रमन की लागी राष्ट्रीय खेलों से लगन
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की लगन अब राष्ट्रीय खेलों से लग गई है। वे चाहते हैं कि अपने राज्य में भी राष्ट्रीय खेलों का महाकुंभ हो। ऐसे में उन्होंने खेल विभाग के प्रस्ताव पर फटाफट अपनी सहमति की मुहर लगा दी है। मुख्यमंत्री के साथ खेलमंत्री सुश्री लता उसेंडी की मंजूरी के बाद अब खेल विभाग मेजबानी लेने की तैयारी में जुट गया है। जल्द ही इसका प्रस्ताव बनाकर भारतीय ओलंपिक संघ के पास भेजा जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ में लगातार कई खेलों की राष्ट्रीय चैंपियनशिप हुई है और यहां पर जिस तरह की सुविधाएं हैं उसको देखते हुए छत्तीसगढ़ को मेजबानी मिल ही जाएगी। छत्तीसगढ़ बनने के बाद से ही ऐसे प्रयास किए जाते रहे हैं, पर अब जाकर इसको मुर्त रूप मिलने की उम्मीद जागी है।
प्रदेश के खेल विभाग ने छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के साथ बात करके राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने का मन बनाया और इसके लिए सारी जानकारी एकत्रित करके मुख्यमंत्री डॉ . रमन सिंह के सामने विभाग ने अपनी विभागीय मंत्री सुश्री लता उसेंडी के माध्यम से पूरी योजना रखी और उनसे इसके लिए मंजूरी मांगी। खेलों में विशेष रूचि लेने वाले मुख्यमंत्री ने योजना की जानकारी होने पर मेजबानी लेने के लिए मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों के लिए विकास के लिए कुछ भी करें कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि मेजबानी जरूर लें। यहां पर यह बताना लाजिमी है कि बिना प्रदेश सरकार की सहमति के राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी नहीं मिलती है। भारतीय ओलंपिक संघ के पास जो प्रस्ताव भेजा जाता है, वह प्रस्ताव प्रदेश सरकार के साथ प्रदेश ओलंपिक संघ का संयुक्त प्रस्ताव रहता है। प्रदेश सरकार की अनुमति इसलिए जरूरी होती है क्योंकि प्रस्ताव के साथ ५० लाख रुपए की राशि भी भेजनी पड़ती है और यह राशि प्रदेश सरकार देती है। मेजबानी मिलने के बाद एक करोड़ ५० लाख रुपए और देने पड़ते हैं।
खेलों का विकास ही पहली प्राथमिकता: लता- खेल मंत्री लता उसेंडी का कहना है कि प्रदेश में खेलों का विकास ही हमारी पहली प्राथमिकता है। यही वजह है कि खेल विभाग लगातार इस प्रयास में है कि किस तरह से प्रदेश के खेलों को आगे बढ़ाने का काम किया जाए। उन्होंने कहा कि यह बात तय है कि राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिलने से जहां छत्तीसगढ़ का नाम राष्ट्रीय नक्शे पर आएगा वहीं खेलों के लिए मैदानों की कमी पूरी हो जाएगी। वैसे हमारी सरकार लगातार खेल मैदानों पर ध्यान दे रही है और ज्यादा से ज्यादा मैदान बनाने का काम प्रदेश में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के माध्यम से भी खेलों के विकास के लिए खेल विभाग काम कर रहा है। राजनांदगांव में ४० करोड़ की लागत से साई के माध्यम से खेल सेंटर बनाया जा रहा है।
प्रस्ताव जल्द भेजेंगे: सिंह- खेल संचालक जीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद अब खेल विभाग इस दिशा में गंभीरता से जुट गया और प्रस्ताव भेजने की दिशा में काम प्रारंभ हो गया है। उन्होंने बताया कि जितनी जल्दी हो सकेगा प्रस्ताव बनाकर भेज दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वे लगातार ऐसे राज्यों से संपर्क कर रहे हैं जहां पर राष्ट्रीय खेल होने हैं। उन्होंने बताया कि विभाग का एक प्रतिनिधि झारखण्ड का दौरा करके भी आ गया है। इसी के साथ गोवा के खेल संचालक से भी चर्चा की गई है। गोवा में २००९ के राष्ट्रीय खेल होने हैं। उन्होंने बताया कि एक पूरी योजना बनाकर प्रस्ताव भेजा जाएगा। हम चाहते हैं कि हमें किसी भी हालत में मेजबानी मिल जाए। मेजबानी मिलने से प्रदेश में खेलों के मैदानों का अंबार हो जाएगा जो जीवन भर काम आएगा।
मेजबानी मिल जाएगी:बशीर- प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव बशीर अहमद खान ने कहा कि अच्छी बात है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए सहमति जता दी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में २००२ में ओलंपिक संघ बनने के बाद से राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने के प्रयास किए जा रहे थे। एक बार अजीत जोगी के शासन काल में कोशिश की गई थी, पर सरकार ने इस दिशा में गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। लेकिन अब युवा खेल मंत्री लता उसेंडी के साथ खेल सचिव सुब्रत साहू और संचालक जीपी सिंह खेलों के लिए काफी गंभीरता से काम कर रहे हैं। इन्होंने काफी कम समय में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी पर मुख्यमंत्री से सहमति लेकर एक अच्छी पहल की है। उन्होंने कहा कि उनको विश्वास है कि राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी छत्तीसगढ़ को मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि २००८ के राष्ट्रीय खेल झारखण्ड में, २००९ गोवा के, २०१० के केरल में और २०११ के उत्तर प्रदेश में होने हैं। २०१२ में ओलंपिक होने के कारण राष्ट्रीय खेल नहीं होंगे। ऐसे में छत्तीसगढ़ को २०१३ या २०१४ की मेजबानी मिल सकती है।
9 टिप्पणियाँ:
मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने का फैसला करने के लिए हमारे कराते संघ परिवार की तरफ से धन्यवाद
मप्र की तरह छत्तीसगढ़ में भी एक खेल गांव बनाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय खेल हुए तो जरूर मैदानों की भरमार हो जाएगी फिर कोई भी खिलाड़ी मैदानों के लिए तरसेगा नहीं।
नए राज्य में ऐसे आयोजन से ही खिलाडिय़ों का मनोबल बढ़ता है।
अलबर्ट चौबे गरियाबंद
प्रस्ताव जल्द भेजने का काम होना चाहिए, ताकि देर न हो जाएं।
जी के साहू कोरबा
छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिल जाए यही हमारी भी शुभकामनाएं हैं।
राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने का फैसला करने के लिए मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के साथ खेल मंत्री लता उसेंडी को भी हमारी बधाई। इस फैसले से छत्तीसगढ़ में खेलों को आगे बढऩे में मदद मिलेगी।
तनवीर अहमद खान दुर्ग
अग्रिम शुभकामनाएं....
छत्तीसगढ़ राज्य में राष्ट्रीय खेलो का आयोजन बहुत अच्छी पहल है. ऐसे आयोजन से राज्य का नाम पूरे देश में प्रचारित होगा साथ ही देश भर में राज्य की उप्लभ्दीयो से भी लोग रूबरू हो सकेंगे, आयोजन करने के अभिनव प्रयास के लिए चीफ मिनिस्टर, स्पोर्ट्स मिनिस्टर सुश्री लता उसेंडी , श्री सुब्रत साहू जी ,एवं श्री जीपी सिंह जी बधाई के पात्र है.
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