वेलेंनटाइन डे के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए
संत आसाराम बापू ने साधकों को सचेत करते हुए कहा कि यदि भारत बचेगा तो विश्व बचेगा, उन्होंने कुछ सामाजिक विकृतियों पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि आज साढ़े बारह लाख कन्याएं स्कूल जाने से पहले गर्भवती हो जाती है। उन्होंने कहा कि वेलेंनटाइन डे के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए, प्यार या मोहब्बत को प्रदर्शित करने का यह एक गलत प्रदर्शन है। गणपति ने भी माता-पिता की पूजा की थी और जो प्यार उन्हें मिला वह एक शिक्षा है। माता-पिता की सेवा और प्रेम से बढ़कर कुछ भी नहीं है। केक काटकर, मोमबत्ती बुझाकर आप प्रकाश से अंधकार की ओर जाते हैं यदि जीवन में प्रकाश लाना है तो आप जितने वर्ष के हो चुके हैं उतने दिए भगवान के मंदिर में जलाए तो जीवन शक्ति में वृद्धि होगी। भगवान के लिए प्रसाद व भोग लगाकर बांटे तो ज्ञान, बुद्धि, कर्म सुखदायी होगा। दिव्य प्रेरणा से ही बच्चों में अच्छी भावनाएं जागृत होती है। संत आसाराम बापू ने कहा कि भगवत नाम में अद्भूत शक्ति है, आत्मा और परमात्मा का मिलन सत्संग से मिलता है। भगवान का नाम जिसके जीवन में जुड़ गया वह धनभाग है। अगर भगवान से जुड़े हंै तो भगवत नाम की अनुभूति भी करेंगे और अगर नहीं जुड़े हैं तो आप अनाथ है। इस जनम का क्या अगले जनम का पाप मिटाने की शक्ति भी भगवत मंत्र में हैं।
साइंस कालेज मैदान में दो दिवसीय सत्संग कार्यक्रम में संत आसाराम बापू मंच पर पहुंचे समूचा मैदान ऊँ नमो: भगवते वासुदेवाय से गूंज उठा और सैकड़ों-हजारों हाथ हरि ऊँ, हरि ऊँ के साथ साधक झूमने लगे। कुछ ही देर में बापू ने उन्हें शांत करते हुए कहा कि मिनी कुंभ है रायपुर, उन्होंने अपने अंदाज में पूछा क्या हाल है रायपुर वालों। आज के इस कार्यक्रम को हिन्दुस्तान के लोग ही नहीं बल्कि कनाडा, यू।के. जैसे और भी दर्जनों देशों के लोग वेबसाइट पर देख रहे हैं और इसके बाद उन्होंने एकाग्रचित लोगों को अपनी ओजस्वी वाणी में बांधा। उन्होंने कहा कि भगवत नाम में एक अद्भूत शक्ति है जो हर प्रकार की दुर्बलताओं को भगा देता है। जिनके जीवन में गुरु मंत्र होता है उन्हें यह अहसास रहता है कि उसके पीछे कर्नल, बिग्रेडियर जैसे मजबूत आश्रय है। यदि कोई भय दिखाता है तो इस अद्भूत शक्ति मात्र से भय दिखाने वाले के बंदूक की गोली खत्म हो जाती है लेकिन भगवत नाम का उच्चारण नहीं। उन्होंने कहा कि थोड़ा सा धन या पद मिले तो लोगों के मन में अहंकार आ जाता है, लोभ, मोह, क्रोध नहीं करना चाहिए, धन या बुद्धि का गर्व न करें। उन्होंने उपस्थित जनप्रतिनिधियों की ओर संकेत करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेेयी जैसे लोग भी उनके सत्संग में एक सामान्य आदमी की तरह बैठे है और एक अच्छे आदमी के उन्नत होने के लिए यही सही है।
भगवान का नाम जिसके जीवन में जुड़ा है वह धनभाग है, अगर आप भगवान से जुड़े है तो ही इसकी अनुभूति करेंगे और अगर नहीं तो आप अनाथ है। यदि भगवान से जुड़े है, जुड़े रहेंगे तो साथ नहीं झूठता और आपका बेड़ा पार है। ज्ञान, प्रेम, चेतना सत्संग से ही मिलता है, आत्मा-परमात्मा का मिलन भी सत्संग से मिलता है। आत्मा परमात्मा है, भगवत शक्ति, भक्ति, प्रेम को लाने से ही यह मिलता है। दुनिया का कोई भी स्कूल या कालेज वह प्रमाण पत्र नहीं दे सकता जिससे वह आनंद मिलता हो जितना कि सत्संग में आने से मिलता है। उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा कि यदि मैं झूठ बोलूं तो तुम मरो। मंत्रों की अपनी अलग शक्ति होती है विभिन्न मंत्रों की शक्ति और महिमा उन्होंने साधकों को बताई। मंत्र के साथ-साथ प्राणायाम के फायदे उन्होंने गिनाए तथा प्रत्यक्ष रुप से प्राणायाम कराकर उसकी विधि भी उन्होंने बताई।
बापू ने दवाओं को भूकंप से भी ज्यादा घातक बताया, उन्होंने कहा कि मंत्र में इतनी शक्ति है कि ब्लडप्रेशर, हार्ट अटेक से भी बचा जा सकता है। अंग्रेजी दवाओं का उपयोग कर लोग मर जाते है। मंत्रों में आत्मिक शक्ति है पीड़ा से दवा कुछ राहत जरुर पहुंचा सकती है लेकिन रोग नहीं भगा सकती। रोग भगाने का हथियार गुरु मंत्र से ही मिलेगा इसलिए कहा गया है ''नाशै रोग हरै सब पीड़ा, जपत निरंतर हनुमंत वीरा। तिलक लगाने की जगह पर ओमकार का ध्यान करें तो बुद्धि विकसित होगी। निर्भय गुरु नाम के मंत्र का आश्रय है। नियम-निष्ठा यदि जीवन में रखें तो भय, रोग, शोक, चिंता, पाप दूर हो जाते है। ईश्वर की कामना मात्र से आपकी चेतना एकाग्र होगी।
5 टिप्पणियाँ:
मंत्र में इतनी शक्ति है कि ब्लडप्रेशर, हार्ट अटेक से भी बचा जा सकता है। अंग्रेजी दवाओं का उपयोग कर लोग मर जाते है। मंत्रों में आत्मिक शक्ति है पीड़ा से दवा कुछ राहत जरुर पहुंचा सकती है लेकिन रोग नहीं भगा सकती। रोग भगाने का हथियार गुरु मंत्र से ही मिलेगा इसलिए कहा गया है ''नाशै रोग हरै सब पीड़ा, जपत निरंतर हनुमंत वीरा।
बापू की यह बात तो सही है
बापू की बातें सिर-आंखों पर गुरु
स्कूल जाने से पहले लाखों लड़कियों का गर्भवती होना देश और समाज के लिए बहुत ज्यादा घातक है।
पश्चिमी संस्कृति से ही तो देश की युवा पीढ़ी बिगड़ रही है।
काफ़ी अच्छा लिखा है और विवादित मुद्दा भी है लेकिन बापू के शब्दो की वजह से ठिक लग रहा है।
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