सीरियल ब्लास्ट का दूसरा धमाका पाबला जी के नाम
भिलाई की चिंतन बैठक के बाद हमने ब्लाग बिरादरी में सुखद सीरियल ब्लास्ट की बात की थी। इसका पहला ब्लास्ट भी हमने कर दिया था, इसके बाद इसका दूसरा ब्लास्ट जो कि काफी बड़ा है, उसे बीएस पाबला जी ने रविवार को किया है। इस ब्लास्ट में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ के ब्लागर क्या करने वाले
पाबला जी की पोस्ट में कुछ मित्रों ने एक सवाल खड़ा किया है कि गुटबाजी के बिना बात नहीं बन रही थी। वैसे संजीव तिवारी जी ने भी इसका जवाब अपनी टिप्पणी से दे दिया है, लेकिन फिर भी हम साफ करना चाहते हैं कि हम लोग जो भी काम कर रहे हैं उसमें किसी भी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है। हम लोग ब्लाग बिरादरी के भले के लिए ही काम करेंगे। अब अगर इसको कोई गुटबाजी की संज्ञा देता है तो यह उसका अपना ज्ञान है।
वैसे हम एक सवाल करना चाहते हैं कि क्या अभी ब्लाग बिरादरी गुटबाजी से बची हुई है जो अब गुटबाजी प्रारंभ हो जाएगी। ये दुनिया है मित्र जब अपने देश के 11 खिलाडिय़ों की टीम में गुटबाजी हो सकती है तो फिर यह तो एक अथाह सागर वाली ब्लाग बिरादरी है, इसको गुटबाजी से कैसे बचाया जा सकता है। लेकिन हम लोग इतना जरूर यकीन दिला सकते हैं कि हम लोग कोई भी काम किसी गुटबाजी के तहत नहीं कर रहे हैं। हम लोगों को जरूरत महसूस हुई कि अपने राज्य का एक ब्लाग एसोसिएशन होना चाहिए, इसी के साथ लगा कि एक और चिट्ठा चर्चा होनी चाहिए जिससे ब्लागरों को आगे बढऩे का मौका मिले। हमारा ऐसा सोचना है कि जितनी ज्यादा चिट्ठा चर्चा का प्रारंभ हो, यह ब्लाग बिरादरी के लिए अच्छा ही है। यह चर्चा एक तरह से एंग्रीकेटर का काम करती है जहां पर कई अच्छे ब्लागों की पोस्ट एक साथ देखने को मिल जाती है।
अब कोई चिट्ठा चर्चा प्रारंभ करना, किस तरह की गुटबाजी का संकेत देता है, यह बात समझ से परे है। बहरहाल छत्तीसगढ़ के ब्लागर क्या करने वाले हैं इसका खुलासा पाबला जी ने कर दी दिया है। हम आदरणीय पंकज मिश्रा जी को बताना चाहते हैं कि हमने जो सीरियल ब्लास्ट की बात कही थी, पाबला जी ने उसी ब्लास्ट का एक बड़ा धमाका किया है, लेकिन इस धमाके से कोई आहत होने वाला नहीं है बल्कि इस धमाके से ब्लाग बिरादरी सुख के सागर में गोते लगाने का काम करेगी। आगे और भी ऐसे धमाके होंगे जिससे सुख सागर में आप सबको गोते लगाने के मौके मिलेंगे तो तैयार रहे सुख का परमानंद लेने के लिए।
19 टिप्पणियाँ:
अच्छी जानकारी। धन्यवाद।
अति सुंदर प्रयास. आपकी बातों से सहमत हूं. शुभकामनाएं.
रामराम.
गुड!..इसे कहते हैँ...सधे हाथों द्वारा किया जाने वाला नियंत्रित डिमालीशन(ब्लॉगजगत की कमियों का)
भाई हम तो आपके द्बारा ब्लास्ट होते ही परमानंद के सागर मे हिलोरे ले रहे है और लेते रहेंगे। जय हो।
ज्यादा चर्चा-मंचों का बनना सुखद संकेत है, और बेहतरी का सूचक भी । आभार ।
शुभम करोति कल्याणं
हम भी सुखसागर में गोते लगाने के लिए तैयार हैं लेकिन लाइफ जैकेट बांध ली है...
जय हिंद...
आने वाले अगले छ महीने निश्चित तौर पर हिंदी ब्लोग्गिंग के लिए बहुत ही परिवर्तनकारी सिद्ध होंगे ऐसा विश्वास है मेरा । आगे के लिए शुभकामनाएं और रही बात गुट और गुटबाजी की तो भई हम तो बता देते हैं कि हमारे गुट में इस समय २०,००० ब्लोग्गर्स हैं ...यानि सब के सब .....तो गुट भी अपना और बाजी भी ॥
कहाँ हो गुरु?
sahmat hoo..
vichar ache hai..
acchi soch ..
khushi hui..
ब्लॉग ब्लास्ट आफ !
bahut bahut shubh kaamnaayen !
badhaai !
अनार वाला धमाका है..रंग बिरंगा जगमग करता!! सौम्य!! मनभावन!
राजकुमार भाई अभी फोटो बहुत सी बची है दिन के बारह वाली भी और रात के नौ बजे वाली भी अगले धमाके के लिये भिजवाऊँ ?
अति सुंदर प्रयास.
सही लिखते है.
हिंदी ब्लॉगजगत में कोई गुटबाजी नहीं है…. सुलभ
शुभकामनाएं.
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