राज खुला हमारी पिछली टिप्पणियों का-शुक्रिया आशीष खंडेलवाल जी का
अचानक कल आशीष खंडेलवाल जी के ब्लाग में नजरें पड़ीं तो मालूम हुआ कि हम भी जान सकते हैं कि हमारी टिप्पणियां कहां और कितनी हैं। ऐसे में उनके बताए रास्ते पर चलते हुए जब हमने देखा तो हमें यह देखकर सुखद आश्चर्य हुआ कि हमारे खाते में भी ५०० से ज्यादा टिप्पणियां हैं। हमारे लिए यह बात इसलिए सुखद है कि हमें वैसे भी टिप्पणियां करने के लिए समय नहीं मिलता है।
ब्लाग जगत में कदम रखे हुए हमें एक साल भी नहीं हुआ है। इस अवधि में हमने कितनी पोस्ट लिखी है, इसका लेखा-जोखा तो हमारे पास है कि हमने कितनी पोस्ट राजतंत्र और कितनी खेलगढ़ में लिखी है। इसी के साथ हमें यह भी मालूम है कि हमारे ब्लाग में कितनी टिप्पणियां आईं हैं लेकिन हमने किस-किस के ब्लाग में टिप्पणी की है और अब तक कितनी टिप्पणियां की हैं, यह नहीं जानते थे। लेकिन कल आशीष खंडेलवाल जी की एक पोस्ट ने हमारे सामने यह राज उसी तरह से खोल दिया जिस तरह से इन दिनों राज पिछले जन्म का खोलने का सिलसिला एक तरफ टीवी चैनल में तो दूसरी तरफ ब्लाग बिरादरी में चल रहा है।
हमने जब उनके बताए अनुसार गुगल में अपने नाम के साथ शेड लिखा तो हमारे सामने खुल गया हमारी टिप्प्पणियों का एक ऐसा पिटारा जिसके बारे में कम से कम हम तो अंजान थे। हम की क्या हमें लगता है कि सभी ब्लागर इसके बारे में अंजान रहे होंगे। हमारे खाते में ५०९ टिप्पणियां हैं। हमारे लिए यह सुखद है, क्योंकि हमें टिप्पणियां करने के लिए काफी कम समय मिल पाता है। ऐसे में हमारे लिए ५०० से ज्यादा टिप्पणियां मायने रखती हैं। हम जानते हैं कि कई ब्लागर ऐसे होंगे जिनके खाते में हजारों टिप्पणियों होंगी। अपने समीर लाल जी के खाते में जरूर सबसे ज्यादा टिप्पणियों होंगी कहा जाए तो यह बात गलत नहीं होगी। समीर जा अपेन ब्लाग के नाम के अनुरूप ही उडऩ तश्तरी की तरह कभी भी किसी भी समय किसी के भी ब्लाग में आ धमकते हैं और टिप्पणियों का प्यार बरसाकर चले जाते हैं ठीक उसी तरह से जैसे कोई उडऩ तश्तरी अचानक आकर गायब हो जाती है। उनकी टिप्पणियों से कोई ब्लाग अछूता नहीं रहता है। बहरहाल हम भी आभारी हैं आशीष जी के जिनके कारण हमारी टिप्पणियों का राज खुला है।
10 टिप्पणियाँ:
अच्छा है, पोस्ट।
आशीष भाई के तो कहने ही क्या पता नहीं खजाने से कब क्या निकाल दें .....कल से सब यही देखने में लगे हैं कि ...कितनी टिप्पणियां की ..कितना परिणाम निकला ...
हा हा! हमारे खाते में तो कौन जाने...मगर आशीष जी के बताये हम १००००० टिप्पणी देयता बनने ही वले है एक दो माह में. :)
९४८९० पहुँच चुके हैं. :)
nice
आशीष भाई के टिप्स के तो सभी दीवाने हैं, किन्तु राजकुमार भईया सभी ब्लागर इसके बारे में अंजान रहे होंगे ऐसी बात नहीं है.
बहरहाल आपके खजाने में जमा 500 टिप्पणियां आपके ब्लागों में सर्च इंजन के द्वारा भी पाठक खींच के लायेंगी.
हैप्पी ब्लागिंग बडे भाई.
bahut badhiya-abhar, ab mere ko bhi dhundh ke dekhana padega.
आशीष जी के पास तो खुल जा सिम सिम वाला खजाना है. जब इच्छा हो कुछ ना कुछ निकाल कर देते ही रहते हैं.
उडनतश्तरी को एक लाख टिप्पनीयों की अग्रिम बधाई!
रामराम.
बहुत बहुत बधाई
अब हम भी देखते हैं कि कितनी गिनती हैं, वैसे ऐसी कोई सुविधा होनी चाहिये कि तारीखवार ब्लॉग के साथ हमारी की गईं टिप्पणियाँ आ जायें।
मेरे तो बहुत अधिक हैं !!
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