शत्रु मारते थे लड़कियों को लाइन और देते थे फाइन
फिल्म स्टार और नेता शत्रुध्न सिंहा ने खुद इस बात का खुलासा किया है कि वे अपने कॉलेज के जमाने में लड़कियों से छेड़छाड़ करते थे, जिसके कारण उनको फाइन भी देना पड़ता था। सोचने वाली बात यह है कि आज शत्रु स्टार और सांसद हैं इसलिए वे एक मंच पर इस बात को शान से बता रहे हैं कि वे लड़कियों से छेड़छाड़ करते थे, अगर उनके स्थान पर कोई आम आदमी मंच पर ऐसी किसी बात का खुलासा करे तो उसकी तो सामत ही आ जाएगी। वैसे कोई आम आदमी ऐसी हिम्मत कर भी नहीं सकता है। ये तो अपने फिल्मी सितारे ही हैं जिनमें इतनी हिम्मत है कि वे गलत कामों को भी शान ने बताते हैं कि वे ऐसा करते थे। वैसे भी जब शत्रु फिल्मों आए थे, तो उनको कोई हीरो के रूप में कोई लेना नहीं चाहता था। काफी समय तक उनकी छवि एक खलनायक की ही रही है। इस बात का खुलासा भी उन्होंने कई बार खुद किया है। बकौल शत्रु उनकी शक्ल ऐसी नहीं थी कि उनको हीरो लिया जाता। पर बाद में उन्होंने कई फिल्मों में बतौर हीरो काफी अच्छा काम किया है और आजकल बतौर नेता अच्छा काम करने के प्रयास में हैं। लेकिन वे लड़कियों से छेड़छाड़ की बात बता कर आखिर युवा पीढ़ी को क्या संदेश देना चाहते हैं इसका भी उनको खुलासा कर देना चाहिए।
एक मंच पर एक शत्रुध्न सिंहा जैसा फिल्म स्टार और सांसद यह कहता है कि वह अपने कॉलेज के जमाने में लड़कियों को छेड़ते थे और इसके लिए उन्हें २५ रुपए का जुर्माना देना पड़ता था। वे यह भी कहते हैं कि मैं उन बातों को यहां नहीं बता सकता जिसके कारण मुङो जुर्माना होता था क्योंकि यहां पर महिलाएं बैठी हैं। शत्रु जी आपको महिलाओं का इतना ही ख्याल है तो फिर आपने इस बात का खुलासा ही क्यों किया कि आप लड़कियों से छेड़छाड़ करते थे, आखिर इसके पीछे मकसद क्या है? आज जबकि आप भाजपा जैसे पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं और संसद में जाते हैं तब आपको क्या ऐसी बात का खुलासा करना शोभा देता है जो बात समाज के लिए शर्मनाक है। कौन सा ऐसा परिवार होगा जो अपने सपूत की इस बात पर गर्व करेगा कि वह लड़कियों को छेडऩे का काम करता है। यही नहीं वह सपूत मंच पर खुलेआम इस बात को कबूल भी कर रहा है। हमें तो लगता है कि शत्रु जी को ऐसी बात करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। उनकी मानसिकता भले हंसी वाली रही हो, लेकिन मामला बड़ी गंभीर है। किसी भी ऐसे इंसान को कभी सम्मान की नजर से नहीं देखा जा सकता है जो इंसान लड़कियों को छेडऩे का काम करता हो। समाज में ऐसे लोगों को मजनू और लुचों की संज्ञा दी जाती है। शत्रु जी के फिल्मी कैरियर के बारे में देखा जाए तो वे पहले पहल जब फिल्मों में आए थे तो कोई भी उनको बतौर नायक फिल्मों रखना नहीं चाहता था। इस बात का खुलासा उन्होंने खुद कई बार अपने साक्षात्कार में किया है। जब वे रायपुर आए थे, तब भी उन्होंने यह बात बताई थी। रायपुर में उनसे मिलने का मौका एक बार नहीं कई बार मिला है, लेकिन उनको देखकर कभी नहीं लगा कि वे कभी मजनूओं जैसी हरकतें करते रहे होंगे। बहरहाल अब जबकि उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया है तो उनको इस बारे में सोचना चाहिए कि वे समाज को ऐसा बता कर क्या देना चाहते हैं। क्या वे आज के युवाओं को यह बताना चाहते हैं कि लड़कियों को छेडऩा अच्छी बात है। आखिर उनके खुलासे से युवाओं को क्या सिख मिलेगी इसका खुलासा भी शत्रु जी को करना चाहिए। क्या उनको लगता है कि उनके इस खुलासे के बाद कोई उनको सम्मान की नजरों से देखना पसंद करेगा।
7 टिप्पणियाँ:
अगर शत्रु जी यह कहते कि मैं कॉलेज के जमाने में लड़कियों को छेडऩे का एक गलत काम करता था, ऐसा काम आज के युवाओं को नहीं करना चाहिए तो यह जरूर उनकी महानता होती। लेकिन यहां तो वे उल्टा सीधे तौर पर युवाओं को लड़कियों को छेडऩे का रास्ता दिखा रहे हैं। बहुत ही शर्मनाक है उनका बयान
नेता और अभिनेता को नहीं होता कोई धर्म-ईमान सारे के सारे होते हैं बेईमान
आपने ठीक लिखा है कि आखिर शत्रु जी लड़कियों को छेडऩे की बात बता कर युवाओं को किसी दिशा में ले जाना चाहते हैं।
आखिर उनके खुलासे से युवाओं को क्या सिख मिलेगी इसका खुलासा भी शत्रु जी को करना चाहिए। क्या उनको लगता है कि उनके इस खुलासे के बाद कोई उनको सम्मान की नजरों से देखना पसंद करेगा।
मैं भी आपकी इस बात से सहमत हूं।
शत्रु ने साबित कर दिया कि नायक नहीं खलनायक हूं मैं
एक सांसद को ऐसा बयान देना शोभा नहीं देता है। उनको इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
जवानी में ग़लतियाँ सभी करते हैं कोई सन्यास थोड़े ही लेता है
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1. विज्ञान । HASH OUT SCIENCE
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