राज पिछले जन्म का-दर्शक बेवकूफ जन्म-जन्म का
लगता है कि अपने टीवी वालों को दर्शक जन्म-जन्म के बेवकूफ ही नजर आते हैं, तभी तो एनडीटीवी इम्जेजिंग में दिखाए जाने वाले एक बहुत ही ज्यादा बकवास और वाहियात सीरियल राज पिछले जन्म का में कुछ भी दिखाया जा रहा है। सेलिना जेटली के एक नहीं बल्कि दो-दो जन्मों का राज खोल दिया गया। वास्तव में इस कार्यक्रम को देखने के बाद तो कम से कम हमें यही लगा कि टीवी चैनल वाले दर्शको को बेवकूफ से ज्यादा कुछ नहीं समझते हैं।
इन दिनों एनडी टीवी पर एक कार्यक्रम बड़े जोरशोर से चल रहा राज पिछले जन्म का। इस कार्यक्रम को संभवत: बड़ा वर्ग देख रहा है। अब यह वर्ग इस कार्यक्रम के बारे में क्या सोचता है, यह तो वही जाने, पर हमारे एक मित्र को यह कार्यक्रम बड़ा पसंद है। वे अपना काम छोड़कर इसको देखने के लिए दौड़े-दौड़े घर पहुंच जाते हैं। उनके खास आग्रह पर हमने इस कार्यक्रम की कुछ कडिय़ों को देखा है। हमें तो यह कार्यक्रम पूरी तरह से वाहियात और बकवास लगा। इसमें ऐसी-ऐसी बातों का खुलासा किया जाता है,जो संभव नहीं लगती है। इस कार्यक्रम के पीछे इन टीवी चैनल वालों का मकसद क्या है, वही जाने, लेकिन इस कार्यक्रम से लगता है कि अंध विश्वास में जरूर इजाफा हो जाएगा। वैसे भी अपने देश में अंधविश्वास पर विश्वास करने वालों की कमी नहीं है। हम अगर २१ दिसंबर को दिखाए गए सेलिना जेटली के कार्यक्रम पर नजरें डालें तो मालूम होता है कि वास्तव में यह कितना बड़ा फर्जी कार्यक्रम है।
सेलिना को एक जन्म में जर्मन का सैनिक बताया जाता है जो १९४२ के विश्व युद्ध में मारा जाता। इसके बाद फिर से उसका जन्म अमरीका में महिला के रूप में होता है। इसमें बताया गया है कि वह १९७४ में २८ साल की रहती है। यानी १९४२ में मौत के ६ साल बाद ही उनका दूसरा जन्म हो गया। इसके बाद अब यानी वह इस समय भी करीब उतने ही साल की होंगी। यानी फिर से १९७४ में मौत के करीब ६ साल बाद उनका तीसरा जन्म हो गया। सोचने वाली बात यह है कि क्या यह संभव है?
सेलिना से सवाल करने वाली कोई डॉक्टर जैन उनसे ऐेसे सवाल करती हैं मानो वह उस स्थान पर पहले से रही हो और उनको पिछला सारा घटनाक्रम मालूम हो। एक बात और यह भी खटकी कि सेलिना पिछले एक जन्म में जर्मन थीं, वहीं दूसरे जन्म में वह अमरीकन थीं। उनसे डॉक्टर जैन सवाल तो हिन्दी में पूछ रही थीं, पर वह जवाब अंग्रेजी में दे रही थीं। जब सेलिना अपने पिछले जन्मों में थीं तो उनको हिन्दी कैस समझ आ रही थी, अगर उनको हिन्दी समझ आ रही थी तो जवाब हिन्दी में क्यों नहीं दिए गए।
बहुत सारे सवाल ऐसे हैं जो इस बात को साबित करते हैं कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से बकवास है। कुछ समय पहले हमने किसी ब्लागर मित्र के ब्लाग में इस कार्यक्रम के बारे में बहुत अच्छी जानकारी पढ़ी थी उन्होंने बताया था कि वास्तव में यह कार्यक्रम कैसे बकवास है। जब इंसान की मौत के बाद हिन्दु धर्म में इंसान को जला दिया जाता है और इंसान के साथ उसका दिमाग भी जलकर राख हो जाता है तो उस जन्म की यादें कैसे उसके अगले जन्म में बाकी रह जाती हैं। इसी के साथ हिन्द धर्म में ६४ हजार यौनियों का उल्लेख मिलता है। कैसे कोई इंसान मरने के ६-६ साल के अंतराल में जन्म ले सकता है। ऐसे बकवास कार्यक्रमों का तो बहिष्कार होना चाहिए। हमें तो कुछ लिखना था इसलिए हमने अपने एक मित्र के आग्रह पर यह कार्यक्रम देखने की गलती की है, लेकिन आप लोग ऐसी गलती मत करना।
11 टिप्पणियाँ:
मुझे तो यह कार्यक्रम मनोरंजक कार्यक्रम कम विज्ञापन ज्यादा लगता है इस कार्यक्रम के चलते ही जगह जगह भोली-भाली जनता को भरमाने और नोट बटोरने के विज्ञापन लगने लगे हैं, आपने अपने प्रेस क्लब के बाहर ही ऐसा बडा सा होर्डिंग लगा देखा ही होगा.
