छत्तीसगढ़ में बना पेशेवर फुटबॉल क्लब
खिलाडिय़ों को मिलेगा ५ से १५ हजार तक वेतन
प्रदेश में पहली बार इतिहास बनाते हुए जेसीबी की पहल पर जेसीबी भिलाई ब्रदर्स के नाम से पेशेवर फुटबॉल क्लब बनाया गया है। इस क्लब में दो नाइजीरियन खिलाडिय़ों के साथ देश के आला दर्ज के कुल ११ खिलाड़ी रखे गए हैं। इतने ही खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के भी हैं। खिलाडिय़ों को उनके स्तर के हिसाब से ५ से १५ हजार का वेतन हर माह दिया जाएगा। यह टीम देश की नामी स्पर्धाओं में खेलने जाएगी।
छत्तीसगढ़ के फुटबॉलरों को एक नई राह देने के मकसद से पहली बार पेशेवर क्लब का गठन किया गया है। इस क्लब के बारे में जानकारी देते हुए जेसीबी के एमडी अश्वनी महेन्द्रु जो कि बास्केटबॉल के राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके हैं, ने बताया कि काफी समय ने वे चाहते थे कि छत्तीसगढ़ में ऐसा कुछ नया किया जाए जिससे यहां के खेलों को एक नई राह मिल सके। उन्होंने बताया कि काफी सोच विचार के बाद अंतत: यह फैसला किया गया कि अगर पेशेवर क्लब बनाना है तो इसके लिए फुटबॉल ही सबसे उपयुक्त खेल हो सकता है। बकौल श्री महेन्द्रु बंगाल और मुंबई की तर्ज पर यहां पर पेशेवर क्लब के गठन के लिए चयन ट्रायल का आयोजन भिलाई में किया गया जिसमें दशे के कई राज्यों के खिलाडिय़ों के साथ छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी शामिल हुए। उन्होंने बताया कि जो टीम बनाई गई है उस टीम में नाइजीरिया के दो खिलाडिय़ों के साथ मिजोरम, बंगाल और महाराष्ट्र के पेशेवर कुल ११ खिलाडिय़ों को रखा गया है। इतने ही खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के भी रखे गए हैं। इन खिलाडिय़ों को पांच से १५ हजार तक का वेतन उनके खेल के स्तर को देखते हुए दिया जाएगा। इसी के साथ सभी खिलाडिय़ों के रहने और खाने की व्यवस्था भिलाई में की गई है।
एक सवाल के जवाब में श्री महेन्द्रु ने बताया कि टीम का कोच जिन जौहर दास को बनाया गया है वे पहले मोहन बागान क्लब के कोच थे। अब उनको यहां की टीम का कोच बनाया गया है, उनको वेतन के रूप में कम से कम ३० हजार रुपए दिए जाएंगे। पूछने पर उन्होंने बताया कि हर माह इस टीम पर दो लाख पचास हजार रुपए का खर्च आएगा। यह टीम अब चन्द्रपुर में होने वाली स्पर्धा से खेल की शुरुआत करेगी। इसके बाद टीम देश की सभी नामी स्पर्धाओं में खेलने के लिए जाएगी।
डीजीपी-खेल संचालक ने सराहा
टीम के खिलाडिय़ों को सबसे पहले खेल भवन में खेल संचालक जीपी सिंह से मिलवाया गया। इसके बाद खिलाडिय़ों की डीजीपी विश्वरंजन से मुलाकात करवाई गई। प्रदेश में बनी इस टीम के बारे में जानकार डीजीपी और खेल संचालक ने इस प्रयास को सराहा और कहा कि इससे दूसरे खेलों को भी एक प्रेरणा मिलेगी और दूसरे खेलों के भी ऐसी पेशेवर क्लब टीमें बनेगी।
8 टिप्पणियाँ:
जेसीबी को ऐसे अच्छे काम के लिए साधुवाद। जेसीबी की तरह और भी कंपनियों को खेलों को बढ़ाने के लिए सामने आना चाहिए।
अश्वनी महेन्द्रु चूंकि एक खिलाड़ी रहे हैं तो जरूर वे खिलाडिय़ों का दर्द समझते होंगे तभी उन्होंने ऐसी अनुकरणीय पहल की है। उनकी इस पहल को हम सलाम करते हैं।
खिलाडिय़ों के लिए एक अच्छा रास्ता निकाला गया है। भारत में जब तक हर खेल में पेशेवर टीमें नहीं बनेगी भारत का खेल कभी आगे नहीं बढ़ सकता है।
छत्तीसगढ़ ने वह कर दिखाया है जैसा करने का मादा और किसी राज्य में नहीं है। इस छोटे से राज्य को इतना अच्छा काम करने के लिए बधाई
चलो देर से ही सही कोई तो जागा जिसने एक अलख जगाने का काम किया है। अब इस अलख को आगे बढ़ाने के लिए कारवां की जरूरत पड़ेगी।
चलो खिलाडिय़ों को रोजगार तो मिला।
अच्छी पहल है। ऐसी पहल हर राज्य में हर खेल में होनी चाहिए।
ऐसी पहल को हमारा सलाम है गुरु
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