ये हैं खानाबदौश-जिनमें है काम करने का जोश
हमें एक दिन छत्तीसगढ़ की राजधानी से कोई 130 किलो मीटर दूर रायपुर जिले के कसडोल जाने का मौका मिला तो वहां से लौटते समय रास्ते में लवन पड़ा। वहां पर सड़क पर मजमा देखकर हमने अपनी कार रोकी और देखा कि वहां पर राजस्थान के ये खानाबदौश अपने पेट की खातिर किस तरह से काम करने का जोश दिखा रहे थे। इनके जोश को देखने पूरा गांव उमड़ पड़ा था। ये लोग लोहे के औजार बनाकर बेच रहे थे। ये खानाबदौश यहां हर साल आते हैं।
5 टिप्पणियाँ:
बहुत ही अच्छा है।
अति सुंदर
ऐसे खानाबदौसों से बच कर रहना चाहिए, इनके कारनामे सभी जानते हैं, दिन में मेहनत का काम करते हैं और को चोरी का काम।
हां भईये ऐसे खानाबदेशों की कई टीमें छत्तीसगढ के गांवों में कृषि के औचार, बर्तन और मूर्तिंया बनाती नजर आती है वैसे ही पंजाबी लोहारों की टीमें भी गांवों में टीन के सामान बनाते नजर आते हैं.
चित्र कहते हैं एक कहानी और शब्द तो खैर कहते ही हैं.
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