छत्तीसगढ़ी अंग्रेजी
बात उन दिनों की है जब हम एक गांव टेमरी में कक्षा 9वीं में पढ़ते थे। हम लोगों को एक टीचर पढ़ाते थे, चन्द्राकर सर। हम लोग अक्सर शाम के समय में वालीबॉल खेलने जाते थे। हमारे सर का एक साला भी था वह भी वालीबॉल खेलने आता था। हम लोग मस्ती में अंग्रेजी को छत्तीसढ़ी के साथ मिलाकर बोलते थे। कई बार ऐसा होता था कि ध्यान ही नहीं रहता था और बेख्याली में कही भी कुछ भी बोल देते थे।
एक दिन की बात है हम लोग शाम के समय में वालीबॉल खेल रहे थे कि हमारे चन्द्रकार सर का साला एक शाट मारने के चक्कर में जमीन पर गिर गया। उसका गिरना था कि हमारे मुंह से अनायस ही आदत के मुताबिक यह निकल गया कि चन्द्राकर के साला इज द गिरिंग भूइया में (छत्तीसगढ़ी में जमीन को भूइया कहा जाता है)। हमने यह कह तो दिया पर बाद में ध्यान आया कि यार सर भी साथ में खेल रहे हैं। ऐसे में हम थोड़े से घबरा गए कि क्या मालूम यार सर हमारी इस बात को किस रूप में लेंगे। लेकिन हमारी बात पर सबसे पहले हंसने वाले हमारे सर ही थे। जब हमने उनसे कहा कि सॉरी सर हमें ध्यान नहीं था कि आप भी साथ में हैं। तो उन्होंने कहा कोई बात नहीं यार हम सब लोग इस समय खिलाड़ी और दोस्त-यार हैं और दोस्ती यारी में सब चलता है।
यह तो एक वाक्या था। वैसे हम लोगों की काफी पहले यह आदत थी कि हम लोग अंग्रेजी को हिन्दी या फिर छत्तीसगढ़ी के साथ जोड़कर अलग टाइप की हंसी वाली अंग्रेजी का मजा लेते थे। कई मौकों पर कुछ भी बोलने की आदत रही है हमारी। और अचानक बोली गई बातों से ही हंसी आती है। हंसाने का काम करना दुनिया में सबसे पुन्य का काम होता है। आज के टेंशन भरे माहौल में लोगों के पास हंसी के लिए समय है भी कहां। वैसे भी अपने बिग-बी अमिताभ बच्चन ने अपनी फिल्म शराबी में कहा था कि आज कल हंसी की फसल उगती कहां है। यह बात को सच है कि आज हंसी की फसल उगती नहीं है। ऐसे में हंसने-हंसाने के लिए जो भी कुछ किया जाए अच्छा है। तो फिर हम चलते हैं और अब हम मिलिंग यू आर लोगन से एक नान चुक (छोटे को छत्तीसगढ़ी में नान चुक) ब्रेक के बाद।
4 टिप्पणियाँ:
मस्त लगी आपकी छत्तीसगढ़ी अंग्रेजी गुरु
आपने अतिताभ वाली यह बात ठीक लिखी है कि हंसी की फसल आज कल उगती कहां है।
हंसाना तो वाकई सबसे पुन्य का काम है। हंसाना हर किसी के बस की बात नहीं होती है।
अरे ऐसी ही मिली-जुली अंग्रेजी तो हम लोग भी बोलते रहते हैं।
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