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शनिवार, मई 23, 2009

सावधान...आप होने वाले हैं गायब

सावधान.... होशियार.... खबरदार .... आपके लिए एक खतरनाक खबर है कि आप भी गायब होने वाले हैं। जनाब हमें क्यों कोस रहे हैं, ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि एक शोध कह रहा है कि जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि अब आप और हम यानी की पुरुष जाति पर ततुप्त होने का खतरा आ गया है। पुरुष पैदा करने की क्षमता रखने वाले वाई क्रोमोजोम पर अब संकट के बादल छा गए हैं और ऐसे में इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि पुरुष दुनिया के नक्शे से गायब हो सकते हैं। हालांकि इसमें काफी समय लगेगा लेकिन यह खतरनाक बात सामने जरूर आ गई है। इस बात का खुलासा एक शोध में हुआ है कि वाई क्रोमोजोम के जींस अब बहुत कम हो गए हैं और इन कम जिंसों के कारण ही देश के कई राज्यों में महिला और पुरुषों की संख्या में भारी अंतर है। महिलाओं की संख्या वैसे भी इस वजह से कम रहती हैं कि आज भी कन्या भ्रूण को लोग मार डालते हैं।

दिल्ली में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि वाई क्रोमोजोम की संख्या में भारी गिरावट आई है। आज से करीब 30 लाख साल पहले जो वाई क्रोमोजाम 1400 था, वह आज की तारीख में महज 45 रह गया है। वैसे इसके समाप्त होने में लाखों साल लग जाएंगे लेकिन एक बड़ा खतरा

लड़का पैदा करने वाले क्रोमोजोम जो कि वाई हैं वह पुरुषों में ही होते हैं। पुरुष में एक्स क्रोमोजोम भी होते हैं। साइंस के मुताबिक जब पुरुष का वाई और महिला का एक्स क्रोमोजोम मिलता है तो लड़का होता है और पुरुष का एक्स और महिला का एक्स मिलने पर लड़की होती है। संभव है कि किसी पुरुष में वाई क्रोमोजोम हो ही न। ऐसे में उनमें लड़का पैदा करने की क्षमता ही नहीं होगी। अब अगर पुरुष में ही लड़का पैदा करने की क्षमता नहीं है तो फिर इसके लिए महिला कैसे दोषी हो गई है?

पुरुष जाति पर मंडरा रहा है। वाई क्रोमोजोम की कमी का ही नतीजा है कि आज देश के कई राज्यों में पुरुषों की संख्या महिलाओं से 30 प्रतिशत अधिक है। कुछ राज्यों में महिलाओं की संख्या काफी कम है। यह संख्या कम है तो इसका कारण वाई क्रोमोजोम नहीं बल्कि कन्या भ्रूण हत्या है। आज भी अपने देश में ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां पर भ्रूण में कन्या की हत्या नहीं की जाती है। पुत्र मोह में अच्छे खासे पढ़े-लिखे लोग भी भ्रूण हत्या करने से बाज नहीं आते हैं। इसी के साथ हमेशा होता यह है कि पुत्र पैदा न कर पाने के लिए महिलाओं को ही दोषी मानते हुए उनको प्रताडि़त किया जाता जबकि लड़का या लड़की पैदा होने में महिलाओं का कोई हाथ नहीं होता है।
लड़का पैदा करने वाले क्रोमोजोम जो कि वाई हैं वह पुरुषों में ही होते हैं। पुरुष में एक्स क्रोमोजोम भी होते हैं। साइंस के मुताबिक जब पुरुष का वाई और महिला का एक्स क्रोमोजोम मिलता है तो लड़का होता है और पुरुष का एक्स और महिला का एक्स मिलने पर लड़की होती है। संभव है कि किसी पुरुष में वाई क्रोमोजोम हो ही न। ऐसे में उनमें लड़का पैदा करने की क्षमता ही नहीं होगी। अब अगर पुरुष में ही लड़का पैदा करने की क्षमता नहीं है तो फिर इसके लिए महिला कैसे दोषी हो गई है? लड़का पैदा न कर पाने के लिए अगर अनपढ़ लोग महिला को दोषी मानते हैं तो एक बार बात समझ में आती है लेकिन यहां तो पढ़े-लिखे लोग भी ऐसा करते हैं तब उनके इस व्यवहार पर गुस्सा आता है।

बहरहाल इस समय बात हो रही है कि वाई क्रोमोजोम का अस्तित्व खतरे में है। वैसे ज्यादा घबराने वाली बात इसलिए नहीं है कि फिलहाल कोई आपातकाल जैसी स्थिति नहीं है और वाई क्रोमोजोम को समाप्त होने में अभी 50 लाख साल लग जाएंगे।

20 टिप्पणियाँ:

Unknown शनि मई 23, 08:59:00 am 2009  

आप तो किसी जादूगर की तरह लिखने लगे दोस्त और मैं तो डर ही गया कि क्या मैं भी गायब होने वाला हूं। अच्छा लेख है साथ ही इसको आपने रोचक बना दिया है, बधाई

Unknown शनि मई 23, 09:23:00 am 2009  

भ्रूण हत्या पर अंकुश लगना ही चाहिए, पर कानून होने के बाद भी गलत डॉक्टरों के कारण हत्याओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। ऐसे डॉक्टरों को पकड़वाने का काम समाज को ही करना होगा।

