बलात्कार तो शाइनी का हुआ !
शाइनी आहूजा एक सीधा साधा, भोला-भाला इंसान है। वह इंसान किसी का दिल भी नहीं दुखा सकता है। शाइनी ने कभी ऐसा कोई काम नहीं किया है जिसके कारण किसी को परेशानी हो, फिर वह बलात्कार कैसे कर सकते हैं। उनको सरासर फंसाने का काम किया जा रहा है। अरे.... अरे... मित्रों आप नाराज क्यों हो रहे हैं, यह हम नहीं कह रहे हैं और हम कभी ऐसे इंसान की वकालत भी नहीं कर सकते हैं जिनके ऊपर बलात्कार का आरोप लगा हो। यह सब तो शाइनी की महान पत्नी कह रही हैं। एक तरह से अनुपमा का दावा है कि शाइनी ने बलात्कार नहीं किया है बल्कि उनका ही बलात्कार हुआ है। अनुपमा ने यह बात सीधे तौर पर नहीं कही है लेकिन उन्होंने जिस तरह से यह कहा है कि महिलाएं भी रेप कर सकती हैं, उसका सीधा सा मतलब तो यही है कि एक 16 साल की नाबालिग ने उनके पति का रेप कर दिया है। जो लड़की शाइनी का शिकार बनी है उसके नाबालिग होने की बात की जा रही है और वह लड़की छत्तीसगढ़ की एक आदिवासी लड़की है जिसका संबंध जशपुर जिले के गांव डुमाटोली से है। इधर एक पत्रकार महोदय भी शाइनी के पक्ष में सामने आकर उन पर लगे आरोप को गलत साबित करने में तुले हैं।
किसी भी पत्नी का अपने पति के ऊपर भरोसा करना बहुत अच्छी बात है, लेकिन जरूरत से ज्यादा भरोसा घातक होता है। पहले हमेशा किसी भी सच्चाई को गंभीरता से जानना चाहिए उसके बाद कोई फैसला करना चाहिए। लेकिन शाइनी आहूजा की पत्नी को तो लगता है पति धर्म निभाने का भूत चढ़ा हुआ है। भूत भी ऐसा कि उसको कोई भी उतार नहीं सकता है। जब से शाइनी पर अपनी नौकरानी से बलात्कार करने का आरोप लगा है अनुपमा आहूजा लगातार एक ही बात रट रही हैं कि उनके पति ऐसा नहीं कर सकते हैं। उनकी यहां तक की बात तो ठीक थी कि चलो कोई भी पत्नी नहीं चाहती है कि उनके पति पर ऐसा आरोप लगा हो और वह उस पर भरोसा न जताए। लेकिन अब तो अनुपमा के बयान से अति ही हो गई है। अनुपमा का सीधे तौर पर ऐसा मानना है कि बलात्कार शाइनी ने नहीं किया है बल्कि उनका बलात्कार हुआ है।
यह बात भले उन्होंने सीधे तौर पर नहीं कही है, पर जिस तरह से उन्होंने सीधे नारी जाति पर तोहमत लगाने का काम किया है कि महिलाएं भी बलात्कार कर सकती हैं, उससे उनके कहने का मतलब यही है कि शाइनी का बलात्कार हुआ है। अब सोचने वाली बात यह है कि शाइनी का एक 16 साल की लड़की कैसे बलात्कार कर सकती है। एक बार यह कहा जाता कि शाइनी को फंसाया गया और लड़की ने उनको शारीरिक संबंध बनाने के लिए खुद उकसाया था तो बात हजम भी हो जाती। वैसे मुंबई के एक पत्रकार महोदय जरूर इसी लाइन पर काम कर रहे हैं और यह साबित करने की जुगत में है कि शाइनी को फंसाया गया है और लड़की के उकसाने पर ही शाइनी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। ये पत्रकार महोदय शाइनी के घर के आस-पास के लोगों से मिलकर जासूसी का काम कर रहे हैं। इनकी जासूसी से ही यह बात सामने आई है कि लड़की का एक बॉय फ्रेंड है जिसकी आदतें ठीक नहीं हैं। मुबंई की भाषा में कहा जाए तो वह मवाली है। ऐसे में इस बात की संभावना है कि लड़की ने उसके कहने पर पैसों के चक्कर में शाइनी को फंसाया होगा। अब असली मामला चाहे जो होगा वह तो सामने आ ही जाएगा।
