नहीं जाएगी बाढ़ में जान-ट्रेंड होंगे जवान
छत्तीसगढ़ में वैसे तो बाढ़ की स्थिति बहुत कम रहती है लेकिन इसके बाद बाढ़ से किसी की जान न जाए इस मामले में सरकार गंभीर लगती है। यही वजह है कि आज मानसून के पहले ही सावधानीवश बाढ़ के कारण जाने वाली जानों को बचाने का सामान कर लिया गया है। यानी की अब बाढ़ से किसी की जान नहीं जाएगी क्योंकि प्रदेश सरकार की पहल पर होम गार्ड विभाग ने एक दर्जन बोट खरीद ली है और अब सभी जिलों के होम गार्ड को प्रशिक्षण दिलाने के लिए कोलकाता से विशेषज्ञों के एक दल को बुलाया जा रहा है। यह दल एक सप्ताह तक होम गार्ड को ट्रेंड करने का काम करेगा।
प्रदेश में मानसून आने से पहले ही इस बार बाढ़ से निपटने की तैयारी कर ली गई है। पिछले कुछ सालों से प्रदेश के कुछ जिलों बस्तर, जांजगीर चांपा, रायगढ़, राजनांदगांव के साथ रायपुर जिले के आरंग और गरियाबंद में बाढ़ की स्थिति बनी है। यहां पर जाकर होम गार्ड के जवानों के कई लोगों की जान भी बचाई है। बाढ़ की स्थिति में बोट न होने के कारण जान-माल की हिफाजत करने में आ रही परेशानी को देखते हुए ही आपदा कोष से १८ बोट लेने का फैसला किया गया था, पर पैसों की कमी को देखते हुए फिलहाल १२ बोट ली गई है। एक-एक बोट चार लाख पचास रुपए की है।
प्रदेश में मानसून आने से पहले ही इस बार बाढ़ से निपटने की तैयारी कर ली गई है। पिछले कुछ सालों से प्रदेश के कुछ जिलों बस्तर, जांजगीर चांपा, रायगढ़, राजनांदगांव के साथ रायपुर जिले के आरंग और गरियाबंद में बाढ़ की स्थिति बनी है। यहां पर जाकर होम गार्ड के जवानों के कई लोगों की जान भी बचाई है। बाढ़ की स्थिति में बोट न होने के कारण जान-माल की हिफाजत करने में आ रही परेशानी को देखते हुए ही आपदा कोष से १८ बोट लेने का फैसला किया गया था, पर पैसों की कमी को देखते हुए फिलहाल १२ बोट ली गई है। एक-एक बोट चार लाख पचास रुपए की है।
होमगार्ड के रायपुर जिले के प्रभारी एनके चावरे ने बताया कि बोट की बहुत ज्यादा बहुत जरूरत थी। इसके बिना बाढ़ की स्थिति में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था। उन्होंने बताया कि कोलकाता की कंपनी से एक विशेषज्ञों का दल यहां आने वाला है। इस दल के आने पर हर जिले के कुछ चुने हुए होम गार्ड को बुलाकार उनको प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण ८ दिनों का होगा। कोलकाता कंपनी के निदेशक संतोष शाह ने बताया कि उनकी कंपनी का जो विशेषज्ञों का दल आएगा वह न सिर्फ बोट के बारे में जानकारी देगा, बल्कि यह भी बताएगा कि बाढ़ की स्थिति में लोगों की जान कैसे बचानी है। उन्होंने बोट के बारे में बताया कि रबर की यह बोट पांच हिस्सों में बांटी गई है ताकि एक हिस्से की हवा निकलने पर बाकी हिस्से काम कर सके। उन्होंने बताया कि एक बोट को ४० मिनट के अंदर ही हवा भर कर तैयार किया जा सकता है। पूछने पर उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी ने छत्तीसगढ़ में बोट देने से पहले कुछ और राज्यों में बोट दी है। उन्होंने बताया बोट में१० लोगों के बैठने की क्षमता है।
सतनाम के बचाई है १०० जानें
बोट चलाने का प्रशिक्षण लेने वालों में शामिल होम गार्ड सतनाम सिंह ने बताया कि यहां तो हम महज बोट चलाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि वैसे उनको पांच साल से बोट चलाने का अनुभव है और वे भी दूसरे गार्ड को इसके बारे में बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे अब तक बाढ़ में करीब १०० लोगों की जानें बचा चुके हैं। उन्होंने बताया कि पिछले सालों में उन्होंने सिलतरा में जहां ४० जानें बचाई थी, वहीं आरंग एक गांव में आइ बाढ़ में भी उन्होंने कई जानें बचाई हैं। उनका कहना है कि बाढ़ में जाकर लोगों की जान बचाने में जो सुख मिलता है, वैसा सुख और कहीं नहीं मिल सकता है।
4 टिप्पणियाँ:
छत्तीसगढ़ में तो बाढ़ जैसी स्थिति कम ही रहती है ऐसे में कहीं यह कमीशन का खेल तो नहीं है बंधु जो 60 लाख के बोट खरीद लिए गए हैं।
चलिए आपके राज्य के लिए तो बाढ़ से निपटने का सामान आ गया है।
छत्तीसगढ़ सरकार की अच्छी पहल है, सरकार को साधुवाद
अच्छी पहल है।....... चलो,कहीं तो अच्छी शुरुआत हुई।सरकार ने जनता के बारे कुछ सोचा तो सही....
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