हर दूसरे घर में हैं बलात्कारी दरिंदे
अभी कुछ दिनों से लगातार अखबार और टीवी चैनलों की सुर्खियों में बलात्कार करने वाले एक हीरो की चर्चा है। चर्चा इसलिए ज्यादा है क्योंकि बलात्कार जैसा अपराध करने वाला यह बंदा एक फिल्म स्टार है। ऐसे में सुर्खियों का बनना लाजिमी है। अब यह बात अलग है कि शाइनी आहूजा ने बलात्कार किया है, या नहीं। यह तो बाद में मालूम होगा। लेकिन इसमें कोई दो मत नहीं है कि आज हर दूसरे घर में बलात्कार करने वाले दरिंदे मौजूद हैं। आज की नारी सबसे ज्यादा असुरक्षित अगर कहीं है तो वह उसका अपना घर या फिर वह स्थान है जहां पर वह काम करती है। काम करने वाली नौकरानियों का हाल तो सबसे बुरा है कहा जाए तो गलत नहीं होगा। सच्चाई यही है कि हर दूसरी नौकरानी भी बलात्कार या फिर यौन शोषण का शिकार होती है।
अचानक यह खबर आई कि फिल्म स्टार शाइनी आहूजा ने अपने घर पर काम करने वाली 18 साल की नौकरानी के साथ बलात्कार किया है। जैसे ही यह खबर फैली सब सकते में आए गए। इसी के साथ आया अखबारों, चैनलों के साथ ब्लाग जगत में भूचाल। हर कोई अपना-अपना राग अलापने लगा। शाइनी ने तो अपना अपराध भी कबूल कर लिया, ऐसी खबर भी आई। अपराध कबूल करने के बाद उनको पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। शाइनी के बयान पर गौर करें तो उन्होंने अपना अपराध कबूल नहीं किया है, बल्कि यह माना है कि उन्होंने अपनी नौकरानी के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं। और ये संबंध उसकी मर्जी से बनाए हैं। यह अलग मुद्दा है कि उनकी नौकरानी ने उन पर बलात्कार का आरोप क्यों लगाया है। यह सब मालूम करना पुलिस का काम है। मुद्दा यह है कि शाइनी ने चाहे बलात्कार किया हो या फिर अपनी नौकरानी के साथ उसकी मर्जी से शारीरिक संबंध बनाए हों, है तो कुल मिलाकर यह गलत ही।
शाइनी जैसे अभिनेता अगर ऐसे करते हैं तो आम आदमी क्या करता होगा यह सोचने वाली बात है। अगर सच्चाई पर नजरें डाली जाएं तो आज हर घर में काम करने वाली दूसरी नौकरानी या तो बलात्कार की शिकार होती है या फिर उसका किसी भी तरह से यौन शोषण किया जाता है। अब यह शोषण चाहे उनको डरा कर किया जाता हो या फिर पैसों के दम पर। ज्यादातर मामले इसलिए सामने नहीं आ पाते हैं क्योंकि बलात्कार और यौन शोषण करने वाले दरिंदे ऐसी नौकरानियों की गरीबी की मजबूरी का फायदा उठाकर उनके हाथ में कागज के वो हरे-हरे नोट रख देते हैं जिनकी जरूरत सबको रहती है खासकर गरीबी में जीवन यापन करने वालों को। ऐसे में उन शिकार हुई महिलाओं को अपना मंहु बंद करना पड़ता है। जब महिलाओं का मुंह बंद हो जाता है तो ऐसे में हवस के पुजारियों के हौसले और बढ़ जाते हैं और उनके शिकार करने की भूख भी बढ़ जाती है। ऐसे में लगातार शिकार बढ़ते जाते हैं।
यह तो घर में काम करने वाली गरीब नौकरानियों की बातें हैं। लेकिन इससे आगे की बात की जाए तो आज ऐसा कौन सा दफ्तर है और कौन सा क्षेत्र है जहां पर महिलाओं के साथ अनाचार नहीं होता है। सबसे ज्यादा असुरक्षित कहीं महिलाएं हैं तो वो उनका अपना खुद का घर है। आज तो बाप भी सांप बन गए हैं और अपनी बेटियों को ही हवस का शिकार बनाने से पीछे नहीं हटते हैं। घर परिवार में ऐसा कोई नाते रिश्तेदार नहीं है जो महिलाओं को अपनी हवस का शिकार नहीं बनता है। आज लगता है कि समाज का पूरी तरह से पतन हो चुका है और इस समाज को सुधारने काफी कठिन है। यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर लगातार चिंतन के साथ ठोस कदम भी उठाने की जरूरत है। इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि बलात्कार या यौन शोषण का शिकार होने वाली महिलाओं को ठीक उसी तरह से सामने आना पड़ेगा जिस तरह से शाइनी की नौकरानी सामने आईं हैं। उसकी हिम्मत की दाद देनी चाहिए कि उन्होंने एक स्टार के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत की है।
