चलो सिंग लड़ाए-चलो सिंग लड़ाए हम..
हम जब कल रात को अपनी दैनिक हरिभूमि प्रेस के पास चाय पीने के लिए गए तो देखा दो सांड आपस में चलो सिंग लड़ाए-चलो सिंग लड़ाए हम का खेल, खेल रहे हैं। ऐसे में हमने तत्काल अपने फोटोग्राफर मनोज साहू को फोन किया और उनको इन दृश्यों को कैमरे में कैद करने को कहा। वैसे भी काफी कम ऐसे मौके आते हैं जब सांड रोड़ में इस तरह से मोहब्बत से लड़ते नजर आते हैं।
7 टिप्पणियाँ:
वाह !!
अच्छी तस्वीरें हैं।
ऐसे नजारे रोड़ पर होते ही रहते हैं।
वाह क्या कामल का नजारा है..दोनों मैच ही खेल रहे होंगे..जीता कौन..ये तो बताया ही नहीं आपने.
ऎसे दृ्श्य अक्सर देखने को मिल जाते हैं!!!!
Mukabla mum se na karo,
hum tumhe apne rang mein rang dalenge.......
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