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रविवार, जून 07, 2009

भ्रूण हत्या पर हर चैनल करे पहल

ना आना इस देश में लाडो सीरियल की नताशा-मेघना का मत
महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की बात करने वाले देश में आज भी कई राज्यों में लगातार भ्रूण हत्या का क्रम जारी है। ये हत्याएं नि:संदेह लड़कियों की ही होती हैं। आज के आधुनकि दौर में कन्याओं की भ्रूण में हत्या होना आश्चर्यजनक लगता है। इसको रोकने की पहल सरकार ने तो की है, पर वह काफी नहीं है। ऐसे में एक टीवी चैनल कलर्स ने इस सबसे बड़े मुद्दे पर एक सीरियल बनाने का काम किया है। इस सीरियल ना आना इस देश लाडो को भारी सफलता भी मिल रही है। इस सीरियल में काम करने वाली कलाकारों सिया का किरदार निभाने वाली नताशा शर्मा और अम्माजी का रोल करने वाली मेघना मलिक का मानना है कि आज इस बात की जरूरत है कि ज्यादा से ज्यादा चैनल भ्रूण हत्या जैसे मामलों में पहल करें। वैसे भी टीवी चैनलों ने इस दिशा में पहल करने में काफी देर कर दी है। अब एक चैनल जागा है तो बाकी को भी ऐसा करने से पीछे नहीं रहना चाहिए। इनका साफ तौर पर मानना है कि आज समाज से जुड़े ऐसे मुद्दों पर ही सीरियल बनाने की जरूरत है।




पहली बार रायपुर आई इन कलाकारों ने कहा कि वास्तव में आज के आधुनिक समाज में भ्रूण हत्या जैसा घिनौना अपराध हो रहा है और इस पर रोक लगाने में सरकार सक्षम नहीं है। मेघना कहती हैं कि आज भी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में जहां भ्रूण में ही कन्याओं की हत्या कर दी जाती है, वहीं कई स्थानों पर कन्याओं को पैदा होने के बाद मार दिया जाता है। कहीं मारा नहीं भी जाता है तो उनको फेंक दिया जाता है। वास्तव में यह देश के लिए दुखद है कि भविष्य की मांओं की हत्याएं लगातार हो रही हैं और हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इन्होंने एक स्वर में कहा कि वास्तव में कलर्स चैनल बधाई का पात्र है जिसने एक गंभीर मुद्दे पर सीरियल बनाने का काम किया है। आज ऐसे सीरियलों की समाज को जरूरत है जो समाज को एक रास्ता दिखा सकें।


हमारा तो ऐसा मानना कि भ्रूण हत्या जैसा घिनानै अपराध करने वालों को फांसी की सजा देनी चाहिए। इसी के साथ ऐसे डॉक्टरों को भी कड़ी सजा देनी चाहिए जो अपराध होने के बाद भी भ्रूण परीक्षण करके लोगों को बता देते हैं कि गर्भ में क्या है। अगर डॉक्टरों पर ही लगाम कसने का काम सरकार करें तो भ्रूण हत्या को पूरी तरह से रोका जा सकता है। लेकिन सरकार डॉक्टरों पर न जाने क्यों कड़ाई नहीं कर पा रही है। सबसे बड़े दोषी तो डॉक्टर ही हैं।

इन्होंने बताया कि उनके सीरियल को बहुत ज्यादा सफलता मिल रही है। सीरियल में सिया का रोल करने वाली नताशा को भी इस बात का बहुत दुख है कि अपने देश में भ्रूण हत्याओं पर विराम नहीं लग रहा है, लेकिन उनको इस खबर पर खुशी है कि राजस्थान में आज सात के स्थान पर शादी में आठ फेर लिए जा रहे हैं और यह आठवां फेरा भ्रूण हत्या न करने की कसम खाने वाला होता है। उनका मानना है कि अगर इस खबर में वाकई में सच्चाई है तो पूरे देश में शादी के लिए आठ फेरों की रस्म कर देनी चाहिए। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि क्या एक फेरे मात्र से भ्रूण हत्या रूक जाएगी। आज भ्रूण हत्या रोकने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है और जागरूकता जगाने का काम टीवी से ज्यादा अच्छे तरीके से और कौन कर सकता है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अब तो टीवी वालों को जागना चाहिए और इस दिशा में देर नहीं करनी चाहिए, अगर अब देर हो गई तो वह दिन दूर नहीं है जब देश में लड़कियों का अकाल पड़ जाएगा।

11 टिप्पणियाँ:

Unknown रवि जून 07, 09:31:00 am 2009  

भ्रूण हत्या रोकने के लिए सरकार से उम्मीद करना ही गलत है, इसके लिए जनजागरण अभियान चलाना चाहिए। इस मामले में महिला-पुरुषों को एक साथ मिलकर काम करना होगा तभी सफलता मिलेगी।

Unknown रवि जून 07, 09:38:00 am 2009  

भ्रूण हत्या पर कलर्स चैनल की पहल वाकई सराहनीय है। ना आना इस देश में लाडो जैसे सीरियलों की आज समाज को बहुत जरूरत है।

Unknown रवि जून 07, 10:05:00 am 2009  

राजस्थान में अगर सच में भ्रूण हत्या रोकने के लिए शादी में आठवें फेरे जैसी कोई रस्म हो रही है तो उसको पूरे देश में अपनाना चाहिए।

Manjit Thakur रवि जून 07, 10:22:00 am 2009  

अच्छा जी, चैनल वाले अगर भ्ूण हत्या पर काम करेंगे तो राखी-मीका पर रायता कौन फैलाएगा? ब्लॉगर??

बेनामी,  रवि जून 07, 10:24:00 am 2009  

भ्रूण हत्या के लिए तो पहले दोषी डॉक्टर ही हैं। ऐसे डॉक्टरों को ही फांसी की सजा देनी चाहिए।

Unknown रवि जून 07, 10:45:00 am 2009  

सामाजिक सरोकार वाले सीरियल बनने लगे तो समाज के कई बुराईयों का अंत संभव है क्योंकि आज समाज पर टीवी और सिनेमा का बहुत असर होता है।

बेनामी,  रवि जून 07, 10:49:00 am 2009  

भविष्य की मांओ की हत्याओं पर पूरा समाज आज चिंतित है। एक अच्छा मुद्दा आपने सामने रखा है।

बेनामी,  रवि जून 07, 05:32:00 pm 2009  

आज लगता है कि महिला ही महिलाओं की दुश्मन हो गई है। महिलाओं को भू्रण हत्या का पुरजोर विरोध करना चाहिए।

anu रवि जून 07, 05:41:00 pm 2009  

चैनल वालों को सामाजिक सरोकार से कोई मतलब नहीं होता है। चैनल वाले तो बस विवाद वाली खबरों को दिखाते हैं और ऐसे सीरियल दिखाते हैं जिनमें सांस-बहू के झगड़े हो या फिर अफयेर के किस्से हो। भ्रूण हत्या जैसी समस्याओं से इनको क्या लेना-देना है। इनको सलाह देना से कोई फायदा होने वाला नहीं है।

mkbhardwaj गुरु जुल॰ 16, 10:59:00 pm 2009  

apke serial ko dekhte dekhte balika ke pita ko ghabraahat to hoti hai lekin Sia se ek aashaa jagi hai ,Himmat badhi hai.bhroon Hatyaa rokne ko dharmic aandolan chaahiye.Serial ko din me do-do bar dekhte hain log.Sadhuvaad aapko.M K Bhardwaj Gurgaon.

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