समीर लाल जी को बधाई दें राखी सावंत उनकी बहू बन गईं
फिल्म जगत की एक नायिका राखी सावंत ने अंतत: समीर लाल जी के घर की बहू बनना पसंद किया और टोरंटो के युवक इलेश को अपना जीवन साथी चुन लिया है। इलेश चूंकि समीर लाल जी के शहर के हैं ऐसे में अब हमारा तो कम से कम ऐसा मानना है कि राखी सावंत अपने उडऩ तश्तरी की बहू बन गई हैं। वैसे भी भारतीय समाज में एक परंपरा है कि किसी शहर में कोई लड़की ब्याह कर आती है तो वह उस शहर के रहने वालों की बहू बन जाती है, ऐसे में समीर लाल जी के शहर में जाने वाली राखी सावंत उनकी बहू हुईं या नहीं। तो फिर देर किस बात की है, अपने समीर लाल जी को दीजिए बधाई कि उनका टोरंटो जाना सुखद रहा और उनको राखी सावंत जैसी बहू मिल रही हैं।
19 टिप्पणियाँ:
वाह क्या कनेकशन जोड़ा है, टोरंटो समीर लाल, राखी सावंत और इलेश , मजा गया। चलो बधाई दे ही देते हैं।
अरे भाई क्या दिमाग लगाया है, राखी सावंत का लिंक समीर लाल जी से जोडऩे के लिए।
सबसे पहले समीर जी को बधाई सावंत उनकी बहू बन गई..............
बधाई :-)
अच्छा ! तब तो मुश्किल है प्रमोशन।
बधाई तो खैर ले ही लेते हैं मगर क्या बतायें!!
जाने किस जनम का पुण्य प्रताप आज प्रसाद बन के ऐसा टपका कि सर बचाये घूम रहे हैं. भला हो उपर वाले का कि सगाई को शादी नहीं माना जाता.
खैर, भारत में तो आप ही मेरे अपने से दिख रहे हो, परिवार में बहु आई है ..बचुआ!!मिठाई बंटवा देना भईया-ऐसन खुसी रोज थोड़े न आती है. :)
काजू कतली से नीचे न हो..बहु का तो ठीक है..अपनी इज्जत का तो ख्याल रखना ही पड़ेगा. :)
badhaii , mithaii ka intzaar .
बड़ी दूर की कौड़ी लाए हैं गुरु
टोरंटो की बहू को ससुराल मुबारक और समीर जी को भी . अबकी जबलपुर आएंगे तो मिठाई जरुर उनसे खा लूँगा.
हम भी समीर भाई की काजू कतली का इंतजार कर रहे हैं।
समीरलालजी,
अब आगे से अपनी गाडी का साईड मिरर बंद करके ड्राईव करना प्लीज़ :)
समीर लाल जी फिलहाल तो बच ही गए हैं। अगर सगाई के साथ जरूर शादी हो जाती तो ब्लाग जगत को पार्टी को देनी ही पड़ती।
समीर जी को हमारी भी बधाई
समीर लाल जी ने पिछले जन्म में जरूर मोती दान किए होंगे:)
चलिए हमारी ओर से भी बधाई स्वीकारें!!
राजकुमार जी, समीरलाल जी को अभी आप परेशान मत करिए, वे अभी व्यस्त हैं। एक यज्ञ करा रहे हैं इस मंत्र के साथ ---- आयी बला को टाल तू...
दिल्ली वाले तो बच गए और बेचारे कनाडा वाले अभी आधे फस गए।
जय हो.!!!!!!!!!!!!!
होइहै सोई जो राम रचि राखा!
बधाई समीर लाला जी को ...बहू हो तो ऐसी ....बू हू हू
क्या बधाई दे हमें तो दया आ रही बेचारे इलेश पर !
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