डॉक्टर कर न पाएं दर्द का इलाज-तो जाने पिछले जन्म का राज
आपको शरीर में किसी खास स्थान पर लगातार दर्द है और डॉक्टरों के चक्कर काट-काट कर परेशान हो गए हैं। किसी भी डॉक्टर को यह बात समझ ही नहीं आ रही है कि आपके दर्द का कारण क्या है। ऐसे में चिंता की बात नहीं है आप भी पहुंच जाएं अपने एनडीटीवी वालों के पास और खुलवा ले राज अपने पिछले जन्म का। यकीन मानिए वे जरूर उस दर्द का आपके पिछले जन्म से रिश्ता निकाल कर दिखाएंगे। लेकिन इस बात की गारंटी नहीं रहेगी कि आपका दर्द समाप्त हो जाएगा।
वास्तव में अपने ये टीवी वाले पगला गए हैं लगता है जो पूरे देश भर में एक ऐसा अंध विश्वास फैलाने का काम कर रहे हैं जिससे बच पाना पढ़े लिखे लोगों के लिए भी संभव नजर नहीं आता है। एनडीटीवी के कार्यक्रम राज पिछले जन्म का में ज्यादातर पढ़े-लिखे लोग ही जा रहे हैं और वे भी इस टीवी कार्यक्रम के मोह में फंस कर अंधविश्वासी होते जा रहे हैं। हम कल के कार्यक्रम की बात करें तो पंजाबी फिल्मों की एक कलाकार मन्नत सिंह पहुंचीं थीं इस कार्यक्रम में इस वजह से की उनकी पीठ में लगातार पिछले 20 सालों से दर्द रहता है और कोई भी डॉक्टर न तो इसका कारण मालूम कर सका है और न ही इस दर्द से उनको निजात दिला सका है।
अब ऐसे में राज पिछले जन्म की डॉक्टर तृप्ति जैन ले जाती हैं मन्नत सिंह को अपने जादू के उस उडऩ खटोले पर जिस पर वह लोगों को लिटाकर पिछले जन्म की सैर करवाती हैं। चलिए हम लोग भी देखें कि इस सैर से क्या बात सामने आती हैं।
मन्नत सिंह को पिछले जन्म में ले जाकर दिखाया गया है कि वह लाहौर में एक मुस्लिम लड़की के रूप में जन्म लेती हैं, जहां उनका एक प्रेमी सुल्तान है। वहां पर 1947 के भारत-पाकिस्तान के दंगे दिखाए जाते हैं जिनसे घबराकर मन्नत सिंह जिनका पिछले जन्म में यास्मीन नाम रहता है अपने प्रेमी सुल्तान के साथ भागती हैं और जंगल में पहुंच जाती हैं, यहां पर उनके पीछे पाकिस्तानी सैनिक पड़ जाते हैं, इन सैनिकों में से एक का नाम वह मो। अली बताती हैं। ये सैनिक उनको और उनके प्रेमी को पहले तो पीठ में संगीन लगी बंदूकों से मारते हैं फिर यास्मीन को पीठ और सुल्तान के पेट में गोल मार देते हैं।
इस सारे वाक्ये को बताने के दरमियान डॉ। जैन यास्मीन से यह भी जान लेती हैं कि यास्मीन रावलपिंडी में महाराजा रणजीत सिंह और महारानी जिंदा की समाधि पर जाती हैं। जब दंगे होते हैं तब वह एक उर्दू अखबार देखती हैं जिसमें 1947 का साल लिखा है और इस अखबार में पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर रहती हैं। इसी के साथ यास्मीन यह भी बताती हैं कि पूर्व जन्म में उनका जो प्रेमी रहता है वह इस जन्म में उनका दोस्त दक्ष है। जब मन्नत सिंह वापस अपने इस जन्म में लौटकर आती हैं तो उनके साथ आए उनके मित्र दक्ष भी यह कहते हैं कि उनको भी पेट में ठीक वहीं पर दर्द होता है जहां पर गोली लगी थी।
मान गए एनडीटीवी वालों को अब लगता है कि उनकी अक्ल काम करने लगी है, तभी तो अब वे ऐसे स्थानों को दिखाने का काम कर रहे हैं जिन स्थानों के बारे में लोग जानते हैं। सभी को मालूम है कि रावलपिंडी में राजा रणजीत सिंह और महारानी जिंदा की समाधि है। इस समाधि में इस जन्म में भी जाने की बात मन्नत सिंह ने की है। वह यह भी कहती हैं कि उनका मुस्लिम धर्म से जरूर कोई रिश्ता रहा है तभी तो उन्होंने अपना नाम सुखविंदर कौर से बदल कर मन्नत सिंह रख लिया है।
मात्र किसी स्थान के बारे में और उन दंगों के बारे दिखाने से क्या होगा जिनके बारे में सब जानते हैं। इन टीवी वालों की बातों पर महज इतने से कैसे यकीन किया जा सकता है। क्या ये टीवी वाले ऐसा कोई सबूत किसी भी एक पिछले जन्म के राज वाले का पेश कर सकेंगे जिनका राज इन्होंने खुलवाया है। क्या टीवी वाले मन्नत सिंह के उस दक्ष को उसी उडऩ खटोले में सुलाने की हिम्मत दिखा सकते हैं जिस पर मन्नत को सुलाया गया था। अगर नहीं तो फिर बेवकूफ बनाना बंद किया जाए दर्शकों को।