अबे तुम पत्रकार क्या घुटना दिमाग होते हो? - बे-बात पर ही खफा होगा
''राज़''-ब्लाग चौपाल- राजकुमार ग्वालानी
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सभी को नमस्कार करता है आपका *राज*
अबे तुम पत्रकार क्या घुटना दिमाग होते हो?
एक मित्र का फोन आया और उसने एक सवाल दाग दिया कि क्या तुम पत्रकार घुटना
दि...
13 वर्ष पहले
8 टिप्पणियाँ:
अरे वाह...हम तो अभी तक इंतज़ार में हैं...आंधी बदल कोई नहीं आया...लेकिन यहाँ तो जो एक बार आ गया फिर वो तीन महीने पहले हिलता नहीं...खोपोली जगह ही ऐसी है...
नीरज
राजस्थान की आंधी तो ऐसी ही होती है भाई.....!बाकि आपने फोटो बहुत ही अच्छे लिए है...
आसमान के नजारों की अच्छी तस्वीरें खींच है आपने
लगता है आपके प्रदेश में मानसून की दस्तक हो गई है, बधाई
हमें तो मौका ही नहीं मिल पाया फोटो का! 15 फुट का बोगनविलिया धराशायी हो गया था घर में। उसी में भिड़े हुये थे
यही एक काम बाकी था राजकुमार। अब तो तुम नाम के आगे फ़ोटोग्राफ़र भी लगा सकते हो। हा हा हा हा हा।बढिया खींची तस्वीर्।
अनिल जी,
हमें तो शुरू से ही फोटोग्राफी का शौक है और जहां तक हम समझते हैं कि हम एक अच्छे फोटोग्राफर शुरू से हैं। वैसे भी एक पत्रकार को फोटोग्राफर भी होना चाहिए। अगर पत्रकार में फोटोग्राफर के गुण न हों तो उसको फोटोग्राफर तो बना ही देंगे न। यह शायद हमारा दुर्भाग्य है कि इतने लंबे तक आपने हमारे साथ काम किया फिर भी आप हमारे इस गुण ने अंजान रहे। वैसे कभी हमने किसी को यह बताने की जरूरत महसूस नहीं ंकी कि हम फोटोग्राफी भी कर लेते हैं। अगर हम ऐसा करते तो जरूर प्रेस के एक फोटोग्राफर की छुट्टी हो जाती और हमने कभी किसी के पेट पर लात मारना नहीं सीखा है। हमें अपने नाम के आगे फोटोग्राफर लिखने की जरूरत कभी नहीं पडऩे वाली है, हां अगर समय आया तो अपने को एक अच्छा फोटोग्राफर साबित करने से पीछे हटने वाले नहीं हैं। हमने समय-समय पर अपने अखबार के लिए भी फोटोग्राफी की है, लेकिन कभी फोटोग्राफी नाम के लिए नहीं की है। अब अपना ब्लाग है और जब हम खुद फोटो खींचना जानते हैं तो फिर उसका उपयोग करने में क्या बुराई है।
बहुत ही सुनदर तस्वीरें कैद की हैं आप ने--किस्मत वाले हैं इतनी जल्दी बारिशों का आनंद ले रहे हैं-
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