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शनिवार, जुलाई 04, 2009

आशाराम बापू के आश्रम में काला जादू

आशाराम बापू को चाहने वाले उन करोड़ों भक्तों के लिए एक दुखद खबर है कि बापू के आश्रम में काला जादू होने की बात गुजरात हाई कोर्ट में कही गई है। इस बात का खुलासा करने का काम सीआईडी ने किया है। यह मामला उन दो बच्चों की मौत से जुड़ा है जिन बच्चों की मौत पिछले साल हुई थी। इन बच्चों के पिता द्वारा दायर याचिका के जवाब में सीआईडी ने जो हलफनामा अदालत को सौंपा है, उसी में इस बात का खुलासा किया गया है।

संत आशाराम बापू का आश्रम पिछले साल उस समय सुर्खियों में आया था जब वहां पर दो बच्चों की मौत हो गई थी। इस मौत के बाद तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। ज्यादातर लोगों का ऐसा मानना था कि यह बापू को बदनाम करने की साजिश है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है ऐसी कोई साजिश रची गई हो। लेकिन फिलहाल जहां किसी साजिश का खुलासा नहीं हुआ है, वहीं अब यह बात सामने आई है कि बापू के आश्रम में जिन दो बच्चों की मौत हुई थी, उसके पीछे काला जादू था। सीआईडी ने गुजरात हाईकोर्ट को हलफनामा सौंपा है, उस हलफनामे पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि बापू का आश्रम तांत्रिक साधन से जुड़ा है। पिछले साल आश्रम में जिन दो बच्चों दीपेश और अभिषेक वागेला की मौत हुई थी, उनके साथ पढऩे वाले तीन अन्य छात्रों मिनकेतन पात्र, विकास खेमका और उयर संघानी का सीआईडी ने जो लाई डिटेक्शन टेस्ट किया गया उस टेस्ट के बाद सीआईडी के अधिकारी एचबी राजपूत ने दावा किया है कि इन तीनों छात्रों को भी आश्रम में होने वाले तांत्रिक अनुष्ठानों की जानकारी है।

अदालत में सीआईडी ने कहा है कि वह मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। वैसे भी चूंकि मामला आशाराम बापू से जुड़ा है ऐसे में अगर सीआईडी का एक कदम भी गलत उठा तो पूरे देश के साथ विदेशों में भी बवाल मचने के पूरे आसार है ऐसे में सीआईडी का सावधानी बरतन लाजिमी है। वैसे सीआईडी संभवत: इस बात का भी खुलासा नहीं करती लेकिन उसको मजबूरी में ऐसा करना पड़ा क्योंकि जिन दो बच्चों की मौत हुई थी उनके पिता ने सीआईडी से मामला लेकर सीबीआई को सौंपने की मांग की थी, ऐसे में सीआईडी को यह राज खोलकर बताना पड़ा कि वह मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। अगर सीआईडी की जांच में वास्तव में दम है तो यह एक बड़ा मामला हो सकता है। आशाराम बापू के चाहने वाले हजारों, लाखों में नहीं करोड़ों में हैं। ऐसे में उनके दिलों में क्या बितेगी कुछ कहा नहीं जा सकता है। अब यह तो मामले के पूरे खुलासे के बाद मालुम होगा कि क्या होता है, मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होनी है।

11 टिप्पणियाँ:

Unknown शनि जुल॰ 04, 08:23:00 am 2009  

संत आसाराम बापू के आश्रम में अगर ऐसा हो रहा है तो यह एक विचारणीय प्रश्न है। जिन संतों पर लोग भरोसा करते हैं उन पर से अगर विश्वास टूटता है तो यह आघात होता है।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' शनि जुल॰ 04, 08:38:00 am 2009  

सन्त और आश्रम,
दुरुपयोग है,
भारतीय संस्कृति का।

yogesh,  शनि जुल॰ 04, 08:49:00 am 2009  

सीआईडी ने अदालत में कोई बात कर रही है तो उसकी बात में दम तो होगी ही अन्यथा सीआईडी को भी मालूम है कि आसाराम जी के दरबार नेता, मंत्री, अधिकारी सभी जाते हैं।

बेनामी,  शनि जुल॰ 04, 08:54:00 am 2009  

ये तो बापू को बदनाम करने की सीआईडी वालों की साजिश है। बापू के आश्रम में ऐसा होना संभव नहीं है। बापू तो गरीबों के मसीहा हैं। गरीबों का साथ देने वालों को ही बदनाम किया जाता है। सीआईडी में दम है तो सबूत पेश करे।

बेनामी,  शनि जुल॰ 04, 09:30:00 am 2009  

अरे भाई एक संत से विश्वास टूटेगा तो दूसरे पर आ जाएगा, भारत में संतों की कमी थोड़ी है। जितने संत नहीं हैं, उससे अधिक उन पर मरने वाले हैं।

vivek,  शनि जुल॰ 04, 09:35:00 am 2009  

भारत में आश्रमों की आड़ में क्या-क्या गोरख धंधा चलता है यह किसी से छुपा नहीं है। आश्रमों पर अब लोगों की आस्था भी कम होने लगी है। ऐसे में आसाराम जैसे संत के आश्रम पर अंगुली उठ रही है तो आगे न जाने क्या होगा।

Unknown शनि जुल॰ 04, 09:53:00 am 2009  

अपने देश में धर्म के नाम पर जीतनी लूट मची है, उतनी और कहीं नहीं होगी, धर्म के नाम पर आसानी से सबको उल्लू बनाया जा सकता है।

sushil varma,  शनि जुल॰ 04, 10:21:00 am 2009  

तंत्र-मंत्र की आड़ में गलत तांत्रिक लोगों को बेवकूफ बनाने का काम करते हैं, पर आसाराम जैसे संत के आश्रम में तांत्रिक अनुष्ठानों का क्या काम यह बात समझ नहीं आ रही है।

बेनामी,  शनि जुल॰ 04, 01:18:00 pm 2009  

अफसोसजनक

Unknown शनि जुल॰ 04, 02:10:00 pm 2009  

शास्त्री जी ठीक कह रहे हैं

संजय बेंगाणी शनि जुल॰ 04, 05:19:00 pm 2009  

हमें कोई आश्चर्य नहीं हुआ. सी आई डी ऐसा न कहती तो जरूर होता.

हर ठग-उचक्का संत बन कर लोगो को ठगता है. धर्म का नाम बीच में आने से कोई बोल भी नहीं सकता. इन धूर्तों की माया कौन नहीं जानता? मगर जो अक्कल के अंधे हैं उन्हे राह भी कौन दिखाए? संत ऐसे ही महान हिअ तो इनके आश्रम अवैध कब्जाई जमीनों पर क्यों बने है?

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