अरे कोई तो बताओ ट्रेन क्यों नहीं चल रही थी
बात उन दिनों की है जब हम कॉलेज में पढ़ते थे। तब हम भाटापारा से रायपुर पढऩे आते थे। हम लॉ कॉलेज में थे। सो क्लास रात को लगती थी। ऐसे में हम लोग रात को 10 बजे 29 डाउन मुंबई-हावड़ा एक्सप्रेस से रोज भाटापारा जाते थे। एक दिन रात को जब हम लोग रेलवे स्टेशन पहुंचे और ट्रेन में बैठ गए तो काफी समय हो गया फिर भी ट्रेन चलने का नाम नहीं ले रही थी। रायपुर में ट्रेन का स्टापेज महज 10 मिनट का था, पर आधा घंटा होने के बाद भी ट्रेन नहीं चली तो हम लोग ट्रेन से नीचे आए और जानना चाहा कि माजरा क्या है। माजरा तो हमारी भी समझ में नहीं आया। देखा कि सामने सिग्नल भी हरा है, पीछे ट्रेन का गार्ड लगातार हरी झंड़ी हिला रहा था, लेकिन इसके बाद भी ट्रेन थी कि आगे बढ़ ही नहीं रही थी। बहुत दिमाग खपाने के बाद भी कुछ समझ में नहीं आया तो हम लोग जाकर ट्रेन में सो गए और सोचा कि चलो यार जब ट्रेन को चलना होगा तो चलेगी क्यों कर सिर खपाए कि ट्रेन क्यों नहीं चल रही है। ट्रेन ने न चलने का कारण बाद में मालूम हुआ कि ट्रेन आखिर क्यों नहीं चल रही थी। अगर आपको कुछ समझ आया हो तो जरूर बताए कि आखिर ट्रेन क्यों नहीं चल रही थी।
17 टिप्पणियाँ:
बहुत खोपड़ी खुजाई पर ट्रेन क्यों नहीं चली समझ में नहीं आया।
ड्राईवर पीने निकल लिया होगा!!
कभी आदमी और कभी ट्रेन का मूड नहीं होता
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नक्सलियों ने पटरी तो नहीं उखाड़ दी थी?
किसी मंत्री वगैरह का इंतजार तो नहीं कर रही थी ?
सब कुछ ठीक ठाक होने के बावजूद यदि गाडी या प्लेन अपने गंतव्य की ओर न बढें तो समझिये कोई नेता फेता आ रहा होगा :)
उडऩ तश्तरी की बात ठीक लगती है।
ड्राईवर ही नहीं होगा ट्रेन में।
ड्राइवर सो गया होगा।
राज लगता है ट्रेन उस दिन मेरा ही इंतजार कर रही थी, तुम्हें याद है मेरे आते ही ट्रेन चल पड़ी थी।
ये भारतीय ट्रेन है मित्र जब मर्जी होती है तभी चलती है, इसमें टेंशन लेने की क्या बात है।
अच्छा हुआ उस समय लालू रेल मंत्री नहीं थे, नहीं तो सबको संसपेड कर देते
ट्रेन भाटापारा चली जाती तो रायपुर में कैसे रहते और सिर खुजाने के लिए कुछ मसाला भी चाहिए ना!
राजकुमार भईया ट्रेन क्यूं नहीं चल रही इसके संबंध में जानने के लिये आज आपके ब्लाग पर आते रहेंगें. पर यह जानकर खुशी हुई कि आप भी हमारी तरह कानून की पढाई किये हुए हैं और हमारे गृह ग्राम (सिमगा) के 'परोसी' हैं.
ये ट्रेन रायपुर मे थी ही नही तो चलती कैसे?कंहा की फ़ोटू लगा दिये राजकुमार लोगो को गलतफ़हमी हो जायेगी कि रायपुर का प्लेटफ़ार्म इतना अच्छा है।
ज्ञान जी बता सकते हैं रिकार्ड देख कर :)
1. कोई वी आई पी का इंतजार कर रही होगी..
२, ड्राइवर था न?
दरअसल में उस ट्रेन में रात की बजाए दिन वाले गार्ड की ड्यूटी लग गई थी। ऐसे में गार्ड महोदय रात को भी हरी झंडी दिखा रहे ते, जबकि रात को झंडी नहीं लाइट दिखाई जाती है। बाद में उनको याद आया कि वे रात की ट्रेन में ड्यूटी में पर है तो उन्होंने लाइट दिखाई तब ट्रेन चली।
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