Unknown शनि मई 23, 09:35:00 am 2009  

आपने महिलाओं की व्यथा को समझा इसके लिए आभार

Unknown शनि मई 23, 09:54:00 am 2009  

आपने तो डरा ही दिया था, लेकिन लेख पढऩे के बाद शांति मिली की चलो खतरा अभी खतरनाक नहीं हुआ है।

guru शनि मई 23, 10:32:00 am 2009  

बहुत ही भयानक लिखते है गुरु

बेनामी,  शनि मई 23, 11:09:00 am 2009  

आपकी इसी बात को आगे बढ़ाने के लिए पिछले वर्ष का यह लेख देखें

Unknown शनि मई 23, 12:22:00 pm 2009  

आज पढ़े-लिखे लोग ही तो अनपढ़ और गंवारों जैसी हरकतें करने लगे हैं जिसके कारण समाज का समीकरण बिगड़ रहा है।

Unknown शनि मई 23, 12:46:00 pm 2009  

अच्छी जानकारी दी आभार

दिनेशराय द्विवेदी शनि मई 23, 03:27:00 pm 2009  

अभी अभी एक मित्र अखबार में पढ़ी इस शोध का उल्लेख कर रहा था। अब इसे आप के ब्लाग पर पढ़ रहा हूँ।
मुझे लगता है कि पुरुषप्रधान समाज जो अन्याय महिलाओं के साथ करता है। प्रकृति उसे समझ कर अपना काम कर रही है।

Unknown शनि मई 23, 04:49:00 pm 2009  

द्विवेदी जी से मैं भी सहमत हूं। हकीकत में पुरुष प्रधान समाज में जो महिलाओं के साथ जो होता है उसकी सजा तो मिलनी ही है। अब यह सजा चाहे जो भी दे। कहा जाता है प्रकृति किसी को नहीं छोड़ती है, सो प्रकृति अपना काम कर रही है।

Unknown शनि मई 23, 04:57:00 pm 2009  

आपने बिलकुल सही लिखा है कि भ्रूण में कन्याओं की हर राज्य में हत्या कर दी जाती है। इससे यह साबित होता है कि आज नारी ही नारी की दुश्मन है। नारी पर दबाव डालकर भी ऐसा करवाया जाता है। नारी की मजबूरी से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। भ्रूण हत्या रोकने के लिए नारियों को ही सामने आना पड़ेगा उनका विरोध ही कोई रास्ता दिखा सकता है।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" शनि मई 23, 06:12:00 pm 2009  

इस प्रकार के शोधों में कोई दम नहीं......ये सिर्फ किसी नई दवा या अन्य उत्पाद के लिए बाजार निर्मित करने के ढकोसले मात्र हैं. अभी पीछे पीछे कोई कम्पनी "वाई क्रोमोसोम" में बढोतरी का कोई फार्मूला लेकर आती होगी. किन्तु कन्या भ्रूण हत्या का विषय अपने आप में जरूर चिन्ताजनक है.

समयचक्र शनि मई 23, 07:36:00 pm 2009  

अच्छी रोचक जानकारी...

rajesh patel शनि मई 23, 07:38:00 pm 2009  

अच्छी रोचक जानकारी दी आपने, आभार

अनिल कान्त शनि मई 23, 08:23:00 pm 2009  

कन्या भ्रूण हत्या करने में पढ़े लिखे अमीर लोग सबसे आगे हैं

मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

Udan Tashtari शनि मई 23, 08:49:00 pm 2009  

पहले पढ़ना डर के मारे शुरु किया फिर रोचकता पढ़वाती गई.

बात सही है. अच्छा आलेख.

Unknown रवि मई 24, 12:26:00 am 2009  

अनिल जी से हम भी सहमत हैं

anu रवि मई 24, 12:40:00 am 2009  

साइंस के मुताबिक जब पुरुष का वाई और महिला का एक्स क्रोमोजोम मिलता है तो लड़का होता है और पुरुष का एक्स और महिला का एक्स मिलने पर लड़की होती है। संभव है कि किसी पुरुष में वाई क्रोमोजोम हो ही न। ऐसे में उनमें लड़का पैदा करने की क्षमता ही नहीं होगी। अब अगर पुरुष में ही लड़का पैदा करने की क्षमता नहीं है तो फिर इसके लिए महिला कैसे दोषी हो गई है?
यह बात आपने बिलकुल 100 प्रतिशत सच कही है। ऐसा मानने वाले पुरुषों की समाज में आज कमी है। अगर पुरुष ऐसा मानने लगे और अपनी पत्नी का साथ दे तो भ्रूण हत्या पर विराम लग सकता है।

वीनस केसरी रवि मई 24, 12:51:00 am 2009  

बात तो बहुत पुराने है मगर कोई कबूले तब तो, हर किसी को लड़का ही चाहिए क्या किया जाये

वीनस केसरी

Unknown रवि मई 24, 12:58:00 am 2009  

उडऩ तस्तरी ने ठीक कहा है, पहले तो मैं भी डर रहा था, ऐसा लग रहा था कि कहीं ऐसा तो नहीं है लेख पढ़ते-पढ़ते ही हम गायब हो जाएंगे। एक शोध को आपने काफी रोचक अंदाज में पेश किया है, मेरा धन्यवाद स्वीकार करें मित्र

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