नेशनल सुपर क्राफ्ट छत्तीसगढ़ में
उबड़-खाबड़ खतरनाक रास्ता और तेज रफ्तार से एक साथ कई बाइक चली जा रही हैं। सामने एक बड़ा सा टीले जैसा ब्रेकर बना हुआ है, उसके ऊपर जाने के बाद बाइक हवा में कई फीट ऊपर चली जाती है और बाइक सवार अपने बेहतरीन संतुलन से बाइक को नीचे ले आते हैं। ऐसे कई ब्रेकर रास्ते में आते हैं और हर ब्रेकर में बाइक हवा में छलांग लगाकर फिर से जमीन पर आकर दौडऩे लगती है। यह किसी फिल्म का सीन नहीं है, बल्कि हकीकत है जो सुपर क्राफ्ट बाइक रेसिंग में होती है। और इसी हकीकत से दो-चार होने का मौका छत्तीसगढ़ वासियों को बहुत जल्द मिलने वाला है। यहां पर प्रदेश मोटर संघ ने नेशनल सुपर क्राफ्ट चैंपियनशिप करवाने का फैसला किया है। यह चैंपियनशिप छत्तीसगढ़ को मिल भी गई है। यह आयोजन यहां पर ५ से १५ अक्टूबर के बीच में किया जाएगा। इस आयोजन के लिए बस सरकार ने अनुदान की दरकार है। इसके पूरा होते ही यहां पर इसकी तैयारियों जोर-शोर से प्रारंभ हो जाएंगी। वैसे तीन साल पहले यहां पर ऐसी ही राष्ट्रीय स्तर की मोटर बाइक रेसिंग हो चुकी है। लेकिन तब चैंपियनशिप डर्ट ट्रैक की हुई थी।
मोटर बाइक की रोमांचक रेसिंग का मजा अब तक छत्तीसगढ़ के खेल प्रेमी टीवी पर ही लेते रहे हैं। वैसे एक बार यह पर तीन साल पहले जब २००६ में साइंस कॉलेज में मोटर बाइक रेसिंग का आयोजन किया गया था तो इस आयोजन को देखकर लोग दंग रह गए थे। कारण साफ है अब तक बाइक के जिन स्टंड को लोग फिल्मों में या फिर टीवी पर देखते रहे हैं वो साक्षात सामने हो तो रोमांचित होना लाजिमी है। उस समय साइंस कॉलेज के मैदान में जब यह आयोजन किया गया तो वहां पर पैर रखने की जगह नहीं थी। छत्तीसगढ़ के हर कोने से इस आयोजन को देखने के लिए खेल प्रेमी आए थे।
यह आयोजन डर्ट ट्रैक का था। इसमें जिस रास्ते से मोटर बाइक सवारों को गुजरना रहता है कि वह इतना ज्यादा खराब रहता है कि सामान्य मोटर बाइक सवार उस पर चल ही नहीं सकते हैं। इसी के साथ रास्ते काफी घुमादार रहते हैं। तेज गति की बाइक जब मोड़ के पास आती है तो बाइक सवार के संतुलन की असली परीक्षा होती है। जब मोड़ पर बाइक सवार की गाड़ी के चक्कों से मिट्टी की परत उखड़ जाती है तो देखने वाले दर्शक दांतों तले उंगलिया दबा लेते हैं। यह तो है डर्ट ट्रैक का रोमांचक। लेकिन इस बार राजधानी में जिस सुपर क्राफ्ट बाइक रेसिंग का मेला लगने वाला है, उसके रोमांच मात्र की कल्पना से मन रोमांचित हो जाता है। इस सुपर क्राफ्ट रेसिंग में बाइक का हवा में छलांग लगाना देखना कितना रोमांचकारी हो सकता है यह बताने की जरूरत नहीं है। इसी सुपर क्राफ्ट का रोमांच छत्तीसगढ़ में लाने की योजना पर प्रदेश मोटर स्पोट्र्स संघ ने बनाई है। वैसे तो यह आयोजन पिछले साल ही हो जाता, पर पैसों की कमी के कारण ऐसा नहीं हो सका। संघ ने फिर इसको २००९ के प्रारंभ में करने की योजना बनाई, तब भी योजना फेल हो गई। इसके बाद अब जाकर तीसरी बार यह योजना बनाई गई है और इसको अक्टूबर में कराने की योजना है। फेडरेशन ऑफ इंडिया मोटर स्पोट्र्स ने इसकी मंजूरी भी दे दी है। इस बारे में संपर्क करने पर प्रदेश संघ के महासचिव उज्जवल दीपक ने बताया कि संघ को सुपर क्राफ्ट की मेजबानी मिल गई है।
आयोजन पर आएगा १३ लाख का खर्च
मोटर बाइक की रोमांचक रेसिंग का मजा अब तक छत्तीसगढ़ के खेल प्रेमी टीवी पर ही लेते रहे हैं। वैसे एक बार यह पर तीन साल पहले जब २००६ में साइंस कॉलेज में मोटर बाइक रेसिंग का आयोजन किया गया था तो इस आयोजन को देखकर लोग दंग रह गए थे। कारण साफ है अब तक बाइक के जिन स्टंड को लोग फिल्मों में या फिर टीवी पर देखते रहे हैं वो साक्षात सामने हो तो रोमांचित होना लाजिमी है। उस समय साइंस कॉलेज के मैदान में जब यह आयोजन किया गया तो वहां पर पैर रखने की जगह नहीं थी। छत्तीसगढ़ के हर कोने से इस आयोजन को देखने के लिए खेल प्रेमी आए थे।
