अबे तुम पत्रकार क्या घुटना दिमाग होते हो? - बे-बात पर ही खफा होगा
''राज़''-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
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सभी को नमस्कार करता है आपका *राज*
अबे तुम पत्रकार क्या घुटना दिमाग होते हो?
एक मित्र का फोन आया और उसने एक सवाल दाग दिया कि क्या तुम पत्रकार घुटना
दि...
13 वर्ष पहले
7 टिप्पणियाँ:
अपने देश में कहने को लोकतंत्र है, पर देखा जाए तो यहां के मंत्री अपने को राजा ही समझते हैं। गरीब जनता की सुनने वाला कोई नहीं है।
युवा शक्ति ही बचा सकती है देश को।
लोकतंत्र की तो आजादी ले लेकर अब तक लगातार हत्या हो रही है।
Sahee kaha aapne, uva hi is desh ko doobne se bachaa sakte hain.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
जिस देश में भ्रष्ट नेता रहेंगे उस देश का लोकतंत्र जिंदा कैसे रह सकता है।
मौत से मुझसे कहा है
युवा खून ही तुम्हें
पुन: जीवन दे सकता है
लाजवाब
लोकतंत्र पर करार प्रहार किया है आपने कविता से
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