देह की माया की खेलों पर भी छाया
देह के आगे सब बेमानी है लिखने के बाद एक और बड़ी सामने यह आ गई है कि देह की माया की छाया खेलों पर भी भारी है। वैसे तो यह बात हम काफी पहले से जानते और मानते हैं, पर अपने क्रिकेटर सांसद कीर्ति आजाद साहब ने तो सीधे तौर पर दिल्ली क्रिकेट संघ पर यह आरोप लगा दिया है कि टीम के चयन में लड़कियां चलती हैं। अब भले इस बात को अपने अरूण जेटली साहब न मानें, पर आजाद साहब ने ऐसा कहा है तो उनको कुछ तो मालूम होगा। अगर जेटली जी की चुनौती पर उन्होंने कुछ खुलासा कर दिया तो फिर जेटली साहब को भागने का रास्ता मिलने वाला नहीं है। वैसे यह बात कौन नहीं जानता है कि आज हर क्षेत्र में बस चलती है तो वह देह की महिमा चलती है। इस देह की महिमा के आगे ही तो सब बेमानी है। ये बात हमने ही नहीं सारी दुनिया ने मानी है।
कुछ दिनों पहले ही हमने देह की महिमा पर एक लेख लिखा था। तब हमें नहीं मालूम था कि अपने सांसद महोदय कीर्ति आजाद साहब भी देह की महिमा को लेकर एक धमाका करने वाले हैं। पर उन्होंने एक धमाका कर दिया और सीधे तौर पर दिल्ली क्रिकेट संघ पर आरोप लगा दिया है कि टीम के चयन में जहां पैसे चलते हैं वहीं लड़कियां भी चलती हंै। यानी कि अगर आपको दिल्ली की टीम में स्थान चाहिए तो जनाब लड़कियां लेकर आईये। अब अपने कीर्ति जी ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि ये लड़कियां किनके पास पहुंचाई जाती हैं। पर उन्होंने इतना बड़ा आरोप लगाया है तो जरूर उनके आरोप के पीछे कुछ तो होगा ही। अब भले इस आरोप को चुनौती देते हुए अरूण जेटली कहते हैं कि कीर्ति के पास कोई सबूत है तो सामने रखें वरना वे अपना मुंह बंद रखें। अब तक तो कीर्ति जी का मुंह बंद ही था, पर अब मुंह खुला है तो बवाल का आगाज हुआ है। अब अगर उन्होंने दिल्ली संघ का पूरा कच्चा चिट्टा ही खोल कर रख दिया तो आपका क्या होगा जेटली साहब।
इसमें कोई दो मत नहीं है कि खेलों में लड़कियों का बहुत ज्यादा शोषण होता है। लेकिन यह बात हंगामाखेज है कि क्रिकेट जैसे खेल में दिल्ली की टीम में स्थान पाने के लिए बोर्ड के लोग या फिर चयनकर्ता लड़कियों की मांग करते हैं। जो लोग उनकी मांग को पूरा करने का काम करते हैं उनको टीम में रखा जाता है। इस मामले की गंभीरता को समझते हुए इस मामले में जांच करवाए जाने की जरूरत है न कि जेटली साहब को भड़कने की जरूरत है। सांसद के पद पर रहने वाले कीर्ति आजाद कोई हवा में तो आरोप लगाएंगे नहीं। अच्छा होता कि उनको खुले आम चुनौती देने की बजाए उनके जेटली साहब मामले की सच्चाई जानने के लिए बात करते और इस मामले में जांच करवाने का काम करते। अगर कीर्ति जी ने अपने बयान की तरह की किसी भी तरह की सच्चाई किसी चैनल में जाहिर कर दी तब क्या होगा।
हमने कुछ समय पहले एक लेख लिखा था कि यौन शोषण का धंधा खेलों को कर रहा है गंदा हमें लगता है कि हमारा वह लेख पूरी तरह से सही है। आज हर खेल की टीम में ऐसी गंदगी भरी है कि लड़कियों को टीम में स्थान पाने के लिए अपनी देह की कुर्बानी देनी पड़ती है। हर इंसान की नजर आज बस और बस देह पर है। किसी की देह मिल जाए तो फिर चाहे जो काम करवा ले। देह के सामने तो हर काम आसानी से हो जाता है फिर यह दिल्ली जैसी टीम में स्थान की क्या बात है। कम से कम खेल जैसे पवित्र पेशे को इस गंदगी से दूर रखने की जरूरत थी, पर देह के भूखे भेडिय़ों ने खेल को भी पवित्र नहीं रहने दिया है। अब ऐसे पापियों का क्या किया जा सकता है।
8 टिप्पणियाँ:
ये तो हमेशा से था...
अब तो गे का जमाना आ गया है आगे चलकर खिलाडिय़ों को लड़कियां लाने की बजाए उनके साथ ही यौन संबंध बना लिए जाए तो भी आश्चर्य नहीं होगा। कई स्थानों पर बालक खिलाडिय़ों का भी शोषण होने की खबरें आती रहीं हैं।
देह की महिमा अपार है गुरु
वाह रे देह की माया, इससे भला कोई बच पाया
बहुत ही शर्मनाक है यह तो। आजाद जी के आरोपों की तो सरकार को जांच करवानी चाहिए।
क्रिकेट जैसे जेंटलमैन गेम में अब यही सुनने को बचा था।
देह के जिस उपयोग या दुरूपयोग की बात आप कर रहे हैं..वो तो पता नहीं ..किस किस को गंदा कर चुका है राज भाई..सचमुच ही ये शर्मनाक है..
क्या करियेगा जनाब ये सब सोच कर. आप इसे गलत कहेंगे, वे कहेंगे देह उनकी है वे कुछ भी करें.
अब ये आधुनिकता है, आधुनिक बनिए और इसे सहजता से स्वीकार कीजिए.
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