कॉलेज में आईटम गर्ल के डांस का एक पीरियड !
आज के आधुनिक जमाने में शिक्षा इतनी बाजारू हो गई है कि शिक्षा के पवित्र मंदिर को नापाक करने का काम किया जाने लगा है। पवित्र शिक्षा के साथ भी निजी शिक्षण संस्थान इस कदर खिलवाड़ करने लगे हैं कि शर्म आती है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज ने अपने कॉलेज की सीटें भरने के लिए छात्रों के सामने आईटम गर्ल को परोसने का काम किया है। एक होटल में जोरदार पार्टी देकर छात्रों को रिझाने का प्रयास किया गया कि आए और आईटम गर्ल का डांस देखें और हमारे कॉलेज में एडमिशन ले। अगर आप इस कॉलेज में आ जाते हैं तो इसी तरह से आपका मनोरंजन होता रहेगा। इस एक घटना ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर ये निजी संस्थान शिक्षा को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं। आज निजी संस्थानों के कारण ही शिक्षा एक गलत राह की तरफ चल पड़ी है कहां जाए तो गलत नहीं होगा। आने वाले समय में ऐसा भी हो सकता है कि कोई कॉलेज यह ऐलान कर दे कि उनके कॉलेज में रोज आईटम गर्ल के डांस का एक पीरियड भी होगा।
आखिर कहां जा रही है हमारी शिक्षा की दिशा? क्या निजी शिक्षण संस्थाएं नैतिकता से परे काम नहीं कर रही हैं? एक समय अपने देश में शिक्षा को पूजा जाता था, किसी को शिक्षा देना सबसे बड़ा धर्म माना जाता था। गुरु की इज्जत करना भारत की परंपरा रही है। लेकिन अब न तो ऐसे गुरु रह गए हैं और न ही ऐसे शिष्य। वरना अपने देश का इतिहास गवाह है कि यहां पर गुरु को गुरु दक्षिणा में अंगूठा काटकर देने वाले शिष्य रहे हैं। लेकिन आज के समय में ऐसे उदाहरण मिलने संभव ही नहीं है। आज के समय में यह जरूर सुनने को मिलता है कि फला छात्र अपनी शिक्षिका के साथ भाग गया , या फिर फला छात्र ने अपनी शिक्षिका का ही बलात्कार कर दिया।
निजी शिक्षण संस्थाओं के कारण शिक्षा का जो व्यावसायिक करण हुआ है उसके अच्छे नजीजे सामने आए तो इसके बुरे नतीजे भी नजर आते हैं। आज का हर तरफ सिर्फ और शिक्षा का बाजार लगा हुआ है। शिक्षा बेचने की चीज बना दी गई है। हर निजी संस्थान शिक्षा को एक उत्पाद के रूप में पेश करने में लगा है। जिस उत्पाद का जितना ज्यादा प्रचार उस उत्पाद की उतनी ही कीमत बाजार में है। आज हर तरफ सिर्फ और सिर्फ कोचिंग क्लासों का भी बाजार लग गया है। क्या पहले लोग पढ़ते नहीं थे और पास नहीं होते थे? पहले तो कभी कोचिंग की जरूरत नहीं पड़ती थी। लेकिन अब क्यों पडऩे लगी है? यह सोचने की बात है। कोचिंग क्लासों से हमें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन कोचिंग के नाम पर जिस तरह की लुट मची है, उस लुट पर अंकुश लगाने में सरकार भी नाकाम रही है। सरकार नाकाम है तो उसके पीछे कारण भी है, सरकार में बैठे शिक्षा के मठाधीश भी अपनी तिजौरी भरने का काम कर रहे हैं। अगर कोई पैसा खर्च करेगा तो वह कमाएगा ही। ऐसे में उस कमाई के लिए लुट का शिकार तो आम आदमी ही होगा न।
लिखने को बहुत कुछ है। पर फिलहाल को यह एक मामला सामने आया कि जिसमें शिक्षा के पवित्र मंदिर को नापाक करने का काम किया है। अगर यही हाल रहा तो शिक्षण संस्थानों में ही अगर कोई आईटम गर्ल के डांस का भी पीरियड करने लगे तो आश्चर्य नहीं होगा। कोई कॉलेज कल को यह कर सकता है कि आईये हमारे कॉलेज में एडमिशन लीजिए और रोज लीजिए मजा एक आईटम गर्ल के डांस के पीरियड है।
22 टिप्पणियाँ:
चिन्तित करती हैं यह सब बातें..किस दिशा में जा रहे हैं!!