बहरहाल यहां पर सवाल है कि अनुपमा ने अपने पति को बचाने के लिए जो बयान दिया है उसे महिला मंडली किस रूप में लेती है। वैसे इस बात को जरूर माना जा सकता है कि महिलाएं बलात्कार कर सकती हैं। ऐसे कुछ मामले हुए भी हैं, लेकिन कोई एक महिला किसी एक पुरुष का बलात्कार कर सकती है, ऐसा मामला कम से कम हमने तो नहीं सुना है। हां कुछ लड़कियों द्वारा एक लड़के के साथ बलात्कार के दो मामले काफी पहले तब हमारी नजरों में आए थे जब हम लॉ कॉलेज में पढ़ते थे। उस समय एक तो जलगांव में और एक मामला भिलाई में हुआ था कि कुछ लड़कियों ने अपने घर में एक लड़के को बुलाकर उसका गैंप रेप किया था। ऐसे में हमने भी अपने कॉलेज में प्रोफेसर से एक सवाल किया था कि अगर कोई महिला किसी पुरुष का रेप कर दे तो क्या सजा होती है। ऐसे में उनका जवाब था कि पुरुष को समाज में बलशाली माना जाता है ऐसे में संविधान में ऐसी कोई धारा नहीं है। अब यह बात तो गलत है कि पुरुष बलशाली है इसलिए कोई धारा नहीं है। अगर कुछ लड़कियां या फिर कुछ महिलाएं ऐसा कृत्य करती हैं तो उनके लिए भी धारा 376 का उपयोग होना चाहिए, पर ऐसा नहीं होता है।
बहरहाल इस समय बहस का मुद्दा यह नहीं है। इधर शाइनी की नौकरानी की बात की जाए तो वह ऐसा इसलिए नहीं कर सकती है क्योंकि वह लड़की नाबालिग है। भले उस लड़की को 20 साल की बताया जा रहा है, पर लड़की दरअसल में 16 साल की है और यह लड़की छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की डुमाटोली गांव की है। यह लड़की यहां से महज चार माह पहले ही लापता हुई है। जशपुर क्षेत्र की कई आदिवासी लड़कियों को बहलाकर मुंबई ले जाया गया है काम दिलाने के नाम पर। वहां पर इन लड़कियों से जिस्मफरोशी का भी धंधा करवाया जाता है, ऐसी खबरें कई बार आई हैं। मुंबई की पुलिस लड़की की सही उम्र का पता लगाने के लिए छत्तीसगढ़ भी आई है और लड़की के मूल गांव भी गई है। अगर लड़की वास्तव में नाबालिग हुई तो फिर शाइनी का बचना मुश्किल हो जाएगा। फिर वे चाहे यह साबित भी कर दें कि लड़की की सहमति से उन्होंने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। ऐसे में लड़की के नाबालिग होने की वजह से उन पर बलात्कार का मामला बन ही जाएगा। अब मामला किस करवट बैठता है यह तो लड़की की सही उम्र सामने आने के बाद ही मालूम होगा। लेकिन फिलहाल तो शाइनी की पत्नी की जय हो...।
21 टिप्पणियाँ:
बहुत बढ़िया
शाइनी को सजा तो मिलनी ही चाहिए, फिर चाहे लड़की की सहमति से ही शारीरिक संबंध बनाए गए हों। अब जबकि लड़की के नाबालिग होने की बात की जा रही है तब तो और जरूरी है कि शाइनी को सजा मिले
जय हो-जय हो ही है भईया अनुपमा आहूजा की। पत्नी हो तो ऐसी , भले उसके पति करते रहे लड़कियों की ऐसी की तैसी
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कंहा इस लफ़डे मे फ़से हो राजकुमार।
रेप चाहे कोई भी करे पुरुष या फिर महिला सजा तो उसे बलात्कार की मिलनी ही चाहिए। जब महिलाएं बराबरी के दर्जे की बात करती हैं और कोई महिला किसी का रेप करने की आरोपी पाईं जाती है तो उसके लिए संविधान में प्रावधान क्यों नहीं है?
