जल्दी बताएं आपको कौन सा दिन भाता है
हिन्दी ब्लाग लिखने वाले ब्लागरों को भी अब इस बात का खुलासा कर देना चाहिए कि उनको लिखने के लिए कौन सा दिन भाता है और कौन सा दिन पसंद नहीं आता है। वैसे हमें तो सभी दिन एक समान लगते हैं और हम कभी किसी दिन को अच्छा और बुरा नहीं मानते हैं। लेकिन वाशिंगटन में शोधकर्ताओं ने 2.4 करोड़ ब्लागों का अध्ययन करके यह बात सामने रखी है कि ब्लागरों को कौन सा दिन अच्छा लगता है और कौन सा दिन बुरा। इस अध्ययन में इस बात का खुलासा नहीं है कि इस अध्ययन में हिन्दी ब्लागों को शामिल किया गया है या नहीं लेकिन हमारा ऐसा मानना है कि हिन्दी ब्लागों को इसमें शामिल नहीं किया गया होगा।
यूनिवर्सिटी ऑफ वेर्मोट के शोधकर्ता ने जो अध्ययन किया है उसके मुताबिक ब्लागरों का सबसे पसंदीदा दिन रविवार है। इस दिन ब्लागर आपस में संपर्क करते हैं। जहां तक ब्लाग लिखने का सवाल है तो मंगलवार के दिन को सबसे अच्छा माना गया है। अधिकांश ब्लागर अपने ब्लाग इसी दिन अपडेट करते हैं। बुधवार के दिन को अध्ययन में सबसे खराब माना गया है। अन्य दिनों की बात करें तो सोमवार को शेयर बाजार के लिए उपयुक्त, गुरुवार को ध्रुमपान छोडऩे के लिए सही और शुक्रवार को बॉस से मिलने के लिए घातक माना गया है। शनिवार के दिन को जहां शराब न पीने के लिए उपयुक्त माना गया है, वहीं बच्चों के जन्म दिन के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है।
अब यह तो रही बात उस अध्ययन की जो अंग्रेजी ब्लागों पर किया गया है। क्या ऐसा कोई तरीका है जिससे यह मालूम हो सके कि अपने हिन्दी ब्लाग लिखने वाले ब्लागर मित्र कौन से दिन को ठीक मानते हैं और कौन सा दिन उनको अच्छा नहीं लगता है। हमने एक पहल की है कि ब्लाग बिरादरी के लोग अपने मन की बात जरूर बताएं कि वे इस बारे में क्या सोचते हैं। कौन सा ब्लागर किस दिन को लिखने के लिए उपयुक्त मानता है। वैसे हमारा अपने साथ ऐसा मानना है कि हिन्दी के ज्यादातर नियमित लिखने वाले ब्लागरों के लिए सभी दिन एक समान होते हैं। पर नियमित लिखने वालों की हिन्दी ब्लाग बिरादरी में हमें कमी नजर नहीं आती है। ऐसे में सोच की सुई आकर वहीं अटक जाती है कि आपको कौन सा दिन उपयुक्त लगता है। तो चलिए फिर देर किसी बात की है लिख डालिए अपने मन की बात और बताई अपने ब्लागरों मित्रों को कि आपको कौन सा दिन पसंद है।
11 टिप्पणियाँ:
भाई हमें तो जिस दिन पोस्ट लिखने का कोई मसाला मिल जाये उसी दिन लिखकर ठेल देते है | में तो प्रकृति के बनाए हर दिन को अच्छा मानता हूँ |
अब मैं तो ब्लाग लिखता नहीं तो क्या बताएं कि लिखने के लिए कौन सा दिन ठीक लगता है। हां पढऩे के दिन की बात करें तो मुझे हर दिन पढऩा अच्छा लगता है क्योंकि मैं रोज ब्लाग पढ़ता हूं।
हमें तो जिस दिन फुर्सत मिले वही दिन अच्छा लगता है गुरु
हम भी जिस दिन समय मिले उसी दिन पोस्ट ठेलते हैं. रही बात बढने की तो प्रत्येक रात हम पोस्ट पढते हैं खासकर फीड सब्सक्राईब किए हुए पोस्ट पढने में हमें ज्यादा आसानी होती है (क्योंकि हम मोबाईल से लैपटाप के द्वारा इंटरनेट उपयोग करते हैं इस कारण अधिकतम ब्लाग लोड नहीं हो पाते. जिसका कारण यह है कि हममें से ज्यादातर ब्लागर तकनीकि रूप से दक्ष नहीं है और अपने ब्लाग में ढेरों आवश्यक - अनावश्यक विजेट चिपकाए रखते हैं जिससे पेज लोड होनें में देरी होती है)
राज भाई..हमें वैसे तो सारे दिन पसंद हैं..मगर उस दिन बिल्कुल मन नहीं लगता जिस दिन कुछ लिख या पढ ना पायें..वैसे रविवार ज्यादा पसंद है..सरकारी
सेवक हैं न इसलिये भी शायद...
ho sakta hai.
इसी विषय पर एक चर्चा यहाँ भी की गयी है। अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग दिन अच्छे साबित होते हैं। गृहिणियाँ रविवार को और दिनों से ज्यादा व्यस्त हो जाती हैं।
es tathy ki khoj ki agli post ka hame entajar rahega.
हमे तो वो दिन पसंद है जिस ,रवि दिन सोम मंगल बुध गुरू या शुक्र शनी नही होने चाहिये . बस बाकी दिन हम बिना नागा लिखते ही रहते है :) आपने हमे पढा नही क्या अब तक ?
मेरे हिसाब से तो हर दिन बराबर हैं...हमारी कोशिश तो साप्ताहिक तौर पर कविता और निबंध प्रकाशित करना चाहता हूँ ..हाँ वैचारिक मंच -अप्रवासी उवाच के लिए तो विचारों के घन कभी भी बरस पढ़ते हैं....
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