उडऩ तश्तरी का छत्तीसगढ़ में स्वागत है
हमारी कल की पोस्ट ऐसा स्टेडियम देखा नहीं कहीं.. में उडऩ तश्तरी यानी समीर लाल जी की एक टिप्पणी... रायपुर आएंगे तो आपके साथ देखेंगे.. पढ़कर यह लगने लगा है कि समीर जी छत्तीसगढ़ आने की तैयारी कर रहे हैं। अगर ऐसा है तो इससे बड़ी बात तो छत्तीसगढ़ के ब्लागरों के लिए हो ही नहीं सकती है।
समीर जी का ब्लाग बिरादरी में क्या स्थान है, यह बताने की जरूरत नहीं है। अगर समीर जी को कम से कम हिन्दी ब्लाग बिरादरी का बिग-बी कहा जाए तो हमें नहीं लगता है कि कोई इस पर आपति कर सकता है। अगर किसी को आपति हो भी तो क्या फर्क पड़ता है। ऐसे में जबकि उनको ब्लाग बिरादरी का बिग-बी समझा जाता है तो ऐसा कौन सा ब्लागर होगा जो बिग-बी से मिलना नहीं चाहेगा। जब समीर जी ने रायपुर आने की बात टिप्पणी में लिखी तो लगा कि हमें अब उनको आमंत्रित करने में विलंब नहीं करना चाहिए। हम उनको अपने राज्य के सभी ब्लागरों की तरफ से छत्तीसगढ़ आने के लिए आमंत्रित करते हैं कि वे जितनी जल्दी हो सके छत्तीसगढ़ जरूर आएं। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि यहां आकर आप इतना अपार प्यार और स्नेह पाएंगे जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। छत्तीसगढ़ के हर इंसान में इतना प्यार भरा है कि इसमें सारी दुनिया समा सकती है।
छत्तीसगढ़ जैसा शांत और कोई राज्य भारत क्या पूरी दुनिया में नहीं हो सकता है। वैसे आप छत्तीसगढ़ के बारे में अच्छी तरह से जानते होंगे क्योंकि आप वैसे भी छत्तीसगढ़ के अंग रहे हैं। यानी आप मप्र के हैं तो मप्र और छत्तीसगढ़ पहले एक ही थे। एक तो हम लोग पहले एक राज्य के थे, ऐसे में हम सब भाई-भाई हुए। वैसे अपने देश में रहने वाले हर इंसान का एक-दूसरे से कोई न कोई रिश्ता तो है ही। भारत ही एक ऐसा देश है जहां पर इंसानी रिश्तों को समझा जाता है। हर इंसान दूसरे इंसान को उम्र के हिसाब से सम्मान में भाई, चाचा, मामा, दादा, ताऊ, नाना चाहे जैसे रिश्तों में बांध ही लेता है।
समीर जी अब जबकि आपने रायपुर आएंगे तो स्टेडियम देखेंगे कह ही दिया है तो आ भी जाईए रायपुर हम सब आपका स्वागत करने के लिए बेताब हैं। तो बताईये कब पड़ेंगे आपके कदम हमारी छत्तीसगढ़ की घरा पर।
12 टिप्पणियाँ:
स्वागत है श्रीमान आपका स्वागत है श्रीमान, आईए हम पलक पाँवड़े बिछाए बैठे है।
समीर जी अब जबकि आपने रायपुर आएंगे तो स्टेडियम देखेंगे कह ही दिया है तो आ भी जाईए रायपुर हम सब आपका स्वागत करने के लिए बेताब हैं। तो बताईये कब पड़ेंगे आपके कदम हमारी छत्तीसगढ़ की घरा पर।
गौर फरमाना समीर लाल जी!
बगल में झारखंड भी है, वहां भी घुमा दीजिएगा, सर जी.. हम लोग हैं यहां...
अजी छत्तीसगढ़ तो हमारा है..
हमारे खास मित्र वहाँ मुख्य मंत्री रहे जोगी जी और हमारे बड़े भईया रविन्द्र श्रीवास्तव वहाँ महाधिवक्ता रहे.
हमने ५ वीं क्लास भिलाई ३ के सरकारी स्कूल से पास की है और तिवरा के खेतों से होते हुए विजली नगर में अपने घर तक जाने का रास्ता आज भी याद है.
फिर सी ए बनने के बाद हमारे पहले क्लाईंट भनपुरी में फेक्टरी लगाये बैठे थे..
कैसे अलग कर सकता हूँ ..उस छत्तीसगढ़ से अपने आपको जिसके मैत्री बाग में मेरा बचपन खेला है.
निश्चित ही मार्च अप्रेल तक आते हैं..इतने प्यार भरे आमंत्रण पर!!!
बहुत सुखद खबर सुनाई आपने समीरजी की आप मार्च-अप्रैल में आएंगे। अब हम लोगों ने आज से ही उल्टी गिनती शुरू कर दी है और आपका बेताबी से इंतजार कर रहे हैं। वह दिन वास्तव में सुखद और स्वर्णिम होगा जब आपके कदम छत्तीसगढ़ की घरा पर पड़ेंगे। कृपया बताएं कि कितने साल पहले आप छत्तीसगढ़ आए थे। आपके भिलाई में रहने की बात कम से कम हम तो नहीं जानते हैं, संभवत: बीएस पाबला जी को मालूम हो।
आखरी बार सन १९९८ के अंत में आया था...अब १२ साल बाद आने का आनन्द मुझे कितना मिलेगा...आप अन्दाजा लगाईये...क्या नाम है जहाँ मैं था..बेबी लॉन या पिकाडेली..ऐसे नाम हैं न वहाँ?? :)
जी हाँ दोनों ही नाम हैं यहाँ :) स्वागतम
राजकुमार जी,
समीर जी ने ही कई माह पहले भिलाई से जुड़ी अपनी यादें साझा की थीं। भिलाई का वह जग-प्रसिद्ध मैत्री गार्डन, भिलाई की सड़कों पर साइकिल से दौड़ लगाना, स्कूल की बातें।
वे आएँ, उनका स्वागत है अपने बचपन के भिलाई में। बेशक जमाना बदल गया हो, लोग नहीं बदले अभी तक इस नगरी के।
लेकिन समीर जी ने एक वादा किया था मुझसे। अगर इस टिप्पणी पर नज़र पड़े उनकी, तो समझ जाएँ वह् :-)
बी एस पाबला
वाह ये सिर्फ़ छत्तीसगढ ही नहीं बल्कि ये तो इसरो के लिए भी एक जरूरी खबर है कि ...एलियन जी हमारी धरती पर अवतरित हो रहे हैं ..॥ वो भी बाकायदा टाईम शाईम बता के.......स्वागत है जी स्वागत है ..॥
उडन तश्तरी की छत्तीस गढ यात्रा शुभ हो ।
ham bhi aayenge swaagat karne.........
gujaraat ki or se.......
gujaraat me toh unkaa abhinandan karenge hi
mazaa aayega......
यात्रा शुभ हो।
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