीह और गुरुनानक देव पूरी करने में मदद करेंगे। काश अपने देश में धर्म के नाम पर लडऩे वाले लोग ऐसे जीवन लाल के जीवन से सबक लें तो कहीं कोई लड़ाई ही न हो।
वंदेमातरम्, जय हिन्द, जय भारत, जय छत्तीसगढ़
7 टिप्पणियाँ:
जय हिन्द, जय भारत
जीवन लाल जी को सलाम...बहुत अच्छा लगा जानकर.
nice
बहुत अच्छा। प्रेरक। बधाई स्वीकारें।
इंटरेस्टिंग करेक्टर है-बधाई
जय हिन्द, जय भारत
जीवन लाल जी को सलाम...
इन्हीं कुछ लोगों से हमारा देश कहलाता है "मेरा भारत महान" इनको नमन और सलाम और ..................
मेरे साथ पढा है जीवन्।
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