मेरे एक मित्र थे उस 'पीरिएड' में
यह सब होता देख अपनी बेटी का एडमिशन वहाँ कराने से कान पकड़ आयें हैं
जब शिक्षा के नाम पर आईटम गर्ल का डांस चल रहा था तो क्या सरकार सो रही थी। ऐसे कॉलेजों पर बेन क्यों लगाती है सरकार।
हर छोटी बात पर हंगामा करने वाली विपक्षी नेताओं को ऐसा शर्मनाक मामला नजर नहीं आया। क्या उनकी नैतिकता भी मर गई है। सरकार के साथ विपक्ष को भी डूब मरना चाहिए चुलू भर पानी में
निजी कॉलेजों में पढ़ाई कम और मौज-मस्ती ज्यादा होती है। ऐसे कॉलेजों पर नकेल कसने की जरूरत है।
गंभीर चिंतन का विषय है यह की कहां जा रही है देश की शिक्षा प्रणाली।
शिक्षा को व्यापार बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की दरकार है।
कुकुमुत्ते की तरह खुलने वाले मेडिकल और इंजीनियरिंग कालेजों का यही हाल होना है जल्द ही...
भगवान् बचाए...
सरकारें तो निकम्मी हैं अब न्यायपालिका से ही कुछ उम्मीद की जा सकती है...
शर्मनाक है, यह शिक्षा के पवित्र मंदिर को अपवित्र करने की साजिश हो रही है।
एक समय अपने देश में शिक्षा को पूजा जाता था, किसी को शिक्षा देना सबसे बड़ा धर्म माना जाता था। गुरु की इज्जत करना भारत की परंपरा रही है। लेकिन अब न तो ऐसे गुरु रह गए हैं और न ही ऐसे शिष्य। वरना अपने देश का इतिहास गवाह है कि यहां पर गुरु को गुरु दक्षिणा में अंगूठा काटकर देने वाले शिष्य रहे हैं। लेकिन आज के समय में ऐसे उदाहरण मिलने संभव ही नहीं है। आज के समय में यह जरूर सुनने को मिलता है कि फला छात्र अपनी शिक्षिका के साथ भाग गया , या फिर फला छात्र ने अपनी शिक्षिका का ही बलात्कार कर दिया।
ये को आज के जमाने का कड़वा सच लिखा दिया है आपने
निजी कॉलेजों पर सरकारी लगाम जरूरी है। वरना ये कॉलेज वाले शिक्षा के नाम पर न जाने क्या-क्या करने लगेंगे। आज के कॉलेज कैम्पस शिक्षा के कम और मौज-मस्ती के लिए ज्यादा जाने जाते हैं।
कोचिंग के नाम पर जिस तरह की लुट मची है, उस लुट पर अंकुश लगाने में सरकार भी नाकाम रही है। सरकार नाकाम है तो उसके पीछे कारण भी है, सरकार में बैठे शिक्षा के मठाधीश भी अपनी तिजौरी भरने का काम कर रहे हैं। अगर कोई पैसा खर्च करेगा तो वह कमाएगा ही। ऐसे में उस कमाई के लिए लुट का शिकार तो आम आदमी ही होगा न।
बहुत खूब लिखा है आपने, इसके लिए साधुवाद
गंभीर मुद्दा है
रिता जी की बातो से सहमत है
ऐसे कॉलेजों पर बेन लगे
वर्तमान के हालातों को देखते हुए इसमें तनिक भी विस्मय नहीं हो रहा है कि आने वाले समय में कुछ इस प्रकार का ही देखने को मिले!!
बेहद शर्मनाक स्थिति!!
bhaiya ji ham AADHUNIK ho rahe hain. AAPKO SHAYAD PATAA NAHIN HAI?
abhi to BAR bhi milenge. GHABRAAIYE NAHIN.
आज कल बङे कालेजो मे पढाई के नाम पे यही सब तो हो रहा है।
surendra vivek sarkar en colejo ke gati bidhi par najar rakhe
sarkar en colejo ke gati bidhi par najar rakhe
sarkar in college ki gati bidhi par najar rakhe
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