चांद पर भी उगेंगे बाल ...
अब नहीं रहेगी दुनिया में गंजों की कोई बस्ती
कोई नहीं कर पाएगा उनको चिढ़ाने की मस्ती
एक चांद आसमां पर है और एक जमीं पर... वैसे यह बात अक्सर कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका के लिए कहता है। चांद की तुलना एक तो प्रेमिका से की जाती है और दूसरी उन बेचारे बिना बालों वाले गंजों से जिनके सिर पर न जाने क्यों बालों की फसल होती ही नहीं है। अब ऐसे गंजों के लिए एक खुशखबरी है कि वे भी किसी प्रेमी की प्रेमिका की तरह ही सुंदर बनने वाले हैं। वैज्ञानिकों ने अब इंसानी चांद पर बाल उगाने की कला का पता लगा लिया है। वैज्ञानिकों ने तो किसी को चांद होने से पहले ही रोकने की भी जानकारी एकत्र कर ली है। तो अब गंजे भाईयों-बहनों हो जाइए खुश और मनाइए जश्न क्योंकि अब आपसे कोई यह कहेगा कि कंघी लेंगे क्या।
पूरी दुनिया में दुखी प्राणियों के बारे में शोध किया जाए तो एक बात यह भी सामने आएगी कि जिनके सर पर बाल नहीं होते हैं वे भी बहुत ज्यादा दुखी होते हैं। अब यह बात अलग है कि कई लोगों को बिना बालों के जीना अच्छी तरह से आता है और वे यह मानकर चलते हैं कि उनकी किस्मत में जब बालों का सुख लिखा ही नहीं है तो वे क्या करें। फिल्मों में पहले तो ज्यादातर खलनायक गंजे ही दिखाए जाते थे, ऐसे में बेचारे गंजे परेशान रहते थे कि लोग उनको भी खलनायक ही समझते हैं। लेकिन जब से फिल्मों में हीरो को भी गंजा दिखाने का प्रचलन चला है तो गंजे इससे थोड़े खुश हुए हैं। गंजापन एक तरह से बीमारी ही है। इस बीमारी का पता लगाने का प्रयास हर देश में लंबे समय से किया जाता रहा है, लेकिन अब तक किसी देश को इसमें सफलता नहीं मिली थी। गंजों का इलाज एक विग ही थी। लेकिन उससे पता चल जाता था कि विग पहनी गई है। लेकिन अब किसी भी गंजे को विग पहनने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि अंतत: टोक्यों के वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगा ही लिया है कि गंजेपन का राज क्या है। इस राज का खुलासा करते हुए बताया गया है कि इसके लिए भी एक जींस जिम्मेदार है। इस जींस की पहचान एसओएक्स 21 के रूप में की गई है। इस जींस के कारण ही लोग गंजे हो जाते हैं। जिनमें यह जींस रहता है उनका गंजा होना लाजिमी है।
वैज्ञानिकों को जब इस जींस का पता चला तो उन्होंने इसकी हकीकत जानने के लिए एक और खोज यह की कि उन्होंने यह भी पता लगाया कि ऐसे ही जींस चूहों में भी होते हैं। अब उन
टोक्यों के वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगा ही लिया है कि गंजेपन का राज क्या है। इस राज का खुलासा करते हुए बताया गया है कि इसके लिए भी एक जींस जिम्मेदार है। इस जींस की पहचान एसओएक्स 21 के रूप में की गई है। इस जींस के कारण ही लोग गंजे हो जाते हैं। जिनमें यह जींस रहता है उनका गंजा होना लाजिमी है।
