रवि रतलामी जी आपका स्वागत है छत्तीसगढ़ की धरा पर
अचानक एक सुखद खबर आई की अपने ब्लागर मित्र रवि शंकर श्रीवास्तव जी यानी रवि रतलामी का छत्तीसगढ़ की घरा पर आगमन हो रहा है। वे यहां पर यूं ही नहीं आ रहे हैं बल्कि एक राष्ट्रीय ब्लाग संगोष्ठी में शिरकत करने आ रहे हैं। इस संगोष्ठी का आयोजन भी कुछ इस तरह से अचानक सामने आया है कि पता भी नहीं चला कि ऐसी कोई संगोष्ठी रायपुर में होने वाली है। इस संगोष्ठी को करने का काम वे जयप्रकाश मानस जी कर रहे हैं जिनका योगदान हिन्दी ब्लाग बिरादरी में कम नहीं है। हमें याद है कि उन्होंने ही हमें पहली बार ब्लाग लिखने के लिए प्रेरित किया था। अब यह बात अलग है कि तब हम दो साल पहले इसकी शुरुआत नहीं कर पाए थे। बहरहाल हम बात कर रहे हैं रवि जी की। तो हमारी छत्तीसगढ़ की ब्लाग बिरादरी उनका तहे दिल से छत्तीसगढ़ की धरा पर स्वागत करती है।
दो दिन पहले की ही बात है कि अचानक अपने जयप्रकाश मानस जी के ब्लाग पर नजरें पड़ी तो मालूम हुआ कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक राष्ट्रीय ब्लाग संगोष्ठी का आयोजन 10 जुलाई को निरंजन धर्मशाला वीआईपी रोड में दोपहर दो बजे किया जा रहा है। जहां इस संगोष्ठी की जानकारी होने पर खुशी हुई, वहीं इस बात का अफसोस भी हुआ कि यहां पर संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है और यहां के ब्लागर ही इससे अंजान हैं। वैसे भी छत्तीसगढ़ में इस समय एक हजार से ज्यादा ब्लाग हैं। इनमें से कितने लगातार लिख रहे हैं इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। यही वजह रही है कि हमने अनिल पुसदकर जी से एक बार कहा था कि कम से कम छत्तीसगढ़ के ब्लागरों का एक सम्मेलन करवाया जाए। इस बात पर उस दिन सहमति भी बनी है जिस दिन बीएस पाबला जी का अचानक रायपुर आना हुआ था। तब प्रेस क्लब में हम लोग बैठे थे, अनिल जी, पाबला जी, संजीत त्रिपाठी और हम। ऐसे में एक रूपरेखा बनाई गई कि छत्तीसगढ़ के ब्लागरों को एक स्थान पर एकत्रित किया जाए ताकि कम से कम सब एक-दूसरे को जान सकें। अभी यह योजना प्रारंभिक अवस्था में ही है कि अनाचक राष्ट्रीय संगोष्ठी की एक सुखद खबर मिली है। इस खबर को मानस जी के ब्लाग में देखने के बाद जहां रवि रतलामी जी के ब्लाग में भी देखने का मौका मिला, वहीं रवि जी का मेल भी मिला है, कि इस संगोष्ठी में आना है। अपने शहर में ऐसा आयोजन हो और हम न जाएं यह तो हो ही नहीं सकता है। अगर बुलावा नहीं भी आता तो एक पत्रकार और एक ब्लागर होने के नाते हम जो जरूर जाएंगे। फिर रवि जी जैसे ब्लागर से मिलने का मोह भला हम कैसे त्याग सकते हैं।
हम रवि जी के बारे में ज्यादा तो नहीं जानते हैं, पर ब्लागर मित्रों से जानकारी मिली है, उसके मुताबिक रवि जी ने जहां हिन्दी ब्लाग बिरादरी के लिए काफी कुछ किया है, वहीं उनका छत्तीसगढ़ की घरा से काफी पुरानी रिश्ता रहा है। वे यहां पर भिलाई में लंबे समय तक रहे हैं ऐसी जानकारी हमें मिली है। आईये रवि जी आपका छत्तीसगढ़ की घरा में स्वागत है। राष्ट्रीय संगोष्ठी में रवि जी के अलावा और कई जाने-माने ब्लागरों के आने की संभावना है। ऐसे में हमारा मानना है कि इस मौके को किसी भी ब्लागर को नहीं गंवाना चाहिए और इस संगोष्ठी में जरूर आना चाहिए, खासकर छत्तीसगढ़ और मप्र के ब्लागरों को तो जरूर आना चाहिए। उनको यहां आने में परेशानी भी नहीं होगी। वैसे भी आयोजकों ने मेहमान ब्लागरों के रहने और खाने की व्यवस्था की है। इस आयोजन के लिए मानस को साधुवाद है और आशा करते हैं कि वे हिन्दी ब्लाग बिरादरी को बढ़ाने के लिए ऐसे आयोजन करते रहेंगे।
8 टिप्पणियाँ:
रवि जी के लिए तो छत्तीसगढ़, अपने घर जैसा है और अपने सेवाकाल का लम्बा समय तो उन्होंने भिलाई में बिताया है।
इस अवसर पर वरिष्ठजनों के सानिध्य में कुछ सीख पायेंगे यह आशा किए उनका व अन्य ब्लॉगर साथियों का स्वागत है।
रवि अंकल से मिलने तो हम भी जाएँगे
रवि जी का स्वागत है, साथ ही मानस जी का आयोजन करवाने के लिए धन्यवाद।
सभी दिग्गज ब्लागरों का स्वागत है गुरु
आश्चर्य यह है कि छत्तीसगढ के अनेक ब्लॉगरो को इस सम्मेलन की जानकारी नही है मानस जी को यह पता है या नही है मुझे नही पता .
लगता है कि छत्तीसगढ़ के ब्लागरों को सूचना देना ही जरूरी नहीं समझा गया। ये कैसी संगोष्ठी है कि छत्तीसगढ़ के ब्लागर ही इससे अंजान है। आखिर इस संगोष्ठी का मतलब और औचित्य क्या है जरा आयोजक बताएं।
रवि रतलामी जैसे ब्लागर को गुपचुप बुलाने का मतलब समझ नहीं आता है?
ये कैसी संगोष्ठी है जो एक घंटे की है। राष्ट्रीय संगोष्ठी और वो भी एक घंटे की इतने कम समय में क्या हो सकता है। इतने कम समय में तो राज्य की संगोष्ठी भी संभव नहीं होती है।
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