आ जा बेटा खुडू-डुडू
हर किसी को अंग्रेजी के पीछे भागते देखकर एक गांव वाले ने सोचा कि क्यों न यार मैं भी अपने बेटे को पढऩे के लिए किसी बड़े शहर के बड़े अंग्रेजी स्कूल में भेजूं। यह सोचकर उस ग्रामीण ने अपने बेटे को पढऩे के लिए एक शहर के एक बड़े से अंग्रेजी स्कूल में भेज दिया। जब बेटा छुट्टियों में घर आ रहा था तो उसने अपने पिता को खबर दी कि वह इस दिन इस ट्रेन ने आने वाला है। अब वह ग्रामीण अपने बेटे को लेने के लिए स्टेशन गया। जब दोपहर के समय ट्रेन आई तो ट्रेन से उतरते ही बेटे ने अपने पिता से सबसे पहले कहा
हाऊ डू यू डू फादर।
अब उस ग्रामीण को कुछ नहीं सुझा तो उसने जवाब में कहा
आ जा बेटा खुडू-डुडू
इसके बाद दोपहर का समय होने पर बेटे ने कहा
गुड ऑफटर नून फादर
इस पर ग्रामीण ने जो समझा उसके जवाब में उसने कहा कि
बेटा गुड तो घर में नहीं है, नून (यानी नमक, छत्तीसगढ़ी में नमक को नून कहा जाता है) अपनी मां से घर में जाकर मांग लेना।
जब बेटे को लेकर पिता घर पहुंचा तो फिर बेटे ने अपनी मां से वही कहा -
गुड ऑफर नून मदर
इस पर पिता ने नाराज होते हुए कहा कि अबे तेरे को स्टेशन में ही कहा था न कि घर में गुड नहीं है मां से नून मांग लेना फिर भी तू गुड मांगे जा रहा है।
9 टिप्पणियाँ:
वाकई मजा आ गया, हंसी के रोके नहीं रूक रही है आपके खुडू-डुडू से। क्या शब्द निकाला है।
क्या बात है खुडू-डुडू की
भाई ये आखिर खुडू-डुडू क्या बला है?
ha ha ha
आपके नून का फडा मजेदार है
हा..हा...हा...
मजेदार है
जोरदार
लाजवाब
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