अगर उसकी मंशा सही है तो सबको उसका साथ देना चाहिए। मंशा सही होने की बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कई बार कई शातिर लड़कियां अपने मतलब के लिए ऐसा करने का काम करती हैं। कई उदाहरण हैं जब किसी का किसी से सौदा नहीं पटा है तो उस पर बलात्कार का आरोप लगाकर उसको कटघरे में खड़ा कर दिया गया है। जिस तरह से शाइनी के पक्ष में उनकी पत्नी के साथ और लोग खड़े हुए हैं उससे एक बार संदेह होता है फिर शाइनी के बयान को भी नहीं भूलना चाहिए जिसमें उन्होंने यह कहा है कि उन्होंने नौकरानी की मर्जी से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। किसी भी मामले में हर पहलू पर गौर करने के बाद ही किसी फैसले पर पहुंचना चाहिए। और अदालत भी यही करेगी। यह नहीं कि किसी पर आरोप लगा नहीं कि उसको चढ़ा दिया जाए सूली पर। अगर वास्तव में कोई अपराधी है तो उसको सजा दिलाने के लिए पूरे समाज को एकजुट हो जाना चाहिए। शाइनी भी अगर वास्तव में अपराधी हैं तो उनके खिलाफ देश भर की महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी उनके खिलाफ खड़े होना चाहिए। समाज के विरोध के बिना बलात्कार और यौन शोषण जैसा घिनौना अपराध करने वालों का कुछ बिगडऩे वाला नहीं है। जिसके साथ अनाचार होता है उसको कोर्ट में वकीलों के सामने क्या-क्या सहना पड़ता है यह बताने की बात नहीं है। इसी डर से भी ज्यादातर मामले सामने नहीं आ पाते हैं। इस मामले में काफी कुछ लिखा जा सकता है और कई ऐसे मामले हैं जिनकी चर्चा बाद में हम जरूर करेंगे। फिलहाल इतना ही। शेष बातें एक छोटे से ब्रेक के बाद।
10 टिप्पणियाँ:
शाइनी की पत्नी ने जिस तरह का अंधा विश्वास अपने पति पर जताया है ऐसा ही अंधा विश्वास तो पुरुषों को गलत रास्ते पर जाने के लिए उकसाता है। पहले सच्चाई का पता लगाने के बाद उनको कोई फैसला करना था। लगता है शाइनी की पत्नी ने पति को परमेश्वर मानकर आंखें बंद करके फैसला किया है।
शाइनी की नौकरानी का सबको साथ देना चाहिए
समाज के विरोध के बिना बलात्कार और यौन शोषण जैसा घिनौना अपराध करने वालों का कुछ बिगडऩे वाला नहीं है। ये बात को बिलकुल सच है।
अन्नु जी, ठीक कहती हैं आप, पति परमेश्वर होता है इसका यह मतलब नहीं है कि उसके सभी बुरे कामों में भी उसका आंधे बंद करके साथ दिया जाए।
कहां हैं वो बड़बोली महिलाएं जो अत्याचार के खिलाफ लडऩे की बात करती हैं। क्यों नहीं आती हैं शाइनी की नौकरानी के पक्ष में सामने?
क्या महिला ही महिला की दुश्मन नहीं है जिस तरह से शाइनी की पत्नी ने बिना सच्चाई जाने अपने पति को पाक साफ कह दिया है जबकि उनके पति खुद इस बात को कबूल रहे हैं कि उन्होंने नौकरानी के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं।
गरीबी का फायदा उठाने का काम तो हर कोई करता है। ऐसा काम करने वालों को कड़ी सजा मिलनी ही चाहिए।
when ever some thing is in court then its beeter to comment upon it once the court gives it opinion
any thing subjudice need careful attention
बेनामी ने कहा…
कहां हैं वो बड़बोली महिलाएं जो अत्याचार के खिलाफ लडऩे की बात करती हैं। क्यों नहीं आती हैं शाइनी की नौकरानी के पक्ष में सामने?
such people have only one thing in mind to creat hue and cry over issues that have no meaning
we should wait before crucifying and every one is right because its all happening as wifes protect their husbands
in this case shiny and his wife are already undergoing separation if media is to be belived and by doing this the wife is only ensuring that she can claim the property etc of shiny
regds
rachna
बलात्कार और यौन शोषण करने वालों की कड़ी सजा देनी चाहिए
सच कह रहे हैं आप, दुनिया कितनी बदल गयी है।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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