यह आयोजन डर्ट ट्रैक का था। इसमें जिस रास्ते से मोटर बाइक सवारों को गुजरना रहता है कि वह इतना ज्यादा खराब रहता है कि सामान्य मोटर बाइक सवार उस पर चल ही नहीं सकते हैं। इसी के साथ रास्ते काफी घुमादार रहते हैं। तेज गति की बाइक जब मोड़ के पास आती है तो बाइक सवार के संतुलन की असली परीक्षा होती है। जब मोड़ पर बाइक सवार की गाड़ी के चक्कों से मिट्टी की परत उखड़ जाती है तो देखने वाले दर्शक दांतों तले उंगलिया दबा लेते हैं। यह तो है डर्ट ट्रैक का रोमांचक। लेकिन इस बार राजधानी में जिस सुपर क्राफ्ट बाइक रेसिंग का मेला लगने वाला है, उसके रोमांच मात्र की कल्पना से मन रोमांचित हो जाता है। इस सुपर क्राफ्ट रेसिंग में बाइक का हवा में छलांग लगाना देखना कितना रोमांचकारी हो सकता है यह बताने की जरूरत नहीं है। इसी सुपर क्राफ्ट का रोमांच छत्तीसगढ़ में लाने की योजना पर प्रदेश मोटर स्पोट्र्स संघ ने बनाई है। वैसे तो यह आयोजन पिछले साल ही हो जाता, पर पैसों की कमी के कारण ऐसा नहीं हो सका। संघ ने फिर इसको २००९ के प्रारंभ में करने की योजना बनाई, तब भी योजना फेल हो गई। इसके बाद अब जाकर तीसरी बार यह योजना बनाई गई है और इसको अक्टूबर में कराने की योजना है। फेडरेशन ऑफ इंडिया मोटर स्पोट्र्स ने इसकी मंजूरी भी दे दी है। इस बारे में संपर्क करने पर प्रदेश संघ के महासचिव उज्जवल दीपक ने बताया कि संघ को सुपर क्राफ्ट की मेजबानी मिल गई है।
आयोजन पर आएगा १३ लाख का खर्च
सुपर क्राफ्ट चैंपियनशिप पर कम से कम १३ लाख रुपए का खर्च अनुमानित है। पिछले आयोजन में करीब १० लाख का खर्च आया था। लेकिन इस बार चूंकि सुपर क्राफ्ट चैंपियनशिप है तो इस चैंपियनशिप में आने वाले बाइक सवार भी काफी ऊंचे दर्जे के होंगे। देश के करीब १०० जाबांज बाइक सवार आएंगे। जो भी बाइक सवार आएंगे उनकी बाइक कम से कम ८ से १० लाख की होगी। ये बाइक ५०० सीसी तक की होगी। सारे सवारों को मैच फीस भी देनी पड़ती है, फिर इनके रहने और खाने का खर्च भी उठाना पड़ेगा। इसी के साथ ट्रैक तैयार करने में काफी खर्च आया है। एक अनुमान के मुताबिक साइंस कॉलेज के मैदान पर ही फिर से आयोजन किया जाता है तो यहां पर कम से कम २०० ट्रेक मिट्टी डालनी पड़ेगी। फेडरेशन को भी शुल्क देना पड़ता है। इसी के साथ फेडरेशन का जिस आइल की गल्फ कंपनी से अनुबध है उसको भी पैसे देने पड़ते हैं।
मुख्यमंत्री से ५ लाख के अनुदान की उम्मीद
इस रोमांचक आयोजन के लिए प्रदेश संघ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से पांच लाख रुपए के अनुदान की उम्मीद कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री सिंह राजनांदगांव की हॉकी के लिए जहां पांच लाख का अनुदान देते हैं, वहीं राजधानी में होने वाली एथलेटिक क्लब की हॉकी और हिन्द स्पोर्टिंग फुटबॉल के आयोजन के साथ खेलों के आयोजन को खुले दिल से मदद करते हैं। ऐसे में प्रदेश संघ का सोचना है कि छत्तीसगढ़ में एक ऐसे आयोजन के लिए जो काफी रोमांचक होगा और आज तक नहीं हुआ है, मुख्यमंत्री जरूर इसके १३ लाख के बजट को देखते हुए पांच लाख की मदद तो करेंगे ही। संघ से जुड़े लोग कहते हैं कि इतनी मदद होने से ही आयोजन संभव हो सकेगा अन्यथा पिछली बार की तरह इस बार भी मामला खटाई में पड़ सकता है। इस बार संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री डा. सिंह से मिलकर उनको आयोजन की पूरी जानकारी देने के साथ मदद मांगने का मन बनाया है।
6 टिप्पणियाँ:
मोटर बाइक जब हवा में छलांग लगाती है तो सांसे थम जाती हैं और ऐसा नजारा आंखों के ठीक सामने हो तो बात ही क्या है, ऐेसे रोमांच के बारे में सोचना ही किसी रोमांच से कम नहीं होता है।
मोटर बाइक के रोमांच की बात ही निराली है। ऐसा रोमांचक खेल टीवी के स्थान पर सामने देखने का मजा ही अलग होता है।
मोटर बाइक के राष्ट्रीय आयोजन के ळिए छत्तीसगढ़ को अग्रिम बधाई।
मोटर बाइक की रेसिंग तो सच में बहुत रोमांचक होती है। छत्तीसगढ़ में इसका आयोजन होगा तो जरूर यहां के खेलप्रेमियों को अद्भूत नजारा देखने को मिलेगा।
इतने रोमांचक आयोजन के लिए सरकार को तो मदद करनी ही चाहिए। कोई भी आयोजन बिना सरकारी मदद के संभव नहीं होता है।
Its superb to have events like this,which will enhance the development of Chhattisgarh.Congrates to all, and hope the organizers dont have any problems in the championship.
Anand
एक टिप्पणी भेजें