पाइका से निखारेंगे खेलों को
प्रदेश की खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी ने कहा कि प्रदेश में खेलों को निखारने का काम पाइका योजना के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना से हर गांव में खेलों की सुविधाएं हो जाएंगी। इस योजना को प्रदेश में लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार गंभीरता से काम कर रही है। केन्द्रीय खेल मंत्री एमएस गिल ने भी हम लोग विभाग के अधिकारियों के साथ जाकर मिले हैं और छत्तीसगढ़ में खेलों के विकास के लिए केन्द्र से मदद मांगी गई है। वहां से भी पूरी मदद देने का आश्वासन दिया गया है।
ये बातें खेल मंत्री लता उसेंडी ने डिग्री कॉलेज में राज्य नेटबॉल चैंपियनशिप के उद्घाटन अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेलों के विकास के लिए प्रदेश सरकार नई-नई योजनाओं पर काम कर रही है। केन्द्र सरकार की पाइका योजना पर प्रदेश में गंभीरता से काम चल रहा है। इस योजना के लिए केन्द्र से बजट भी मिल गया है। हमारी सरकार ने तो पहले ही इसके लिए २ करोड़ ६६ लाख का बजट पा कर दिया है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय मंत्री एमएल गिल से मिलने वह खुद खेल सचिव सुब्रत साहू और खेल संचालक जीपी सिंह के साथ गई थी। वहां पर श्री गिल से छत्तीसगढ़ में खेलों के विकास पर गंभीर चर्चा हुई है। उन्होंने साई की सारी योजनाओं का लाभ भी छत्तीसगढ़ को देने की बात कही है। उनको यहां आमंत्रित भी किया गया है। वे छत्तीसगढ़ आने को सहमत है। केन्द्रीय खेल मंत्री को छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिभा खोज योजना के बारे में पूरी जानकारी दी गई। इस योजना ने उनको बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ हर खेल के खिलाडिय़ों को मिलेगा। इस योजना से प्रदेश की गांवों में छुपी हुई प्रतिभाएँ सामेन आएंगी।
राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेंगे
सुश्री उसेंडी ने कहा कि उनका विभाग प्रदेश में २०१४ के राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने के प्रयास में है। इसके लिए जैसे ही योजना बनाई गई तो मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह ने इस पर तुरंत सहमति जताई और कहा कि मेजबानी ली जाए। उन्होंने बताया कि अब बजट में मेजबानी लेने के लिए जो दो करोड़ पचास लाख की राशि लगनी है उसका प्रावधान किया जाएगा और मेजबानी लेने में कोई कसर नहीं छोंड़ेगे। उन्होंने नेटबॉल के मैदान के लिए कहा कि खिलाडिय़ों के लिए मैदान की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि वैसे भी प्रदेश सरकार राज्य के खेल मैदानों को सुरक्षित रखने के लिए एक विधेयक विधानसभा में लाने वाली है। खेल मंत्री ने खिलाडिय़ों से कहा कि हारने वाली टीम जब अगली बार यहां खेलने आए तो वह इस पर जरूर ध्यान दे कि वह किस कारण से हारी थी। अगर हार के कारणों को आप दूर करने में सफल होंगे तो सफलता आपको जरूर मिलेगी।
मेजबानी के लिए विद्याचरण की मदद लेंगे
कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व मंत्री और नेटबॉल संघ के अध्यक्ष विधान मिश्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिल सके इसके लिए ओलंपिक संघ के आजीवन अध्यक्ष विद्याचरण शुक्ल की भी मदद ली जाएगी। अगर श्री शुक्ल का आर्शीवाद रहा तो मेजबानी मिल ही जाएगी। उन्होंने खेल मंत्री सुश्री उसेंडी की तारीफ करते हुए कहा कि उनके खेल मंत्री बनने के बाद पहली बार प्रदेश में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने की अहम पहल की गई है। उनकी पहल को बेकार जाने नहीं दिया जाएगा।
सरकार और खेल संघों का लक्ष्य एक
खेल संचालक जीपी सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार और खेल संघों का एक मात्र लक्ष्य खेलों की विकास करना है। ऐसे में छत्तीसगढ़ देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने खेल संघों के साथ मिलकर सब जूनियर और जूनियर स्तर की राज्य चैंपियनशिप का आयोजन हर खेल में करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ये दोनों वर्ग ऐसे हैं जिन वर्गों की प्रतिभाओं को निखारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी खेल संघ के पदाधिकारियों और खिलाडिय़ों को कोई भी परेशानी हो तो वे उनसे भी सीधे आकर खेल संचालनालय में मिल सकते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित नेटबॉल संघ के महासचवि संजय शर्मा ने नेटबॉल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि २०१० के कामनवेल्थ खेलों के लिए भारत की संभावित टीम में छत्तीसगढ़ की तीन खिलाडिय़ों प्रीति बंछोर, नेहा बजाज और शकुंतला पटेल को रखा गया है। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त संचालक ओपी शर्मा ने किया।
5 टिप्पणियाँ:
छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने का प्रयास कर रहा है जानकरा खुशी हुई।
कामनवेल्थ के लिए छत्तीसगढ़ की तीन खिलाडिय़ों का भारतीय टीम में चयन हुआ है, यह छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि है, बधाई
पाइका योजना के बारे में विस्तार से बता सकें तो जरूर बताएँ।
कभी-कभी खेलों पर भी जानकारी देनी चाहिए
छत्तीसगढ़ की खेलमंत्री की सोच बहुत अच्छी लग रही है।
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