सावन की हवा
मदमस्त लहराता मस्त आकाश
झूमती, नाचती, गाती सावन की हवा।
रिमझिम फुहारों का हसीन शमां
हर दिल में होने लगे अरमान जवां ।
भिगाने को महबूब के संग
आ गई बरखा लेकर सावन नया ।
झूलने लगे झूलों में देखो
हसीनों के प्यारे कारवां।
सावन की रिमरिझ फुहारों तले
मचल उठते हैं सभी दिल जवां।
ऐसा प्यारा हसीन मौका
बार-बार मिलता है कहां ।
झूमती, नाचती, गाती सावन की हवा।
रिमझिम फुहारों का हसीन शमां
हर दिल में होने लगे अरमान जवां ।
भिगाने को महबूब के संग
आ गई बरखा लेकर सावन नया ।
झूलने लगे झूलों में देखो
हसीनों के प्यारे कारवां।
सावन की रिमरिझ फुहारों तले
मचल उठते हैं सभी दिल जवां।
ऐसा प्यारा हसीन मौका
बार-बार मिलता है कहां ।
10 टिप्पणियाँ:
बहुत बढिय़ा है आपकी सावन की हवा- हमारा दिल भी हो गया जवां
सावन की रिमझि बरसात का तो हर प्रेमी को इंतजार रहता है ताकि वह अपने प्रेयसी के साथ भिगने का मजा ले सके। बहुत अच्छी कविता है।
सावन के पहले ही दिन ऐसी कविता, मजा आ गया
सुंदर अभिव्यक्ति
ग्वालानी जी, आषाढ़ जाते जाते कृपा कर गया था। सावन की कृपा शेष है। लेकिन मॉनसून दूर दूर तक नहीं है।
सुन्दर मौसमी गीत..
अद्वितीय, बहुत ही सुन्दर
---
नये प्रकार के ब्लैक होल की खोज संभावित
लाजवाब रचना
रिमझिम फुहारों का हसीन शमां
हर दिल में होने लगे अरमान जवां
वाह..वाह...
बहुत ही सुन्दर रचना
एक टिप्पणी भेजें