एकदम सही बात कही आपने राजकुमार जी ! सच कहू तो सुरु की २-३ लेने पढने के बाद मेरा भी खून खौल गया था, किन्तु जब पूरा लेख पढा तो समझ में आया ! इसी लिए कहते है कि कभी भी आधी बात जानकार और पढ़कर जल्दबाजी में प्रतिक्रया नहीं देनी चाहिए !
रही बात शाइनी की तो अगर इस देश में कानून नाम की चीज अगर राजनीति की तरह भरष्ट नहीं हुई है तो उसकी पत्नी, उसके चाहने वाले, जौन सा भी तर्क दे, परीक्षण से यह साबित हो चूका है कि उसने बलात्कार किया है, अतः उसे उसकी सजा मिलनी ही चाहिए ! यह इस देश का दुर्भाग्य है कि जो ऐसे घृणित अपराधी होते है उन्हें हम बड़ी इज्जत से सरकारी दामाद बना कर रखते है ! साथ ही देखना यह भी है, (जैसा कि आपने भी कहा) कि मग्लोरे में श्रीराम सेना के मुथालिक को चड्डीया उपहार में देने वाली हमारे ये ऊँचे तबके की माँ बहिने इस केश में क्या कदम उठाती है ?
आप ने लेखा " लेकिन फिलहाल तो शाइनी की पत्नी की जय हो...।" यह भारतीय पत्नी है और असे वक्त पर कोई भी पत्नी यही कहती जो अनुपमा ने कहा है । यदि शाइनी ने अपराध किया है तो उसे आम आदमी से ज्यादा सजा मिलनी चाहिय ।
अनुपमा की अंधी पति भक्ति को सलाम है गुरु
अनुपमा आहूजा महिलाओं के नाम पर कंलक है।
नारी जाति को अनुपमा का बहिष्कार करना चाहिए
बलात्कारी पति की वकालत करना ही गलत है। अनुपमा को शर्म आनी चाहिए यह कहते हुए कि महिलाएं भी रेप कर सकती हैं। हो सकता है उनको इसका अनुभव हो।
अपवाद स्वरूप कुछ ऐसी घटनाएं जरूर हो सकती हैं जिसमें कुछ महिलाएँ किसी पुरुष का रेप कर दें। भारत जैसा देश में ऐसी घटनाएँ संभव नहीं है। अगर विदेश की बात करें तो वह जरूर एक महिला ही एक पुरुष का रेप कर सकती है। विदेशी संस्कृत में रेप जैसी स्थिति बहुत कम आती है।
बेचारी मिसेज शाइनी।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
अनुपमा जी वकील की सलाह से बोल रही है जिसे आगे चल कर ये सिद्ध करना है कि शाहनी तो इस कृत्य के काबिल ही नही थे उन्हे फ़साया गया है नही यकीन तो इंतजार कीजीये अगले पाच छै साल मे यही नतीजा सामने आयेगा कि लडकी ने शाहनी को पहचानाने से ही मना कर दिया या केस वापस ले लिया या उसके साथ रेप किसी और ने किया था उसने शाहनी को कुछ पैसे के लालच मे फ़साने की कोशिश की थी.याद रखिये एक वकील सच को झूठ और झूठ को सच सिद्ध करने मे महारत हासिल किये होता है.
जैसे अपने बेटे की गलती होते हुए भी अमूमन माँएं उसका पक्ष लेती है, क्या एक पत्नी ऐसा नहीं कर सकती? सबको अपनी बात रखने का अधिकार है.
यह बात अलग है कि शायनी ने क्या किया है और उसे क्या सजा मिलनी चाहिए.
यह एक नई जानकारी है कि लड़की छत्तीसगढ़ की आदिवासी लड़की है औ नाबालिग है।
कौन कहता है की विदेशी संस्कृति में बलात्कार जैसी स्थिति बहुत कम आती है? यह आधुनिक सभ्यता का अभिशाप है. आंकड़े यहाँ हैं:
http://en.wikipedia.org/wiki/Rape_statistics
अदालत के फ़ैसले का इंतजार है!
हद है जी...!
क्या हम मनुष्यों की बात कर रहे हैं?
अजी छोडिए कुछ दिन बाद खबर आयेगी की रेप हुआ ही नहीं वो तो छुआ छुअल्ली खेल रहे ठे
क्या बकवास है
वीनस केसरी
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