के सामने आसानी हो गई कि प्रयोग किया जा सकता है। सबसे पहले इस जींस का प्रयोग चूहों पर किया। गया। जिन चू्हों में ये जींस पाए जाते हैं उनका पता लगाकर उन पर प्रयोग कुछ तरह से किया गया कि वैज्ञानिकों ने इस जींस के प्रभाव को समाप्त करने पर काम प्रारंभ किया और उनको इसमें सफलता भी मिल गई है। वैज्ञानिकों ने चूहों में इस जींस की सक्रियता पर लगाम लगाई और इसमें वे सफल भी रहे हैं। जन्म के 15 दिनों के अंदर ही चूहों के बाल गिरने लगे और चूहे एक सप्ताह में ही गंजे हो गए। ऐसे में वैज्ञानिकों ने चूहों पर जन्म के बाद ही अपना प्रयोग किया तो बालों का गिरना रूक गया।शोध करने वाले वैज्ञानिकों की मानें तो बालों के बढऩे का समय काफी लंबा होता है। बाल दो या तीन साल तक बढ़ते हैं फिर दो तीन माह तक बाल बढ़ते नहीं है। वैज्ञानिकों का मानना है कि एसओएक्स 21 इस चक्र को संचलित करता है। ऐसा माना जाता है कि पुराने बाल गिरने पर जल्द ही नए बाल उनका स्थान ले लेते हैं। लेकिन चूहों पर किए गए परीक्षण में यह बात सामने आई कि बाल जल्दी गिर गए और चूहों के गंजे रहने की अवधि बढ़ गई। वैज्ञानिकों का मानना है कि न सिर्फ गंजों के सिर पर बाल उगाए जा सकते हैं बल्कि ऐसे लोगों का भी पता लगाया जा सकता है जो गंजे होने वाले हैं। ऐसे लोगों की पहले से ही पहचान करके उनको गंजा होने से भी बचाया जा सकेगा। है न खुश होने वाली बात..तो हो जाइए खुश..।
19 टिप्पणियाँ:
रोचक और अच्छी जानकारी है, आभार
are ganjon aur taklon ke liye to ye ek anivaarya post hai bhai.....jadlee hee baal kranti kee shuruaat honee chaahiye......
बुक मार्क कर देते है, आडे वक्त काम आयेगी..
गंजों की तो निकल पड़ीं गुरु
acchi jaankari hae..halaki abhi hum ganjae nahi huae hae...
गंजा जगत का आपको सलाम
चलो भई, चांद की भी सुन ली गयी।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
कंधी बेचने वालों की भी मोज हो जायेगी
गंजे मित्रों के लिए सच में यह अच्छी खबर है
जिनके पति गंजे हैं उन पत्नियों के लिए भी यह सुखद खबर है। सबसे ज्यादा खुशी उनको भी होगी, कि चलों अब उनको कोई चांद की बीबी नहीं कहेगा
वैज्ञानिकों से आग्रह है कि जल्द ही अब इंसानों पर भी प्रयोग करें ताकि गंजों के खेतों में भी बालों की फसल लहलहा सके।
गंजे जब हो जाएँगे सुंदर तो उनको सुंदर जीवन साथी मिलने में भी आसानी होगी।
बड़ी अच्छी खबर बताई मित्र आपने, हमारे कुछ गंजे मित्र तो इस खबर को जानकार खुश हो गए हैं और सोचने लगे हैं कि कब वह दिन आएगा जब उनकी बंजर जमीन पर भी बालों की फसल लहरा सकेगी। खबर बताने के लिए धन्यवाद
लगता है अब हमें भी कोई ना कोई देखेगा :-)
जंहा तक़ मै समझता हूं तुम तो टकलू नही हो फ़िर ये चांद की फ़िक्र क्यों?
कहीं यह शोध विदेशी सामान बेचने की साजिश तो नहीं है?
अब हम भी बाल झडऩे की फिक्र छोड़ दें ऐसा लगता है। अगर इस शोध में दम है तो जरूर यह दुनिया का सबसे अजब शोध हो सकता है।
ऐसी ही नई जानकारियों से अवगत कराते रहे
फिर हम कैसे कह सकेंगे..एक चान्द आसमा पे है एक मेरे पास है
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