जब इंसान की मौत के बाद हिन्दु धर्म में इंसान को जला दिया जाता है और इंसान के साथ उसका दिमाग भी जलकर राख हो जाता है तो उस जन्म की यादें कैसे उसके अगले जन्म में बाकी रह जाती हैं। इसी के साथ हिन्द धर्म में ६४ हजार यौनियों का उल्लेख मिलता है। कैसे कोई इंसान मरने के ६-६ साल के अंतराल में जन्म ले सकता है।
जहां तक इस प्रोग्राम का सवाल है तो आप को और हमको यह समझना होगा कि ये सब नोट बटोरने का कार्यक्रम है. और इसको उससे ज्यादा अहमियत नही दी जाना चाहिये.
आपने उपर जो सवाल ऊठाया है, उसका जवाब देना अगर इस प्रोग्राम जैसे प्रोग्राम निर्माताओं की औकात मे होता तो फ़िर हमारे ऋषि मुनियों और मनिषियों की इतने सालों की तपस्या का कोई मूल्य ही नही होगा?
आपके प्रश्नों के जवाब अवश्य हैं पर वो किसी किताब मे या प्रोग्राम में नही मिलेंगे. वो अपने निजी अनुभव हैं और अपनी अपनी प्रज्ञा पर निर्भर करते हैं.
रामराम
महज़ टी.ऑर.पी बढाने और मुनाफा कमाने के लिए जनता की भावनाओं से खेलते हुए उसे बेवाकूफ बनाया जा रहा है और वो बन भी रही है
यह महज TRP का चक्कर है और कुछ नहीं.
-देखने वाले भी हैं इसलिए दिखा रहे हैं.
शुक्र है इस सीरियल का यहाँ प्रसारण नहीं किया जाता है.NDTV imagine के बाकी कार्यक्रम दिखाए जाते हैं shayd इसे यहाँ प्रसारण की अनुमति नहीं मिली होगी.
''जब सेलिना अपने पिछले जन्मों में थीं तो उनको हिन्दी कैस समझ आ रही थी, अगर उनको हिन्दी समझ आ रही थी तो जवाब हिन्दी में क्यों नहीं दिए गए।''....तुम्हारा यह वैचारिक लेख बहुत अच्छा लगा. अच्छा विश्लेषण किया. बधाई. और हां. तुम भी दसावातर में शामिल हो गए , इसकी बधाई.
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बहुत ही अच्छी पोल खोली है आपने... चिन्ता की बात यह है कि हमारे वो बच्चे जिन्हें अभी सही गलत के बीच भेद करने की बुद्धि नहीं आई इस कार्यक्रम को देख जीवन भर के लिये गुमराह हो सकते हैं।
यह भी देखिये जी हाँ यही है 'असली' राज पिछले जन्म का !!!
अभी आज ही इस कार्यक्रम पर मैंने भी एक चिट्ठा लिखा है (http://sudeshsri.blogspot.com/) पर। आपने बड़ा ही तार्किक विश्लेषण किया है। इस कार्यक्रम से बहुतों के उल्लू सीधे होते हैं। टी आर पी, विज्ञापन एक तरफ, पुनर्जन्म में विश्वास जगाना एक और लक्ष्य। हिन्दू jingoists भी खुश, alternative medicine वाले भी खुश। celebrities की वजह से credibility भी थोड़ी आ गयी। वाह वाह.
are mujhe to ye koi hasya karyakram . lagta hai .....or hansne ke liye dekhti hoon main ise :)
जो बिकता है वो दिखाते हैं..धंधा है भाई.आप तो गंभीर हो गये.
kya ye programme bilkul bakwas hai? agar haan to phir adalat mein ise challenge kiya ja sakta hai.Aur un sab ko jo is mein participate kar chuke hain , unhe saja bhi ho sakti hai,jhoot bolne ki.
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