असम विधानसभा उपाध्यक्ष के हिन्दी प्रेम को सलाम
छत्तीसगढ़ के साइंस कॉलेज के मैदान में 50 हजार से ज्यादा की भीड़ है और ऐसे माहौल में मंच में आई असम विधानसभा की उपाध्यक्ष पणिती पोकन को जब बोलने के लिए माइक दिया जाता है तो वह जैसे ही अपना उद्बोधन में हिन्दी में देती है, भीड़ तालियां बजाने के लिए मजबूर हो जाती है। यह तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि असम की एक महिला इतनी अच्छी हिन्दी बोल सकती है। वास्तव में हमें गर्व हैं हिन्दी से प्रेम करने वाले ऐसे अहिन्दी भाषीय राज्यों के लोगों से जिनको हिन्दी बोलने में शर्म नहीं बल्कि गर्व महसूस होता है।
छत्तीसगढ़ की घरा पर इन दिनों राज्योत्सव की धूम मची है। हर तरफ खुशहाली का मौहाल है। ऐसे माहौल में अचानक असम की विधानसभा उपाध्यक्ष पणिती पोकन का रायपुर आना हुआ तो उनको राज्योत्सव के कार्यक्रम में आमंत्रित किया। यहां पर उनको जब बोलने के लिए माइक थमाया गया तो सबको लगा कि यार यह तो जरूर अंग्रेजी में बोलेंगी। लेकिन उन्होंने जैसे ही हिन्दी में बोलना प्रारंभ किया। करीब 50 हजार से भी ज्यादा की भीड़ तालियां बजाए बिना नहीं रह सकी। पणिती को हिन्दी बोलते देखकर अगथा संगमा की याद आ गई जिन्होंने केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर मंत्री पद की शपथ हिन्दी में ली थी। एक तरफ हिन्दी भाषीय राज्यों के लोग हिन्दी बोलने में शर्म महसूस करते हैं तो दूसरी तरफ अहिन्दी भाषीय राज्यों के पणिती और अगाथा संगमा जैसे लोग हैं जिनको हिन्दी बोलने में गर्व महूसस होता है। ऐसे लोगों को हम सलाम करते हैं।
5 टिप्पणियाँ:
हिन्दी से प्यार करने वाले अहिन्दी भाषीय राज्यों में लोग ज्यादा है। हिन्दी भाषीय राज्यों में इसे घर की मुर्गी दाल बराबर मान लिया गया है।
हम भी सलाम करते हैं गुरु
हिन्दी से प्यार करने वाले हर इंसान का नमन होना चाहिए। विस उपाध्यक्ष को इसके लिए साधुवाद
वन्दे मातरम
वन्दे मातरम
वन्दे मातरम
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असम विधानसभा की उपाध्यक्ष सुश्री पणिती पोकन को मेरा भी सलाम.
जयहिंद
असम विधानसभा की उपाध्यक्ष ने अच्छी मिसाल पेश की है
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